पाकिस्तान: पीटीआई अध्यक्ष परवेज इलाही को किया गिरफ्तार
लाहौर
इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के अध्यक्ष चौधरी परवेज इलाही को भ्रष्टाचार के मामले में लाहौर स्थित उनके आवास के बाहर से गिरफ्तार किया गया है।
पंजाब के कार्यवाहक सूचना मंत्री आमिर मीर ने इलाही की गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुए जियो न्यूज से कहा कि उनको भ्रष्टाचार निरोधक प्रतिष्ठान (एसीई) ने पुलिस की सहायता से उनके जहूर इलाही रोड स्थित आवास के बाहर गिरफ्तार किया गया है।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इलाही को कानून-व्यवस्था बिगाडने के तहत गिरफ्तार नहीं किया गया है। जैसा कि पीटीआई के कई अन्य सदस्यों और नेताओं को किया गया है।
इससे पहले पीटीआई नेताओं और कार्यकर्ताओं को पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद 09 मई को हुए विरोध और तोड़फोड़ में शामिल होने के आरोपों में गिरफ्तार किया गया था।
उन्होंने कहा कि इलाही गिरफ्तारी से बचने की लगातार कोशिश कर रहे थे। उनकी जमानत एक भ्रष्टाचार मामले में खारिज कर दी गई थी। वह इस मामले में वांछित थे और भागने की कोशिश करते हुए उन्हें कल उनके आवास के बाहर से गिरफ्तार कर लिया गया है।
पंजाब के एसीई ने एक बयान में कहा कि इलाही कई मामलों में वांछित हैं और कुछ दिन पहले भ्रष्टाचार रोधी अदालत ने उनकी जमानत खारिज कर दी थी। एसीई ने दावा किया कि पीटीआई नेता ने जमानत के लिए अदालत में फर्जी चिकित्सा प्रमाणपत्र जमा किया था, लेकिन बयान में यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि इलाही को किस मामले में गिरफ्तार किया गया है।
मीर ने कहा कि इलाही को गिरफ्तार करने की रणनीति के अंतर्गत पिछले कई दिनों से उनके आवास की घेराबंदी की गई थी।
इलाही के प्रवक्ता इकबाल चौधरी ने आरोप लगाया कि अधिकारियों ने गिरफ्तारी के दौरान उनके साथ आई महिलाओं के साथ 'दुर्व्यवहार' किया।
मीर के मुताबिक पीटीआई नेता को अब अदालत में पेश किया जाएगा और उसके बाद उनकी कानूनी टीम को उनसे मिलने दिया जाएगा। इस बीच गिरफ्तारी के तुरंत बाद इलाही के पुत्र मूनिस इलाही ने कहा कि उनके पिता पीटीआई के साथ ही रहेंगे।
पीटीआई नेता फारुख हबीब ने इलाही की गिरफ्तारी को बदले की कार्रवाई करार दिया है।
पीटीआई नेता बाबर अवान ने भी गिरफ्तारी की निंदा करते हुए कहा कि इलाही को उस समय गिरफ्तार किया गया जब वह अपने परिवार के साथ थे और गिरफ्तारी से पहले उन्हें परेशान किया गया। उन्होंने ट्वीट किया कि इससे साबित होता है कि देश में कोई संवैधानिक अधिकार या किसी प्रकार का कानूनी संरक्षण नहीं है।