त्रिपुरा में विपक्ष भी हुआ अमित शाह का फैन! टिपरा मोथा के चीफ प्रद्योत ने कहा शुक्रिया
अगरतला
त्रिपुरा में माणिक साहा और 9 मंत्रियों के शपथ ग्रहण के बाद भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह ने मुख्य विपक्षी पार्टी के नेता प्रद्योत किशोर देववर्मा से भी मुलाकात की। देववर्मा टिपरा मोथा के हेड हैं जो चुनाव में 13 सीटें हासिल करके दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनी है। बाद में देववर्मा ने बताया कि गृह मंत्री ने आदिवासियों की लंबी समय से चली आ रही मांगों को पूरा करने के लिए वार्ताकार की नियुक्ति का आश्वासन दिया है। हालांकि इस मीटिंग में गठबंधन या फिर कैबिनेट शेयरिंग को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई। पहले चर्चा थी कि टीपरा मोथा भी भाजपा-आईपीएफटी सरकार में शामिल हो जाएगी।
प्रद्योत देववर्मा ने ट्विटर पर लिखा, 'त्रिपुरा के लोगों की समस्या को दूर करने के लिए गृह मंत्री ने संवैधानिक प्रक्रिया शुरू कर दी है। एक समयसीमा के अंदर ही वार्ताकार की नियुक्ति की जाएगी। मैं लोगों की असल समस्या को समझने के लिए गृह मंत्री को धन्यवाद देता हूं। हम चाहते हैं कि हमारे ब्रू लोगों का पुनर्वास हो। हमारे लोगों की हितों पर ही चर्चा हुई। गठबंधन और कैबिनेट के बारे में कोई बातचीत नहीं हुई। ' बता दें कि देववर्मा ने 2021 में ही टिपरा मोथा पार्टी बनाई थी जो कि 60 सीटीों वाली विधानसभा में 13 सीटें पाकर मुख्य विपक्षी पार्टी बन गई है।
शपथ ग्रहण समारोह के बाद अमित शाह अगरतला में गेस्ट हाउस पहुंचे। इससे पहले उन्होंने त्रिपुर सुंदरी मंदिर में दर्शन भी किए। उनकी प्रद्योत देववर्मा के साथ लगभग दो घंटे मीटिंग चली। इस बैठक में भाजपा के प्रवक्ता संबित पात्रा, असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा भी मौजूद थे। पात्रा ने बाद में कहा, हमने आदिवासी समाज के विकास के लिए महत्वपूर्ण बैठक की। सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास के मंत्र को ध्यान में रखते हुए हम आदिवासियों की समस्याओं पर काम करते रहेंगे।
बता दें कि जब टिपरा मोथा केवल दो महीने पुरानी पार्टी थी तभी उसने त्रिपुरा ट्राइबल एरिया ऑटोनोमस डिस्ट्रिक्ट काउंसिल के चुनाव में 28 सीटों पर कब्जा कर लिया था और लेफ्ट को उखाड़ फेंका था। टिपरा मोथा के चुनावी अजेंडे में ग्रेटर टिपरालैंड शामिल था। वहीं टिपरा मोथा ने विधानसभा चुनाव में 42 सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे जिनमें से 13 को सफलता मिली। टिपरा मोथा ने चुनाव से पहले भाजपा और लेफ्ट-कांग्रेस से गठबंधन करने से इनकार कर दिया था।