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कोरोना को फिर हराने : आक्सीजन प्लांट, आईसीयू वार्ड, पैरामेडिकल स्टाफ, आयुष डॉक्टरों व अन्य व्यवस्थाओं को परखा गया

भोपाल

देश के ज्यादातर हिस्सों में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए सख्तियों का दौर लौटने लगा है। कई राज्यों ने सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनना फिर अनिवार्य कर दिया है, तो कई प्रदेशों ने बेहद सावधान रहने की हिदायत दी है। जांच में तेजी लाने का भी निर्देश दिया गया है।  राष्ट्रीय राजधानी समेत देशभर में सभी अस्पतालों, पॉलिक्लीनिक व डिस्पेंसरियों में जांच बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। इस बीच, कोरोना संक्रमण के चलते किसी भी स्थिति से निपटने के लिए देश भर में सरकारी और निजी अस्पतालों में दो दिन मॉकड्रिल होगी।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्रियों और स्वास्थ्य विभाग के प्रधान और अतिरिक्त मुख्य सचिवों के साथ समीक्षा बैठक में तैयारियों को परखने का निर्देश दिया था। चेन्नई के राजीव गांधी जनरल हॉस्पिटल में भी कोरोना महामारी की तैयारियों को लेकर मॉकड्रिल की गई, जिसका राज्य के स्वास्थ्य मंत्री ने निरीक्षण भी किया।  केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने सोमवार को झज्जर स्थित एम्स में तैयारियों का जायजा लिया। उन्होंने लोगों से घबराने नहीं, सतर्क रहने को कहा है।

मध्यप्रदेश में व्यापक तैयारियां
मध्यप्रदेश के सभी अस्पतालों में आक्सीजन प्लांट, आईसीयू वार्ड, पैरामेडिकल स्टाफ, आयुष डॉक्टरों व अन्य व्यवस्थाओं को परखा गया। राजधानी भोपाल के हमीदिया अस्पताल के आक्सीजन प्लांट वार्डों  में व्यवस्थाएं देखीं गई।

हमीदिया में व्यवस्थाएं
हमीदिया अस्पताल में आक्सीजन प्लांट की क्षमता 2000 एलपीएम की है। कुल 1498 बिस्तर हैं, जिसमें 1045 आॅक्सीजन बेड्स हैं। आक्सीजन प्लांट में 24 घंटे जीपीएस सिस्टम से मॉनिटरिंग की जा रही है।
 
जेपी में भी व्यवस्था दुरुस्त
भोपाल के जेपी अस्पताल में मॉक ड्रिल के माध्यम से व्यवस्थाएं चुस्त-दुरुसत मिलीं।  इस दौरान अस्पताल में बेड, दवाइयों, वेंटिलेटर, आक्सीजन की उपलब्धता की जांच की गई। हमीदिया में डमी मरीज को लाकर वार्ड में शिफ्ट किया गया।

चीफ जस्टिस ने दी सुप्रीम कोर्ट में वर्चुअल सुनवाई की परमिशन
कोरोना के बढ़ते मामलों के बाद सुप्रीम कोर्ट में भी वर्चुअल सुनवाई की इजाजत दे दी गई है। सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ ने पिछले सप्ताह कहा था कि वकील वर्चुअल तरीके से कोर्ट में पेश हो सकते हैं। चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि अखबारों की रिपोर्ट बताती है कि कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं और अगर कोई वकील वर्चुअल अदालत में पेश होना चाहता है तो हो सकते हैं और हाइब्रिड मोड भी चालू है। सीजेआई ने कहा, हमने बढ़ते कोविड मामलों पर अखबारों की रिपोर्ट देखी। वकील हाइब्रिड मोड का उपयोग कर सकते हैं। यदि आप आॅनलाइन पेश होना चाहते हैं, तो हम आपकी बात सुनेंगे।

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