हमारी चवन्नी सब जगह चलती है… योग गुरु बाबा रामदेव का पीएम मोदी से मिलने का प्लान
नई दिल्ली.
योगगुरु बाबा रामदेव ने कहा कि आयुष मंत्रालय बनने के बाद देश के सभी राज्यों में आयुष अस्पतालों का निर्माण हुआ। उनका कहना था कि हमारी चवन्नी सब जगह चलती है। आयुष मंत्रालय बनने के बाद आगे की एक रूपरेखा बाकी है। इस रूपरेखा के तहत योग नेचुरोपैथी का बिल बन गया है। आगामी मार्च माह में योग नेचुरोपैथी के बिल को भी पास कराने के लिए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे। उन्होंने कहा कि मैं आश्वस्त हूं कि पीएम बिल को पास कराएंगे। जिसके बाद हम नए इतिहास का सृजन करेंगे।
ये बातें योगगुरु ने प्राकृतिक चिकित्सा पर दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान अपने संबोधन में कहीं।शनिवार को पतंजलि में प्राकृतिक चिकित्सा पर दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का शुभारंभ हुआ। इस दौरान योगगुरु ने कहा कि भारत ही नहीं बल्कि विश्व का सबसे बड़ा नेचुरोपैथी का महाकुंभ पतंजलि में आयोजित हो रहा है। देश के पीएम आयुर्वेद, योग, नेचुरोपैथी और सनातन संस्कृति के प्रति आस्थावान और निष्ठावान ही नहीं बल्कि पीएम सनातन के पुरोधा हैं। राष्ट्र धर्म के योद्धा हैं। पीएम के कारण सनातन को गौरव मिलता है। यह काल सनातन संस्कृति का गौरव काल है। उन्होंने कहा कि हमारा सौभाग्य है कि हमारा जन्म इस कालखंड में हुआ है। सनातन के गौरव काल में जिस भारत भूमि पर जन्म लेने के लिए मुक्त आत्माएं, देवात्मएं तरसती हैं, उस भूमि पर हमारा जन्म हुआ है। यह हमारा सौभाग्य है। कार्यक्रम पर बोलते हुए योगगुरु ने कहा कि नेचुरोपैथी का उद्गम विदेशों से नहीं हुआ, बल्कि नेचुरोपैथी का उद्गम वेदों और उपनिषद् से हुआ है। भारत ने विश्व को ज्ञान, प्रज्ञान और विज्ञान सिखाया है। दो दिनों तक भारत की सांस्कृतिक विरासत पर चर्चा की जाएगी।
हमारी चवन्नी सब जगह चलती है
योगगुरु ने कहा कि 30 वर्ष पहले हमारे पास एक फूटी कौड़ी नहीं थी। गांव की भाषा में बोले तो एक चवन्नी नहीं थी। बाद में सरकार ने चवन्नी भी बंद कर दी। न हमारे पास पहले चवन्नी थी। न हमारे पास आज चवन्नी है। लेकिन हमारी चवन्नी सब जगह चलती
है। योगगुरु ने कहा कि गुरुकुल में पढ़कर विश्व के टॉप दो फीसदी वैज्ञानिकों की श्रेणी में लगातार दो वर्षों तक शामिल होकर आचार्य बालकृष्ण ने कीर्तिमान स्थापित किया है। यह मात्र एक उपलब्धि नहीं है। यह नवाचार, नई दिशा, नई प्रेरणा है।