प्रधानमंत्री मोदी को मिला फ्रांस का सर्वोच्च सम्मान
पेरिस
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फ्रांस के सर्वोच्च नागरिक एवं सैन्य सम्मान ‘ग्रैंड क्रॉस ऑफ द लीजन ऑफ ऑनर’ से सम्मानित किया गया है। फ्रांस गणराज्य के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने गुरुवार देर रात पेरिस के एलिसी पैलेस में एक समारोह में मोदी को इस सम्मान से अलंकृत किया। भारतीय प्रधानमंत्री को पहली बार फ्रांस का सर्वोच्च सैन्य नागरिक सम्मान प्रदान किया गया है।
प्रधानमंत्री ने भारत के लोगों की ओर से इस अद्वितीय सम्मान के लिए मैक्रोन को धन्यवाद दिया। पूर्व में, ‘लीजन ऑफ ऑनर का ग्रैंड क्रॉस’ दुनिया भर के चुनिंदा नेताओं और प्रतिष्ठित हस्तियों को प्रदान किया गया है। इनमें दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला, वेल्स के तत्कालीन राजकुमार एवं ब्रिटेन के राजा किंग चार्ल्स, जर्मनी की पूर्व चांसलर एंजेला मर्केल, संयुक्त राष्ट्र के पूर्व महासचिव बुतरस बुतरस घाली समेत कई हस्तियां शामिल हैं।
फ्रांस द्वारा दिया गया यह सम्मान मोदी को विभिन्न देशों द्वारा दिए गए शीर्ष अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों और सम्मानों की श्रृंखला में एक और सम्मान है। इनमें जून 2023 में मिस्र द्वारा ‘ऑर्डर ऑफ द नाइल’, मई 2023 में पापुआ न्यू गिनी द्वारा ‘कंपेनियन ऑफ द ऑर्डर ऑफ लोगोहू’, मई 2023 में फिजी द्वारा ‘कंपेनियन ऑफ द ऑर्डर ऑफ फिजी’, मई 2023 में पलाऊ गणराज्य द्वारा ‘एबाकल’ अवार्ड शामिल हैं। वर्ष 2021 में भूटान द्वारा ‘ऑर्डर ऑफ द ड्रुक ग्यालपो’, 2020 में अमेरिकी सरकार द्वारा ‘लीजन ऑफ मेरिट’, 2019 में बहरीन द्वारा ‘किंग हमाद ऑर्डर ऑफ द रेनेसां’, 2019 में मालदीव द्वारा ‘ऑर्डर ऑफ द डिस्टिंग्विश्ड रूल ऑफ निशान इज्जुद्दीन’, 2019 में रूस द्वारा ‘ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू’ पुरस्कार, 2019 में यूएई द्वारा ‘ऑर्डर ऑफ जायद’ अवॉर्ड, 2018 में ‘ग्रैंड कॉलर ऑफ द स्टेट ऑफ फिलिस्तीन’ अवॉर्ड, 2016 में अफगानिस्तान द्वारा ‘स्टेट ऑर्डर ऑफ गाजी अमीर अमानुल्लाह खान’ और 2016 में सउदी अरब द्वारा ‘ऑर्डर ऑफ अब्दुलअजीज अल सऊद’ शामिल हैं।
हो सकता है कि भविष्य में हम चांद पर रहने लगें: मोदी
नई दिल्ली
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत के तीसरे चंद्र मिशन चंद्रयान-3 के लिए देशवासियों को शुभकामनाएं देते हुए आज कहा कि यह मिशन भारत की आशाओं एवं सपनों को आगे बढ़ाएगा।
मोदी ने ट्वीटर पर कई ट्वीट के माध्यम से जारी संदेश में कहा कि जहां तक भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र का सवाल है, 14 जुलाई 2023 हमेशा सुनहरे अक्षरों में अंकित रहेगा। चंद्रयान-3, हमारा तीसरा चंद्र मिशन, अपनी यात्रा शुरू करेगा। यह उल्लेखनीय मिशन हमारे देश की आशाओं और सपनों को आगे बढ़ाएगा।
उन्होंने कहा कि कक्षा उत्थान प्रक्रिया के बाद चंद्रयान-3 को चंद्र स्थानांतरण प्रक्षेप पथ में डाला जाएगा। 300,000 किमी से अधिक की दूरी तय करते हुए, यह आने वाले हफ्तों में चंद्रमा पर पहुंचेगा। जहाज पर मौजूद वैज्ञानिक उपकरण चंद्रमा की सतह का अध्ययन करेंगे और हमारे ज्ञान को बढ़ाएंगे।
मोदी ने वैज्ञानिकों के प्रति आभार प्रकट करते हुए कहा, “हमारे वैज्ञानिकों को धन्यवाद, अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत का इतिहास बहुत समृद्ध है। चंद्रयान-1 को वैश्विक चंद्र मिशनों में एक पथप्रदर्शक माना जाता है क्योंकि इसने चंद्रमा पर पानी के अणुओं की मौजूदगी की पुष्टि की है। यह दुनिया भर के 200 से अधिक वैज्ञानिक प्रकाशनों में प्रकाशित हुआ था।”
उन्होंने कहा कि चंद्रयान-1 तक, चंद्रमा को एक हड्डी-सूखा, भूवैज्ञानिक रूप से निष्क्रिय और निर्जन खगोलीय पिंड माना जाता था। अब, इसे पानी और उप-सतह बर्फ की उपस्थिति के साथ एक गतिशील और भूवैज्ञानिक रूप से सक्रिय निकाय के रूप में देखा जाता है। हो सकता है कि भविष्य में इस पर संभावित रूप से निवास किया जा सके।
उन्होंने कहा कि चंद्रयान-2 भी उतना ही अग्रणी था क्योंकि इससे जुड़े ऑर्बिटर के डेटा ने पहली बार रिमोट सेंसिंग के माध्यम से क्रोमियम, मैंगनीज और सोडियम की उपस्थिति का पता लगाया था। इससे चंद्रमा के जादुई विकास के बारे में अधिक जानकारी भी मिलेगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि चंद्रयान 2 के प्रमुख वैज्ञानिक परिणामों में चंद्र सोडियम के लिए पहला वैश्विक मानचित्र, क्रेटर आकार वितरण पर ज्ञान बढ़ाना, आईआईआरएस उपकरण के साथ चंद्र सतह के पानी की बर्फ का स्पष्ट पता लगाना और बहुत कुछ शामिल है। यह मिशन लगभग 50 प्रकाशनों में प्रकाशित हुआ है।
मोदी ने चंद्रयान-3 मिशन के लिए शुभकामनाएँ देते हुए कहा, “मैं आप सभी से इस मिशन और अंतरिक्ष, विज्ञान और नवाचार में हमने जो प्रगति की है, उसके बारे में और अधिक जानने का आग्रह करता हूं। इससे आप सभी को बहुत गर्व महसूस होगा।”