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पीएम मोदी कल करेंगे एससीओ सम्मेलन को होस्ट, शहबाज शरीफ, शी जिनपिंग, पुतिन होंगे शामिल

 नई दिल्ली
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के आभासी शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेंगे, जिसमें चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ समेत एससीओ के बाकी सदस्य देशों के राष्ट्रध्यक्ष भी शामिल होंगे। चीन और रूस के साथ साथ पाकिस्तान ने भी पुष्टि कर दी है, कि उनके राष्ट्राध्यक्ष एससीओ शिखर सम्मेलन में शिरकत करेंगे। इस शिखर सम्मेलन के दोपहर 12.30 बजे शुरू होने और लगभग 3 बजे समाप्त होने की उम्मीद है। पहले एससीओ शिखर सम्मेलन नई दिल्ली में व्यक्तिगत रूप से होने वाला था, लेकिन जून की शुरुआत में योजना बदल दी गई और वर्चुअल शिखर सम्मेलन ही कराने का फैसला लिया गया।

 ज्योतिष सुश्री दीपाली दुबे द्वारा 3 जुलाई 2023 की मेष से मीन तक राशिफल इस साल एससीओ के विदेश मंत्रियों की बैठक गोवा में व्यक्तिगत रूप से हुई थी, जिसमें पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी, चीन के विदेश मंत्री किन गैंग और रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव सहित अन्य सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों ने भाग लिया था। पिछला एससीओ शिखर सम्मेलन पिछले साल सितंबर में उज्बेकिस्तान के समरकंद में व्यक्तिगत रूप से आयोजित किया गया था। एससीओ के साथ भारत का जुड़ाव एक पर्यवेक्षक देश के रूप में 2005 में शुरू हुआ था और साल 2017 में अस्ताना शिखर सम्मेलन के दौरान भारत इसका पूर्ण सदस्य राज्य बन गया। एक अधिकारी ने कहा, कि पिछले छह वर्षों में, भारत ने एससीओ की गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में "बहुत सक्रिय और रचनात्मक भूमिका" निभाई है। सितंबर 2022 में, भारत ने पहली बार समरकंद शिखर सम्मेलन में उज्बेकिस्तान से एससीओ की अध्यक्षता संभाली थी। भारत की अध्यक्षता के दौरान, एससीओ व्यापक क्षेत्रों में अपने जुड़ाव और बातचीत की गहराई और तीव्रता में नए मील के पत्थर तक पहुंच गया है।

 'SCO- SECURE' की भारत की अध्यक्षता का विषय है, जो साल 2018 में एससीओ क़िंगदाओ शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिए गए संक्षिप्त भाषण से लिया गया है। इसका मतलब है, S- से सुरक्षा, E से आर्थिक विकास, C से कनेक्टिविटी, U से एकता, R से संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के लिए सम्मान, E से पर्यावरण संरक्षण। भारत ने एससीओ में सहयोग के पांच नए स्तंभ और फोकस क्षेत्र बनाए हैं, जो हैं, स्टार्टअप और नवाचार, पारंपरिक चिकित्सा, डिजिटल समावेशन, युवा सशक्तिकरण और साझा बौद्ध विरासत। एससीओ में दो नए तंत्र – स्टार्टअप और इनोवेशन पर विशेष कार्य समूह और पारंपरिक चिकित्सा पर विशेषज्ञ कार्य समूह, भारत की पहल पर बनाए गए थे। भारत का कार्यकाल हो रहा है समाप्त इस शिखर सम्मेलन के साथ ही भारत की पहली एससीओ की अध्यक्षता की सबसे बड़ी बैठक समाप्त हो जाएगी।

पिछले साल उज्बेकिस्तान में भारत को एससीओ की सदस्यता सौंपी गई थी और एससीओ में भारत की अध्यक्षता सदस्य देशों के बीच गहन गतिविधि और पारस्परिक रूप से लाभप्रद सहयोग का काल रहा है। भारत के पास एससीओ की सदस्यता इस साल सितंबर तक रहेगी। भारत ने पिछले एक साल में एससीओ की कुल 134 बैठकों और कार्यक्रमों की मेजबानी की है, जिनमें 14 मंत्री-स्तरीय बैठकें शामिल हैं। भारत संगठन में सकारात्मक और रचनात्मक भूमिका निभाने के लिए प्रतिबद्ध है और अपनी अध्यक्षता की परिणति के रूप में एक सफल एससीओ शिखर सम्मेलन की आशा करता है। इस साल के एससीओ शिखर सम्मेलन में कई देशों ने एससीओ ग्रुप में शामिल होने की इच्छा जताई है। वहीं, ईरान और बेलारूस इस साल से एससीओ के पूर्ण सदस्य बन जाएंगे और ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी और बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको इसमें शामिल होंगे। अगले साल से एससीओ आठ की जगह, 10 देशों का संगठन बन जाएगा।
 

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