बिलासपुर
कांग्रेस में गुटबाजी, पाला बदलने के बाद अब प्रत्याशियों के विरोध की आग अन्य सीटों पर फैल रही है। राजनांदगांव, बस्तर के बाद अब बिलासपुर में भी कांग्रेस प्रत्याशियों का विरोध बढ़ने लगा है। प्रत्याशी की घोषणा के साथ ही बिलासपुर में विरोध की स्थिति बनने लगी। इससे पहले राजनांदगांव में पूर्व मुख्यमंत्री व प्रत्याशी भूपेश बघेल व बस्तर में पार्टी प्रत्याशी कवासी लखमा का विरोध हो चुका है। एक नाटकीय घटनाक्रम के तहत बिलासपुर के बोदरी नगर पंचायत के पूर्व अध्यक्ष जगदीश कौशिक, देवेंद्र यादव की उम्मीदवारी का विरोध करते हुए कांग्रेस भवन परिसर में मौन धरना पर बैठ गए।
उन्होंने दीवारों पर अपनी मांगों को चस्पा कर दिया है। लोकसभा चुनाव के पहले टिकट वितरण के बाद लेकर कांग्रेस की यह तीसरी सीट हैं, जिसमें विरोध देखने को मिल रहा है। कांग्रेस भवन परिसर में सफेद चादर बिछाकर जगदीश कौशिक ने गांधीगीरी शुरू कर दी। उनका कहना था कि बिलासपुर से प्रबल दावेदार होने के बाद पार्टी ने उम्मीदवार नहीं बनाया, जबकि दूसरे विधानसभा से प्रत्याशी खड़े कर दिए। जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष विजय केशरवानी आए और सीधे जगदीश कौशिक के बाजू में जमीन पर बैठ गए। उनसे बात करने की कोशिश की। जगदीश ने जिलाध्यक्ष से बात नहीं की। जब विजय ने दोबारा कोशिश की तब उसने दीवारों की तरफ हाथ से इशारा किया और चस्पा किए गए मांग पत्र को पढ़ने की बात कही। नाराजगी इतनी कि जिला व शहर अध्यक्ष के मान मनौव्वल का कुछ असर पड़ते दिखाई नहीं दिया।
पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष जगदीश कौशिक ने कहा, पार्टी से जब टिकट मांगा तो नहीं दिया गया, जबकि प्रबल दावेदार हैं और पिछड़ा वर्ग से आते हैं। कौशिक का पिछड़ा वर्ग से होने के बावजूद भी उन्हें टिकट नहीं दिया गया है। बाहरी प्रत्याशी को हम कैसे और क्यों बर्दाश्त करेंगे। हमारी निष्ठा पार्टी के प्रति है और आगे भी रहेगी। निष्ठावान कार्यकतार्ओं की उपेक्षा क्यों की जा रही है समझ से परे है।बिलासपुर जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष विजय केशरवानी ने कहा जो भी बातें है उसे पार्टी फोरम में रखनी चाहिए। पार्टी के नीतिगत निर्णय को चुनौती देना पार्टी अनुशासन के खिलाफ है। हमने जगदीश से भी यही कहा है। उन्होंने समझाइश दी गई है।