SCO Event में कश्मीर के मानचित्र पर राजनीति कर रहे थे पाकिस्तानी, भारत के हड़काने के बाद मीटिंग छोड़ी
नई दिल्ली
दुनिया का चाहे कोई भी मंच हो, अगर वहां पाकिस्तान को बुलाया गया है, तो वो कश्मीर पर राजनीति करने से बाज नहीं आते हैं। दिल्ली में आयोजित एससीओ सम्मेलन के दौरान भी पाकिस्तान ने कश्मीर के मानचित्र पर राजनीति करने की कोशिश की, लेकिन जब भारत ने हड़काया, तो पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल ने बैठक हो छोड़ दिया। रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान ने मंगलवार को शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के तहत सैन्य चिकित्सा विशेषज्ञों के एक सम्मेलन में भाग नहीं लिया। क्योंकि, भारतीय पक्ष ने पाकिस्तान के कश्मीर को लेकर गलत मानचित्र के इस्तेमाल करने पर कड़ा विरोध दर्ज कराया था।
एससीओ में पाकिस्तान की राजनीति
रिपोर्ट के मुताबिक, मामले से परिचित लोगों ने कहा, कि इस मामले को विदेश मंत्रालय सहित भारतीय पक्ष ने उठाया था और कड़ा विरोध दर्ज कराया था, क्योंकि पाकिस्तानी अधिकारियों ने एससीओ की बैठक में इसी तरह के नक्शे का इस्तेमाल किया था। इस साल जुलाई में होने वाले एससीओ शिखर सम्मेलन से पहले भारत अभी आधिकारिक और मंत्रिस्तरीय बैठकों की एक श्रृंखला की मेजबानी कर रहा है। पाकिस्तानी पक्ष उन मानचित्रों का उपयोग कर रहा था, जो कश्मीर को पाकिस्तान के हिस्से के रूप में दिखाते थे। मामले से परिचित लोगों ने कहा, कि यह एक ऐसा मुद्दा है, जिसने हाल के वर्षों में एससीओ की बैठकों को काफी प्रभावित किया है। पाकिस्तान को आधिकारिक स्तर पर "सैन्य चिकित्सा, स्वास्थ्य देखभाल और महामारी में एससीओ सशस्त्र बल योगदान" के विषय पर इस सम्मेलन में भाग लेना था। लेकिन, मामले से परिचित लोगों के मुताबिक, भारतीय पक्ष की आपत्ति के बाद, पाकिस्तानी पक्ष ने बैठक में भाग नहीं लिया।
दिल्ली में आयोजित की गई थी बैठक
भारत स्थिति थिंक टैंक, इंस्टीट्यूट फॉर डिफेंस स्टडीज एंड एनालिसिस (IDSA) ने नई दिल्ली के एक होटल में एससीओ सम्मेलन की मेजबानी की थी। मामले से परिचित लोगों ने हालांकि कहा, कि मंगलवार के घटनाक्रम से एससीओ ढांचे के तहत अन्य नियोजित बैठकों के प्रभावित होने की उम्मीद नहीं है। हिन्दुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, एक व्यक्ति ने कहा, कि "मंगलवार की कार्यक्रम में, पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल ने एक गलत मानचित्र का इस्तेमाल किया था, जिसमें कश्मीर को पाकिस्तान के हिस्से के रूप में दिखाया गया था। ये मामला विदेश मंत्रालय के संज्ञान में आने के बाद, पाकिस्तानी पक्ष को सही नक्शा दिखाने या सेमिनार से दूर रहने को कहा गया।
जिसके बाद पाकिस्तान प्रतिनिधिमंडल ने बैठक से दूर रहने का फैसला किया।" आपको बता दें, कि इस इवेंट का मकसद, सैन्य चिकित्सा, स्वास्थ्य देखभाल और महामारी से निपटने के क्षेत्र में सर्वोत्तम प्रथाओं का आदान-प्रदान करना था। पिछले ढाई सालों में विभिन्न सशस्त्र बलों द्वारा आइसोलेशन वार्ड, आपातकालीन स्वास्थ्य देखभाल उपकरण प्रदान करके और दूरदराज के क्षेत्रों में टीकाकरण कार्यक्रमों में सहायता करके किए गए योगदान के आधार पर इस थीम का चयन किया गया था, जिसमें पाकिस्तान को भी आमंत्रित किया गया था।
सैन्य बलों के लिए आयोजित किया गया था कार्यक्रम
अधिकारियों ने कहा, कि चूंकि एससीओ देशों के सशस्त्र बल आमतौर पर ऐसे मुद्दों से निपटने में सबसे पहले प्रतिक्रिया देने वालों में से होते हैं, इसलिए थिंक टैंक के एक सम्मेलन की योजना इस बात पर ध्यान केंद्रित करने के लिए बनाई गई थी, कि समूह के आठ सदस्य भविष्य की चुनौतियों का जवाब कैसे दे सकते हैं। सितंबर 2020 में कोविड-19 महामारी जब चरम पर थी, उस वक्त भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल भी एससीओ के शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों की एक वर्चुअल बैठक से बाहर चले गए, जब पाकिस्तानी प्रतिनिधि ने एक नक्शा पेश किया था, जिसमें दोनों देशों की सीमाओं को गलत तरीके से दिखाया गया था। उस समय, भारतीय विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तानी पक्ष पर जानबूझकर "काल्पनिक मानचित्र का उपयोग करने का आरोप लगाया था, जिसे पाकिस्तान" प्रचारित करने की कोशिश कर रहा था।
भारतीय पक्ष ने औपचारिक रूप से रूस के सामने इस मामले का विरोध दर्ज कराया था, जिसने 2020 में एससीओ की अध्यक्षता की थी। भारत ने अपने विरोध में कहा था, कि पाकिस्तान की यह हरकत एससीओ समूह के चार्टर का घोर उल्लंघन है और सदस्य राज्यों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए सभी मानदंडों के खिलाफ है। आपको बता दें, कि भारत इस साल अप्रैल में एससीओ के रक्षा मंत्रियों की बैठक की भी मेजबानी कर रहा है, जिसमें पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ को न्योता भेजा गया है।