मानहानि केस में Rahul Gandhi को 2 साल की सजा, लोकसभा सदस्यता पर भी खतरा
सूरत
मोदी समाज को लेकर दिए बयान पर सूरत की एक अदालत ने राहुल गांधी को दोषी करार देते हुए 2 साल की सजा सुनाई है. एक कार्यक्रम के दौरान कांग्रेस पार्टी के नेता राहुल गांधी ने मोदी सरनेम को लेकर टिप्पणी की थी, जिसके खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज कराया गया. इस मामले में आज यानि गुरुवार को सूरत सेशन कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए राहुल गांधी को दोषी करार दिया है और दो साल की सजा का ऐलान किया है. फैसला सुनाए जाते समय राहुल गांधी खुद भी कोर्ट में मौजूद थे.
हालांकि सजा के ऐलान के बाद राहुल गांधी को जमानत भी मिल गई.इसके बाद उन्हें दो साल कैद की सजा सुनाई गई है। हालांकि, उन्हें कोर्ट ने ऊपरी अदालत में जाने के लिए 30 दिन की मोहलत देते हुए जमानत दे दी है। फैसले के वक्त खुद राहुल गांधी भी कोर्ट में मौजूद रहे। 2 साल की सजा की वजह से राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता पर भी खतरा बन गया है।
चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट एचएच वर्मा ने 17 मार्च को सुनवाई पूरी होने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। कोर्ट से बाहर निकले वकील के मुताबिक, जज ने राहुल को दोषी करार देते हुए पूछा कि क्या वह कुछ कहना चाहते हैं? इस पर राहुल ने कहा कि वह भ्रष्टाचार के खिलाफ बोलते रहते हैं, लेकिन जानबूझकर ऐसा कुछ नहीं कहा था। बचाव पक्ष के वकील ने कहा कि राहुल ने जो बात कही थी उससे किसी को हानि नहीं हुई है तो कम से कम सजा दी जाए।
वहीं, अभियोग पक्ष के वकील ने कहा कि राहुल गांधी सांसद हैं। जो लोग कानून बनाते हैं वही तोड़ेंगे तो इसका समाज में क्या संदेश जाएगा, इसलिए उन्हें अधिकतम सजा दी जाए।
यह केस राहुल गांधी के खिलाफ 2019 में दर्ज किया गया था। उन्होंने कर्नाटक में एक चुनावी जनसभा के दौरान मोदी सरनेम को लेकर विवादित बयान दिया था। राहुल गांधी ने इस दौरान नीरव मोदी, ललित मोदी का जिक्र करते हुए आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। राहुल ने कहा था, 'क्यों सभी चोरों का समान उपनाम मोदी ही होता है?'
इसके बाद बीजेपी विधायक परनेश मोदी ने उनके खिलाफ केस दर्ज कराया था। उनका दावा था कि राहुल के बयान से मोदी समुदाय का अपमान हुआ है। राहुल गांधी को इस केस में तीन बार कोर्ट में पेश होना पड़ा था। उन्होंने कहा था कि चुनावी समभा मं उन्होंने बयान दिया था और याद नहीं है कि क्या कहा था। कोर्ट में सभा की वीडियो रिकॉर्डिंग को पेश किया गया था। निर्वाचन अधिकारी को भी बुलाया गया था।
बता दें कि साल 2019 में लोकसभा चुनावों के वक्त राहुल गांधी ने दक्षिण में जोर शोर से प्रचार प्रसार किया था. इस दौरान उन्होंने कर्नाटक में आयोजित एक जनसभा को संबोधित करते हुए सवाल उठाया था कि आखिर ये कैसे हो रहा है कि सभी चोरों के उपनाम मोदी हैं. उनके इस बयान पर आपत्ति जताते हुए गुजरात बीजेपी के नेता और विधायक पूर्णेश मोदी ने राहुल गांधी के खिलाफ आपराधिक मानहानि का केस दर्ज कराया था.
उन्होंने आरोप लगाया था कि राहुल गांधी ने इस बयान के जरिए किसी व्यक्ति विशेष को नहीं, बल्कि समूचे मोदी समुदाय के लोगों की भावनाओं को आहत किया है. उनके इस बयान से समाज में मोदी समुदाय के लोगों का मान गिरा है. उनके इस आरोप और पेश किए गए तथ्यों के आधार पर सूरत कोर्ट में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एचएच वर्मा की अदालत में बीते शुक्रवार को सुनवाई की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और कोर्ट ने फैसला सुनाने के लिए आज की तिथि नीयत की है.उनके वकील किरीट पानवाला के मुताबिक इस मामले में अपना बयान दर्ज कराने के लिए राहुल गांधी खुद तीन बार अदालत में पेश हो चुके हैं. इससे पहले अक्तूबर 2021 में वह बयान दर्ज कराने पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने खुद को निर्दोष बताया था.