प्रधानमंत्री मोदी ने पीएम विश्वकर्मा योजना का किया शुभारंभ
प्रधानमंत्री ने मध्यप्रदेश की श्रीमती अनीता को किया सम्मानित
परम्परागत कारीगरों के कौशल को प्रोत्साहन देगी योजना : मुख्यमंत्री चौहान
मुख्यमंत्री ने दीक्षांत समारोह में आईटीआई प्रशिक्षणार्थियों को किया सम्मानित
मुख्यमंत्री चौहान ने प्रधानमंत्री मोदी को दी जन्म-दिवस की शुभकामनाएँ
नई दिल्ली में हुए कार्यक्रम में भोपाल से वर्चुअली शामिल हुए मुख्यमंत्री
भोपाल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली में पीएम विश्वकर्मा योजना के शुभारंभ अवसर पर मध्यप्रदेश की कुम्हार श्रीमती अनीता प्रजापति का सम्मान किया। प्रधानमंत्री मोदी ने इंटरनेशनल एग्जीबिशन सेंटर यशोभूमि का लोकार्पण भी किया। प्रधानमंत्री ने पीएम विश्वकर्मा योजना की टैग लाइन, प्रतीक-चिन्ह और पोर्टल को लांच किया तथा कारीगरी की 18 विधाओं पर केंद्रित 18 डाक टिकटों और टूल-किट बुकलेट का विमोचन किया। प्रधानमंत्री ने 18 विधाओं से जुड़े कारीगरों को प्रमाण-पत्र प्रदान कर सम्मानित किया। प्रधानमंत्री के जन्म-दिवस पर हुए इस भव्य कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भोपाल से वर्चुअली शामिल हुए। भोपाल में रविंद्र भवन में हुए कार्यक्रम में केंद्रीय कृषि एवं किसान-कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भी उपस्थित थे।
प्रधानमंत्री मोदी नए भारत के निर्माता हैं
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा है कि विश्व में सृजन और कर्म ही जिसका व्यापार हो, वही विश्वकर्मा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्म विश्वकर्मा जयंती पर हुआ है और वे नए भारत का निर्माण कर रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी चिरायु हों, स्वस्थ रहें और भारत का यश बढ़ाएं यहीं कामना है। मोदी विश्व के सर्वाधिक सर्वमान्य नेता हैं, उन्होंने भारत को विश्व-पटल पर सशक्त, समर्थ, सम्पन्न, समृद्ध राष्ट्र के रूप में स्थापित किया है और हाई परफार्मिंग राष्ट्र बनाया है। प्रधानमंत्री के तीसरे कार्यकाल में भारत विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थ-व्यवस्था होगा।
रविन्द्र भवन के कार्यक्रम में मुख्यमंत्री चौहान ने आईटीआई उत्तीर्ण प्रशिक्षणार्थियों को राज्य स्तरीय द्वितीय दीक्षांत समारोह में सम्मानित भी किया। मुख्यमंत्री चौहान ने प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया। खेल एवं युवक-कल्याण तथा तकनीकी शिक्षा मंत्री श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया तथा सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री ओम प्रकाश सकलेचा भी उपस्थित थे।
प्रधानमंत्री की पहल से भारत विश्व की 5वीं अर्थ-व्यवस्था बना
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के मेक इन इंडिया,स्किल इंडिया, डिजिटल इंडिया, वोकल फार लोकल जैसे अभियानों से भारत विश्व की 5वीं अर्थ-व्यवस्था बना है। डिजिटल ट्रांजेंक्शन में हम विश्व के सिरमौर हैं। जी-20 के सफलतम आयोजन ने विश्व में भारत का प्रभाव बढ़ाया है। चंद्रयान, आदित्य L-1 के जरिए अंतरिक्ष में भी भारत का तिरंगा लहराया है। कोरोना जैसी महामारी में भारतीयों के साथ-साथ विश्व के कई देशों को मुफ्त वैक्सीन उपलब्ध कराई। देश में रिकार्ड गति से हाईवे, एक्सप्रेस-वे बन रहे हैं, नदियों को जोड़ा जा रहा है। जल्द ही अयोध्या में श्रीराम मंदिर का निर्माण भी पूर्ण होगा। इन समस्त उपलब्धियों के लिए प्रधानमंत्री मोदी बधाई एवं शुभकामनाओं के हकदार हैं।
कारीगर भाई, हमारे लिए आधुनिक विश्वकर्मा
