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प्रधानमंत्री ने नीतू, स्वीटी को महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने पर बधाई दी

नई दिल्ली
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता नीतू गंघास और अनुभवी मुक्केबाज स्वीटी बूरा को महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने पर बधाई दी। नीतू ने शानदार प्रदर्शन करते हुए मंगोलिया की लुतसाईखान अल्तानसेतसेग को 5-0 से हराकर न्यूनतम वजन वर्ग (48 किलोग्राम) का स्वर्ण पदक अपने नाम किया। प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, “महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में प्रतिष्ठित स्वर्ण पदक जीतने के लिए नीतू गंघास को बधाई।

भारत उनकी उल्लेखनीय उपलब्धि से प्रफुल्लित है।” वहीं, स्वीटी ने लाइट हेवीवेट वर्ग (81 किलोग्राम) में चीन की वांग लिना की चुनौती से पार पाते हुए 4-3 से जीत हासिल की। मोदी ने ट्वीट किया, “स्वीटी बूरा द्वारा असाधारण प्रदर्शन! महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने के लिए उन पर गर्व है। उनकी सफलता कई उभरते एथलीटों को प्रेरित करेगी।”

महिला विश्व मुक्केबाजी चैम्पियनशिप : नीतू और स्वीटी बनी विश्व चैम्पियन

राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता नीतू गंघास (48 किग्रा) और अनुभवी मुक्केबाज स्वीटी बूरा (81 किग्रा) शनिवार को यहां महिला विश्व मुक्केबाजी चैम्पियनशिप में अलग अलग अंदाज में जीत से विश्व चैम्पियन बनीं और इतिहास में अपना नाम दर्ज करा लिया।

नीतू ने शानदार प्रदर्शन करते हुए मंगोलिया की लुतसाईखान अल्तानसेतसेग को 5-0 से हराकर न्यूनतम वजन वर्ग का स्वर्ण पदक अपने नाम किया। स्टेडियम में बीजिंग ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता और नीतू के आदर्श विजेंदर सिंह भी मौजूद थे। स्वीटी ने लाइट हेवीवेट वर्ग में चीन की वांग लिना की चुनौती से पार पाते हुए 4-3 से जीत हासिल की और भारत को दोहरी सफलता दिलायी।

दिन के पहले मुकाबले में भिवानी की 22 वर्षीय मुक्केबाज नीतू ने आक्रामक शुरूआत की, पहले राउंड में वह 5-0 से आगे थी। दूसरे राउंड में उन्होंने सीधे मुक्के जड़े। अल्तानसेतसेग ने जब जवाबी हमला किया तो इस भारतीय मुक्केबाज ने अपनी प्रतिद्वंद्वी से अच्छा बचाव किया। दोनों मुक्केबाज करीब होकर खेल रही थी और एक दूसरे को जकड़ रही थी जिसमें दूसरे राउंड के अंत में नीतू पर ‘पेनल्टी’ से अंक कांट लिये गये।

दूसरे राउंड में मंगोलियाई मुक्केबाज की मजबूत वापसी के बावजूद नीते इसे 3-2 से अपने हक में करने में सफल रही। फिर अंतिम तीन मिनट में नीतू ने दूर से शुरूआत की और अपनी रणनीति में बदलाव करते हुए फिर करीब से खेलने लगीं जिसमें अल्तानसेतसेग का भी प्रतिद्वंद्वी को जकड़ने के लिये एक अंक काट लिया गया। अंत में भारतीय मुक्केबाज विजेता रहीं।

पहले तीन मुकाबले आरएससी (रैफरी द्वारा मुकाबला रोकना) से जीतने वाली नीतू ने पूरे टूर्नामेंट में दबदबे भरा प्रदर्शन किया। इस जीत से 2022 स्ट्रैंड्जा मेमोरियल में स्वर्ण पदक जीतने वाली नीतू विश्व चैम्पियन खिताब हासिल करने वाली छठी भारतीय मुक्केबाज बनी। छह बार की चैम्पियन एम सी मैरीकॉम (2002, 2005, 2006, 2008, 2010 और 2018), सरिता देवी (2006), जेनी आर एल (2006), लेखा केसी (2006) और निकहत जरीन (2022) अन्य मुक्केबाज हैं जिन्होंने विश्व खिताब जीते हैं।

 

 

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