25 जुलाई तक पंचायत सचिवों को 7वां वेतनमान, विभाग में संविलियन नहीं किया तो होगा बड़ा आंदोलन: हाकिम सिंह यादव
20 हजार ग्राम पंचायत सचिव शासन से आरपार के मूड में, हमारी धैर्यता एवं संयम को कमजोरी ना समझे शासन प्रशासन
भोपाल
पंचायत सचिव महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष बालमुकुंद पाटीदार, मध्य प्रदेश पंचायत सचिव संगठन के प्रदेश अध्यक्ष नरेंद्र सिंह राजपूत, आजाद पंचायत सचिव संगठन के प्रदेश अध्यक्ष हाकिम सिंह यादव ने बयान जारी कर बताया कि मध्य प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह जी चौहान के साथ दिनांक 25 मई 2023 को मुख्यमंत्री निवास में बैठक हुई थी और उस बैठक में तीनों संगठन के पदाधिकारियों द्वारा संयुक्त रूप से मुख्यमंत्री जी के समक्ष मांग रखी गई थी कि ग्राम पंचायत के सचिवों का विभाग में संविलियन कर सातवां वेतनमान का लाभ दिया जावे। मुख्यमंत्री जी ने उक्त संयुक्त बैठक में सभी को आश्वस्त किया था कि आपकी तीन दिवस में मैं महापंचायत बुलाकर आप सभी की मांगों का निराकरण करूंगा, लेकिन उक्त आश्वासन पर आज दिनांक तक कोई अमल नहीं किया गया है। इस पर पंचायत सचिवों ने भारी रोष व्याप्त है।
उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश के कर्मचारी जगत में सभी कर्मचारी संगठनों को बुलाकर अपनी मांगों का निराकरण किया जा रहा है दूसरी ओर मुख्यमंत्री जी की सबसे प्रिय योजना लाडली बहना योजना का क्रियान्वयन ग्राम पंचायत सचिवों ने भरी दोपहर में रात दिन काफी मेहनत कर इमानदारी पूर्वक करते हुए ऐसे समय में काम किया जिस समय सभी कर्मचारी हड़ताल पर थे, लेकिन फिर भी ग्राम पंचायत के सचिवों ने यह सोचकर परिणाम देने का प्रयास किया है कि मुख्यमंत्री जी की यह जन हितेषी योजना है और यह योजना सफल हो जाएगी तो इसका लाभ लाखों बहनों को मिलेगा।
मांग पर सीएम हाउस के अधिकारियों की हठधर्मिता से नहीं हो रहा अमल
संगठन के पदाधिकारी अब तक शासन से यही आस लगाकर बैठे हुए थे कि माननीय मुख्यमंत्री जी हमें बुला कर विभाग में संविलियन का सातवां वेतनमान का लाभ देंगे, लेकिन मुख्यमंत्री निवास के अधिकारियों की हठधर्मिता की वजह से 20 हजार पंचायत सचिवों की महापंचायत नहीं हो पा रही है। केवल महापंचायत के नाम पर गुमराह किया जा रहा है जबकि शासन के 23 विभागों की जनकल्याणकारी योजनाओं का सफल क्रियान्वयन ईमानदारी एवं लगन शिलता के साथ कर रहा है।
उग्र आंदोलन की दी चेतावनी
शासन के खिलाफ उग्र आंदोलन करते हैं धरना प्रदर्शन करते हैं वह मुर्दाबाद करते हैं उन्हें माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा बुलाकर सम्मानित किया जा रहा है हमारे धैर्य तक की परीक्षा अब पूर्ण हो गई है, पूर्व शासनकाल में 2.80 लाख अध्यापकों को विभाग में संविलियन किया गया उनके विभाग में संविलियन पर सरकार को कोई कठिनाई नहीं आई दूसरी और वर्तमान में 20000 ग्राम पंचायत सचिवों को विभाग में संविलियन करने के लिए दर-दर की ठोकरें खाकर लगातार संघर्ष करना पड़ रहा है मध्य प्रदेश के 20000 पंचायत सचिव सड़कों पर आकर सरकार के सामने लड़ने के लिए तैयार है यह तो एक छोटा सा अल्टीमेटम शासन को दिया जा रहा है यदि 25 जुलाई तक शासन ने पंचायत सचिवों को बुलाकर महापंचायत कर सातवां वेतनमान के साथ में विभाग में संविलियन नहीं किया तो बहुत बड़ा आंदोलन खड़ा करेंगे, जो मध्य प्रदेश की पंचायती राज में अपना इतिहास लिखेगा ।