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि देश के सभी कारीगर भाई हमारे लिए आधुनिक विश्वकर्मा हैं। कारीगर भाइयों के कल्याण के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने आज प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना का क्रियान्वयन आरंभ किया है। योजना से देश के कौशल तंत्र को राष्ट्र के कारीगरों की जरूरत के अनुरूप ढालने का काम चल रहा है। इस योजना से हमारे कारीगर अपनी स्किल को स्केल कर सकेंगे। मुख्यमंत्री ने प्रदेश के आईटीआई विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि वे भी आधुनिक विश्वकर्मा हैं। आप आने वाले समय में मध्यप्रदेश और भारत के निर्माण में अपना महत्वपूर्ण योगदान देंगे। प्रदेश में आईटीआई को बेहतर बनाने के हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। जल्द ही प्रदेश में देश का सबसे अनोखा ग्लोबल स्किल पार्क बन कर तैयार हो जाएगा। मुख्यमंत्री ने आईटीआई में उत्तीर्ण प्रशिक्षणार्थियों को उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएँ दीं।
मध्यप्रदेश की ग्रोथ रेट भारत में सबसे अधिक है
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि पहले हमारा मध्यप्रदेश भी बीमारु राज्य था, लेकिन मुझे कहते हुए गर्व है कि आज मध्यप्रदेश की ग्रोथ रेट भारत में सबसे अधिक है। इसमें निर्माण और सृजन में लगे कारीगरों की महत्वपूर्ण भूमिका है। हमारे यह कारीगर आधुनिक विश्वकर्मा हैं। भगवान विश्वकर्मा की सृजन शक्ति का वेदों में उल्लेख मिलता है। शास्त्रों के अनुसार भगवान विश्वकर्मा ने सृष्टि की रचना की। देवशिल्पी होने के कारण भगवान विश्वकर्मा मशीनरी और उद्योग से जुड़े लोगों के भी आराध्य हैं। हमारे विश्वकर्मा चाहे वे बढ़ई हों, नाव निर्माता हों, लोहार हों, हथौड़ा और टूल्स के निर्माता हों, सुनार हों, कुम्हार हों, शस्त्र बनाने वालों हों, राज मिस्त्री हों, चर्मकार हों, टोकरी और चटाई, झाडू के निर्माता हों, गुड़िया और खिलौने के निर्माता हों, नाई, धोबी हों, दर्जी हों, मछली पकड़ने का जाल निर्माता हों, मूर्तिकार हों, ये सब हमारे आधुनिक विश्वकर्मा हैं, इनके बिना यह सृष्टि चल नहीं सकती है। इनके लिए प्रधानमंत्री मोदी प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना लेकर आ रहे हैं। इसके लिए प्रधानमंत्री मोदी का हृदय से अभिनंदन है।
विश्वकर्मा योजना कारीगरों के जीवन में बदलाव लाने में प्रभावी होगी – केंद्रीय मंत्री तोमर
केंद्रीय मंत्री तोमर ने कहा कि पीएम विश्वकर्मा योजना कारीगरों के जीवन में बदलाव लाने में प्रभावी सिद्ध होगी। प्रधानमंत्री मोदी के कृतित्व और व्यक्तित्व में गाँव-गरीब की चिंता से लेकर विश्व में भारत की साख मजबूत करने की क्षमता है। भारत की बड़ी जनसंख्या को देखते हुए रोजगार की समस्या स्वभाविक है परंतु पीएम गतिशक्ति, पीएम स्वनिधि योजना, ग्रामीण विकास संस्थान, मुद्रा योजना, के माध्यम से कई लोगों को रोजगार मिल रहा है। विश्वकर्मा योजना गुरू-शिष्य परम्परा पर आधारित है। योजना के लिए 13 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। प्रधानमंत्री मोदी की इस अभिनव पहल के लिए हम सब उनके आभारी हैं।
मुख्यमंत्री ने 20 प्रशिक्षणार्थियों को किया सम्मानित
मुख्यमंत्री चौहान ने अखिल भारतीय दस्तकारी परीक्षा में प्रदेश की आईटीआई के उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को सम्मानित भी किया। प्रथम स्थान वाली दो छात्राओं बैतूल की सुअंकिता, ग्वालियर की सुसपना कुशवाहा तथा दो छात्रों भोपाल के विवेक साहू और ग्वालियर के हेमंत राठौर सहित कुल 20 प्रशिक्षणार्थियों को सम्मानित किया।
