PM मोदी का दावा- India GDP के आंकड़ों में लचीली अर्थव्यवस्था, कांग्रेस बोली देश के उत्पादन-उपभोग पर गंभीर सवाल
नई दिल्ली
India GDP के मामले में कितनी तरक्की कर रहा है? इससे जुड़े आंकड़े बुधवार को जारी किए गए। जैसे ही भारत की जीडीपी के बारे में डिटेल सामने आई, केंद्र सरकार और कांग्रेस पार्टी के बीच जुबानी जंग छिड़ गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आंकड़ों को भारत की लचीली अर्थव्यवस्था के संकेत बताया और सराहना भी की। कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने कहा, देश न तो उपभोग कर रहा है, न ही पर्याप्त उत्पादन कर रहा है।
प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, '2022-23 के जीडीपी वृद्धि के आंकड़े वैश्विक चुनौतियों के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था के लचीलेपन को रेखांकित करते हैं। समग्र आशावाद और सम्मोहक मैक्रो-इकोनॉमिक संकेतकों के साथ यह मजबूत प्रदर्शन… लोगों की दृढ़ता का उदाहरण है।' पलटवार करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने कहा, 'अर्थव्यवस्था QSQT जैसी फिल्म नहीं है – क्वार्टर से क्वार्टर तक। आज के जीडीपी आंकड़ों में खुशी की कोई वजह नहीं है। निवेश और खपत के दोहरे इंजन पर गहरी संरचनात्मक समस्याएं बनी हुई हैं।' जनवरी-मार्च तिमाही में भारत की जीडीपी 6.1 प्रतिशत बढ़ी, जबकि पिछली तिमाही में यह 4.4 प्रतिशत थी। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) ने कहा, वित्त वर्ष 2022-23 में भारत की जीडीपी 7.2 प्रतिशत की दर से बढ़ी, जबकि वित्त वर्ष 2021-22 में यह 9.1 प्रतिशत थी।
जयराम रमेश ने कहा, निजी खपत में "चौथी तिमाही में स्थिर कीमतों पर केवल 2.8% की मामूली वृद्धि" देखी गई। पीएम के ट्वीट के अनुसार, वार्षिक मैनुफैक्चरिंग जीवीए ग्रोथ "रोजगार सृजन की रीढ़" है। हकीकत ये है कि ये दर 11.1% से 1.3% तक तेजी से गिर गया। बीजेपी के आईटी सेल प्रभारी अमित मालवीय ने जीडीपी विकास दर पर ट्वीट किया, भारतीय अर्थव्यवस्था ने पिछले नौ वर्षों में शुरू किए गए कई सुधारों के कारण लगातार ऊंचाइयों को छुआ है। बकौल मालवीय, बीजेपी के कार्यकाल में यह सुनिश्चित हुआ है कि भारत निवेश के लिए विश्व स्तर पर आकर्षक गंतव्य बना रहे, सरकार ने मजबूत बुनियादी ढांचे को बढ़ावा दिया है। राजकोषीय सेहत भी स्थायी है।
मालवीय ने कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार के कार्यकाल में आर्थिक विकास दर का जिक्र कर दावा किया, "जनवरी 2012 से अप्रैल 2014 तक 28 महीनों में से 22 महीनों में खुदरा मुद्रास्फीति 9% से अधिक थी। इस दौरान, मुद्रास्फीति नौ बार दोहरे अंकों को पार कर गई।" वित्त मंत्रालय ने ट्वीट किया, 'भारत पिछले वित्त वर्ष और मार्च 2023 को समाप्त तिमाही में भी सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था रही।' वर्ष 2022-23 में वास्तविक जीडीपी 160.06 लाख करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंचने का अनुमान है। वर्ष 2021-22 के लिए जीडीपी के पहले संशोधित अनुमान 149.26 लाख करोड़ रुपये थे। सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MoSPI) ने कहा कि वित्त वर्ष 2022-23 में भारत की नॉमिनल जीडीपी या मौजूदा कीमतों पर जीडीपी 16.1 प्रतिशत की दर से बढ़ी है। MoSPI ने कहा कि मार्च तिमाही के लिए, मौजूदा कीमतों पर भारत की GDP में 10.4 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।