देश का एक भी शिक्षण संस्थान विश्व के 50 शिक्षण संस्थानों में भी नहीं, ये मंथन का विषय: राष्ट्रपति
खड़गपुर
विश्व की प्राचीनतम ज्ञान परंपरा वाले इतने विशाल देश का एक भी शिक्षण संस्थान विश्व के शीर्ष 50 शिक्षण संस्थानों में नहीं है ये मंथन करने का विषय है। रैंकिग की दौड़ अच्छी शिक्षा से ज्यादा महत्वपूर्ण नहीं है, लेकिन अच्छी रैंकिंग न केवल दुनियाभर के विद्यार्थियों और अच्छे फेकल्टी को आकर्षित करती है, बल्कि देश के सम्मान में भी वृद्धि करती है। इसलिए मैं चाहूंगी देश का सबसे पुराना आईआईटी होने के नाते आईआईटी खड़गपुर इस दिशा में जरूर प्रयास करें। उक्त बाते आईआईटी खड़गपुर के 69 वें दीक्षा समारोह में राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु ने कही। दीक्षा समारोह को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि आईआईटी खड़गपुर आना से काफी प्रसन्न हूं। आईआईटी खड्गपुर भारत का सबसे बड़ा ग्रीन फील्ड कैंपस है।
राष्ट्रपति ने उपाधि प्राप्त करने वाले 3205 विद्यार्थी को उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि आप उपलब्धियों के उच्चतम शिखर को छुए। मैंने पाया है आज उपाधि प्राप्त करने वालों में करीब 21 प्रतिशत बेटियां है। मैं आज उनको विशेष तौर पर बधाई देती हूं। मेरा मानना है साइंस और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में महिलाओं के अधिक से अधिक भागीदारी एक सशक्त समाज के लिए आवश्यक है।
भारत के आईआईटी सिस्टम की पूरी दुनिया में साख
राष्ट्रपति ने कहा कि मैं लाइफ टाइम अचीवमेंट वार्ड और लाइफ फेलो अवार्ड से सम्मानित सभी विभूतियों को हार्दिक बधाई देती हूं। मेरी कामना है आप आने वाले समय में भी विज्ञान के ऐसे सेवा करते हुए समाज की प्रगति में अपना योगदान देते रहेंगे। हमारे आईआईटी सिस्टम की पूरी दुनिया में एक साख है। ये सम्मान साइंस एजुकेशन और रिसर्च के प्रति आपके समर्पण का प्रतीक है। मेरी कामना है आप आने वाले समय में भी विज्ञान के ऐसे सेवा करते हुए समाज की प्रगति में अपना योगदान देते रहेंगे। हमारे आईआईटी सिस्टम की पूरी दुनिया में एक साख है।
राष्ट्रपति ने कहा कि आईआईटी खड़गपुर ने अपने लगभग 73 वर्ष में अनेकों प्रतिभाओं को तरासा है। आपके संस्थान को देश का पहला आईआईटी होने का गौरव प्रदान है। देश के विकास में आपका योगदान अतुलनीय है। मैं आपकी योग्यता, दक्षता और योगदान की सराहना करने के साथ साथ आपसे ये अपेक्षा करती हूं की देश भर के लिए आप नए संस्थानों का मार्गदर्शन भी करेंगे। राष्ट्रपति ने गोल्ड मेडल उपाधि प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को मेडल और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।