प्रशांत किशोर ने स्टेप बाय स्टेप प्लान समझाया कि नीतीश फिर पलटी मारकर कब बीजेपी के साथ जाएंगे
पटना
G20 के भोज में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के शामिल होने, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ खुशनुमा मुलाकात और उसके बाद इंडिया गठबंधन कोआर्डिनेशन की बैठक से राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह की दूरी ने बिहार एक नई राजनीतिक संभावना बनती हुई दिख रही है। यह चर्चा शुरू हो गई है कि क्या नीतीश कुमार एक बार फिर से राजद को छोड़कर बीजेपी के साथ जाएंगे? नीतीश कुमार के काफी करीब रहे प्रशांत किशोर ने स्टेप बाय स्टेप उनका प्लान समझाया है। उन्होंने कहा है कि लोकसभा चुनाव 2024 के बाद सहूलियत के हिसाब से अपनी राजनीतिक दिशा तय करेंगे।
चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने समझाया है कि नीतीश कुमार आखिर क्यों बीजेपी के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीब गए। नीतीश क्या फिर पालटी मारकर बीजेपी के साथ चले जाएंगे? ललन सिंह इंडिया गठबंधन की कोऑर्डिनेशन कमिटी की बैठक में क्यों नहीं गए? उन्होंने कहा है कि मार्च महीने में दिल्ली में नीतीश कुमार से उनके मुलाकात हुई। मीटिंग के दौरान नए गठबंधन बनाने पर चर्चा भी हुई। उस मीटिंग को याद करते हुए पीके ने कहा है कि नीतीश कुमार की राजनीति का अपना एक अलग तरीका है। वह अपने साथ रहने वाली पार्टियों और लोगों को डराते रहते हैं। नीतीश कुमार यह कहकर ब्लैकमेल करते रहते हैं कि मेरी बात नहीं मानी तो पलटी मार कर उधर भी जा सकते हैं। तंज करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि नीतीश कुमार कल होकर प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे और यह कहेंगे कि हमने तो सबको एकजुट करने का प्रयास किया, ये लोग साथ नहीं आए तो बिहार की जनता की भलाई के लिए बीजेपी के साथ जा रहे हैं।
प्रशांत किशोर ने दावा किया कि नीतीश कुमार ऐसी राजनीति करने में माहिर हैं। वह लोकसभा चुनाव के पहले भले ही इंडिया गठबंधन नहीं छोड़ें लेकिन 2024 के चुनाव के बाद कहां जाएंगे और क्या करेंगे इसका अंदाजा किसी को नहीं है। स्वयं नीतीश कुमार भी नहीं जानते कि उनकी अगली चाल क्या होगी।
प्रशांत किशोर ने यह भी बताया कि नीतीश कुमार ने आखिर बीजेपी का साथ छोड़कर आरजेडी का दामन क्यों थाम लिया? बकौल पीके दरअसल नीतीश कुमार के मन में यह बात बैठ गई थी कि 2024 के चुनाव परिणाम के बाद बीजेपी मुख्यमंत्री की कुर्सी से हटा देगी और अपनी पार्टी का सीएम बिहार में बना लेगी। कम से कम 2025 तक मुख्यमंत्री बने रहें, इसके लिए उन्होंने पाला बदल लिया। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार सहूलियत की राजनीति करते हैं और जब जिसके साथ सुविधा मिलती है वहीं चले जाते हैं। इसलिए 2024 लोकसभा चुनाव के बाद फायदे के हिसाब से अपनी नई दिशा तय करेंगे।