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना
इस योजना से देश के कौशल-तंत्र को राष्ट्र के कारीगरों की जरूरतों के अनुरूप ढाला जा रहा है। योजना का लाभ उठाकर परंपरागत कारीगर अपनी स्किल को स्केल दे पाएंगे। योजना से हर जिले के कुशल कारीगरों और कामगारों को प्रशिक्षण एवं आर्थिक सहायता देकर, उनके हुनर, कला और प्रतिभा को राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित किया जायेगा।
योजना में जिला स्तर पर बढ़ई, लोहार, सुनार जैसे शिल्पकारों और कारीगरों का कौशल सत्यापन किया जाएगा। आवश्यकतानुरूप इन्हें प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। प्रशिक्षण में हर दिन 500 रुपये का स्टाइपेंड मिलेगा। प्रशिक्षण एवं कौशल सत्यापन के बाद इन्हें पीएम विश्वकर्मा प्रमाण-पत्र दिया जाएगा। हर लाभार्थी को 15 हजार रुपए टूल-किट के लिए दिए जाएंगे। अपना व्यवसाय प्रारम्भ करने या बढ़ाने के लिए आसान ऋण सुविधा दी जाएगी। पहले चरण में 5% की दर से एक लाख रुपए का कोलेटरल-फ्री ऋण, दूसरे चरण में तीन लाख रुपए का ऋण प्रावधान है। कारीगर की न्यूनतम आयु 18 वर्ष होना चाहिये। योजना का लाभ प्रत्येक परिवार के एक सदस्य तक ही सीमित रहेगा। सरकारी सेवा में कार्यरत कोई भी व्यक्ति या उसके रिश्तेदार पात्र नहीं होंगे।
आईटीआई दीक्षांत समारोह 2023
प्रदेश में 262 शासकीय आईटीआई एवं 757 निजी आईटीआई है। विशेष आईटीआई भी संचालित किए जा रहे, जिनमें जेल के 3, पुलिस के 2, आर्म के 9, ट्राइबल के 9, एकलव्य 4 और 2 डॉ. अम्बेडकर आईटीआई है।
सत्र 2022-23 में प्रशिक्षणार्थी
प्रदेश के 262 शासकीय आईटीआई में 38 हजार 962 प्रशिक्षणार्थी है। प्रदेश के 757 निजी आईटीआई में 40 हजार 719 प्रशिक्षणार्थी है। प्रदेश की शासकीय आईटीआई में 7 हजार 783 महिलाओं एवं 226 दिव्यांगजन ने प्रशिक्षण प्राप्त किया है।
आईटीआई पाठ्यक्रम एवं परीक्षाएँ
एससीवीटी (स्टेट काउंसिल ऑफ वोकेशनल ट्रेनिंग) की ऑनलाईन परीक्षा और एनसीवीटी (नेशनल काउंसिल ऑफ वोकेशनल ट्रेनिंग) की ऑनलाईन परीक्षा संचालित की जाती है।
वर्ष 2023 में प्रदेश के आईटीआई संस्थानों से सफल प्रशिक्षण पूर्ण करने वाले प्रशिक्षणार्थियों की संख्या 75 हजार 786, एनसीवीटी के सफल प्रशिक्षणार्थी 71 हजार 178 (परीक्षा परिणाम 84.81 प्रतिशत) और एससीवीटी के सफल प्रशिक्षणार्थी 4 हजार 603 (परीक्षा परिणाम 6502 प्रतिशत) है।
प्रदेश में सीखो-कमाओ योजना प्रारम्भ कर स्किल के डिमांड और सप्लाई के गेप को पाटने का काम किया जा रहा है। इस योजना का लाभ उठाकर 8 से 10 हजार रूपये प्रति महीने कमाने के साथ ही युवा अपने इंडस्ट्री स्किल्स को और भी निखार सकते हैं। भोपाल में संत शिरोमणि रविदास ग्लोबल स्किल पार्क में प्रतिवर्ष 6 हजार युवा हुनरमंद बनेंगे। ग्वालियर, जबलपुर, सागर और रीवा में नए ग्लोबल स्किल पार्क बनाए जाएंगे।
आईटीआई संस्थाओं में समय की मांग के अनुसार ट्रेड शामिल किए गए हैं, जिससे वे मार्केट के हिसाब से फिट हो। दस संभागीय आईटीआई को आदर्श आईटीआई बनाया गया है। कुल 24 नये आईटीआई खोले गए हैं। हर ब्लॉक में कम से कम एक आईटीआई हो, यह सरकार का लक्ष्य है।
रोजगार दिवस के माध्यम से हर माह औसतन 3 लाख रोजगार के नए अवसर सृजित किए जा रहे हैं। प्रतिमाह 1800 करोड़ रूपए से अधिक के स्व-रोजगार ऋण वितरित किए जा रहे हैं। सरकार द्वारा रोजगार मेलों से प्रतिवर्ष लगभग 60 हजार युवाओं को निजी क्षेत्र में रोजगार प्राप्त करने में सहयोग किया गया है। स्टार्ट-अप्स को बढ़ावा देने के लिए स्टार्ट-अप नीति- 2022 लागू की गई है।