रायपुर
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि प्रदेश में खेलों के लिए अच्छा माहौल तैयार करने के लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। नई-नई खेल अकादमियां शुरू हो रही हैं। खिलाडिय़ों के खेल कौशल को बढ़ाने के लिए विश्व स्तरीय प्रशिक्षण दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक दिवस पर अपने निवास में आयोजित खिलाडिय़ों के सम्मान समारोह में इस आशय के विचार व्यक्त किए। उन्होंने समारोह में गुजरात में आयोजित 36वें राष्ट्रीय खेल में पदक जीतने वाले राज्य के खिलाडिय़ों को सम्मानित किया। कार्यक्रम में इन खेलों मे भाग लेने वाले खिलाडिय़ों, प्रशिक्षकों और टीम प्रबंधकों को भी सम्मानित किया गया। छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल के अध्यक्ष कुलदीप जुनेजा, छत्तीसगढ़ ओलंपिक संघ के महासचिव देवेन्द्र यादव, रायपुर नगर निगम के पूर्व महापौर गजराज पगारिया और छत्तीसगढ़ ओलंपिक संघ के पदाधिकारी भी समारोह में उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि खेलों के माध्यम से जहां खिलाडिय़ों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिलती है, वहीं हम सब भी गौरवान्वित महसूस करते हैं। आप सब ने छत्तीसगढ़ का प्रतिनिधित्व करने के साथ ही हम लोगों को गौरवान्वित भी किया है। मैं गुजरात में हुए 36वें राष्ट्रीय खेल में राज्य के लिए पदक जीतने वाले खिलाडिय़ों के साथ ही सभी प्रतिभागी खिलाडिय़ों को बधाई देता हूं। मुख्यमंत्री ने व्यक्तिगत एवं टीम स्पधार्ओं में पदक जीतने वाले 64 खिलाडिय़ों, विभिन्न खेलों में भाग लेने वाले 89 अन्य खिलाडिय़ों तथा 38 प्रशिक्षकों-प्रबंधकों को सम्मानित किया।
मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि राज्य में खेलों के विकास और खिलाडिय़ों के प्रोत्साहन के लिए अच्छा वातावरण तैयार किया जा रहा है। किसी भी क्षेत्र में सफलता के लिए संगठित प्रयास और अनुकूल वातावरण की जरूरत होती है। प्रदेश में अभी 21 अकादमी संचालित हैं जिनमें दो आवासीय अकादमी भी हैं। इनकी संख्या बढ़ाई जानी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। जब नारायणपुर के बच्चे मलखम्ब में राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपना परचम लहरा सकते हैं, तो कुछ भी असंभव नहीं है। एशियन गेम्स, ओलंपिक, राष्ट्रमंडल और राष्ट्रीय खेलों में छत्तीसगढ़ के खिलाड़ी लगातार हिस्सा लेते रहे हैं।
छत्तीसगढ़ ओलंपिक संघ के महासचिव देवेन्द्र यादव ने कार्यक्रम में कहा कि प्रदेश के खिलाडिय़ों में बहुत प्रतिभा और ऊर्जा है। राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में यहां के खिलाड़ी लगातार अपना दमखम दिखाते रहे हैं। राज्य की खेल प्रतिभाओं को तराशने के लिए हमें संगठित रूप से अच्छी अधोसंरचना तैयार करनी होगी। 14-15 वर्ष की उम्र में खिलाडिय़ों की पहचान कर योजनाबद्ध रूप से उनके कौशल को निखारना होगा। राज्य के सभी संभाग मुख्यालयों में उपलब्ध खेल सुविधाओं को दूरस्थ अंचल के बच्चों तक भी पहुंचाना होगा। यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री ने 36वें राष्ट्रीय खेल के पदक विजेता खिलाडिय़ों, इसमें हिस्सा लेने वाले खिलाडिय़ों और प्रशिक्षकों के लिए कुल 16 लाख 35 हजार रूपए के पुरस्कार की घोषणा की है।