Uncategorized

खतरे में है तिहाड़ जेल की सुरक्षा पर उठे सवाल? मोबाइल टावर के लगने पर विवाद

नईदिल्ली

 क्या एक मोबाइल टावर से तिहाड़ जेल की सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है? वेस्ट दिल्ली के हरिनगर इलाके में रहने वालों को तो ऐसा ही लगता है, जिन्हें अपने इलाके के एक पार्क में मोबाइल टावर के लगने से आपत्ति है। उन्होंने इसकी शिकायत नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) से की, जिसने संबंधित कंपनी के साथ एमसीडी कमिश्नर और दिल्ली पॉल्यूशन कंट्रोल कमिटी (डीपीसीसी) से इस पर जवाब मांगा है।

20 अक्टूबर को होगी अगली सुनवाई
एनजीटी अध्यक्ष प्रकाश श्रीवास्तव की अगुवाई वाली बेंच ने गौर किया कि इसी तरह का एक और मामला ट्रिब्यूनल में पेंडिंग है, इसलिए उन्हें फिलहाल प्रतिवादियों को नोटिस जारी करना ही बेहतर लगा। मामले में अगली सुनवाई 20 अक्टूबर को होगी। हरी नगर डी. बी. ब्लॉक की आरडब्ल्यूए ने मामले में याचिका दायर कर तिकोना पार्क में मोबाइल टावर लगाने और उसके लिए पार्क की हरियाली से छेड़छाड़ की इजाजत नहीं लेने का इंडस टावर नाम की एक कंपनी पर आरोप लगाया।

संगठन के मुताबिक, कंपनी ने हरे भरे इलाके में एक स्थायी ढांचा खड़ा कर दिया है । इस टावर से आने वाली हमिंग साउंड (भिनभिनाने की आवाज या गुंजन) से इलाके में रहने वाले बुजुर्गों और बच्चों को दिक्कतें हो रही हैं। सबसे गंभीर आरोप तो यह लगाया कि यह टावर तिहाड़ जेल के बहुत नजदीक में है और इससे जेल की सुरक्षा के लिए भी खतरा पैदा हो सकता है।

मोबाइल टावर पर उठ सवाल
एनजीटी ने गौर किया कि हरी नगर के हरी कुंज सोसायटी ने भी इसी तरह की शिकायत इसी कंपनी के खिलाफ दर्ज कराई थी। ट्रिब्यूनल ने इसी तरह के मुद्दों पर अपने पुराने आदेशों पर भी गौर किया जिसमें कहा गया कि पार्क में मोबाइल टावर लगाने की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए। इन सब तथ्यों के मद्देनजर ट्रिब्यूनल ने मोबाइल टावर कंपनी, एमसीडी के कमिश्नर और डीपीसीसी को नोटिस जारी कर उनका जवाब मांगा और मामले में अगली सुनवाई के लिए 20 अक्टूबर की तारीख तय कर दी।

 

Pradesh 24 News
       
   

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button