ऑपरेशन सिंदूर: सेना ने बरपाया पाकिस्तान में कहर
आतंक के अड्ढे 7 मिनट में किए तबाह, मसूद सहित कई बड़े आतंकी संगठनों के मुखियाओं के आशियाने तबाह

नई दिल्ली। आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक के करीब 9 घंटे बाद सरकार, सेना और एयरफोर्स के अफसरों ने घटना की जानकारी दी। बुधवार सुबह 10.30 बजे मीडिया ब्रीफिंग से पहले एयर स्ट्राइक का 2 मिनट का वीडियो प्ले किया गया। इसमें बताया गया कि मंगलवार रात 1.04 बजे से 1.11 बजे के बीच 7 मिनट में 9 टारगेट तबाह किए गए। हालांकि ऑपरेशन पूरा होने में कुल 25 मिनट का समय लगा। यह जानकारी प्रेस कॉन्फ्रेंस में कर्नल सोफिया कुरैशी, विदेश सचिव विक्रम मिस्त्री और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने ब्रीफ करते हुए दी।
देश के इतिहास में पहली बार प्रेस कॉन्फ्रेंस में आर्मी की कर्नल सोफिया कुरैशी और एयरफोर्स की विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने ऑपरेशन के बारे में जानकारी दी। विदेश सचिव विक्रम मिस्री भी मौजूद थे।
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि पहलगाम हमला कायरतापूर्ण था। इसमें परिवार के सामने लोगों की हत्या की गई, उनके सिर में गोली मारी गई। बचे हुए लोगों से कहा गया कि वे इस हमले का संदेश पहुंचाएं। पिछले साल सवा 2 करोड़ से ज्यादा पर्यटक कश्मीर आए थे। हमले का मकसद था कि कश्मीर के विकास और प्रगति को नुकसान पहुंचाकर पिछड़ा बनाए रखा जाए।
हमले का यह तरीका जम्मू-कश्मीर और देश में सांप्रदायिक दंगे फैलाने कोशिश था। एक समूह ने खुद को टीआरएफ कहते हुए हमले की जिम्मेदारी ली। इसे यूएन ने प्रतिबंधित किया है और यह लश्कर से जुड़ा है।
पाकिस्तान स्थित समूहों के लिए कवर के तौर पर टीआरएफ का इस्तेमाल किया गया। पहलगाम हमले की जांच से पाकिस्तान के साथ आतंकवादियों के संपर्क उजागर हुए हैं। टीआरएफ के दावे और लश्कर से सोशल मीडिया पोस्ट इसे साबित करती है।
पहलगाम के हमलावरों की पहचान भी हुई है और भारत में सीमापार से आतंकवाद फैलाने के पाकिस्तान का प्लान उजागर हुआ है। पाकिस्तान आतंकवादियों की शरण स्थली के रूप में पहचान बना चुका है। आतंकवाद के इस निंदनीय कार्य के अपराधियों को जवाबदेह ठहराने की आवश्यकता यूएन ने भी जताई थी।
पहलगाम में 22 अप्रैल के हमले के अपराधियों और इसकी प्लानिंग करने वालों को न्याय के कठघरे में लाना जरूरी था। वे इनकार करने और आरोप लगाने में ही लिप्त रहे हैं। भारत सरकार ने पाकिस्तान से संबंधों को लेकर कुछ कदम भी उठाए हैं।
पाकिस्तान स्थित आतंकी ठिकानों के बारे में हमें सूचना मिली थी कि वे और हमले कर सकते हैं। इन्हें रोकना जरूरी था। हमने इन्हें रोकने के अधिकार का इस्तेमाल किया है। यह कार्रवाई नपी-तुली और जिम्मेदारीपूर्ण है। हमारा एक्शन आतंकवाद के इन्फ्रास्ट्रक्चर को खत्म करने और आतंकियों को अक्षम बनाने पर केंद्रित है।
कर्नल सोफिया कुरैशी ने कहा कि मंगलवार-बुधवार की रात 1.05 से 1.30 बजे के बीच ऑपरेशन हुआ। पहलगाम में निर्दयता से जिन निर्दोष पर्यटकों को मारा गया, उसके लिए यह ऑपरेशन किया गया। पाकिस्तान में 3 दशकों से आतंकवादियों का निर्माण हो रहा है। हमले के बाद भी यह सामने आया है। हमने पाकिस्तान और पीओके में 9 टारगेट चुने थे और स्ट्राइक में इन्हें तबाह कर दिया गया। इन जगहों पर लॉन्चपैड, ट्रेनिंग सेंटर्स को टारगेट किया गया।
हमने विश्वसनीय सूचनाओं और इंटेलिजेंस के आधार पर इन लक्ष्यों को चुना। ऑपरेशन के दौरान हमने यह निश्चित किया कि बेगुनाह लोगों और सिविलियन इन्फ्रास्ट्रक्चर को नुकसान न पहुंचे।
पीओके में सबसे पहले टारगेट सवाई नाला मुजफ्फराबाद में था, यह लश्कर का ट्रेनिंग सेंटर था। सोनमर्ग, गुलमर्ग और पहलगाम हमले के आतंकियों ने यहीं ट्रेनिंग ली। मुजफ्फराबाद के ही सैयदना बिलाल कैंप में आतंकियों को हथियार, विस्फोटक और जंगल सर्वाइवल की ट्रेनिंग दी जाती थी।
गुरपुर के कोटली में लश्कर का कैंप था, यहां पुंछ में 2023 में श्रद्धालुओं पर हुए हमले के आतंकी ट्रेंड हुए थे।
पाकिस्तान में हमारा पहला टारगेट सियालकोट का सरजल कैंप था। मार्च 2025 में पुलिस जवानों की हत्या करने वाले आतंकवादियों को यहीं ट्रेन किया गया था।
सियालकोट के महमूना जाया कैंप में हिजबुल का बहुत बड़ा कैंप था। यह कठुआ में आतंकवाद का नियंत्रण केंद्र था। पठानकोट हमला यहीं प्लान किया गया।
मरकज तैयबा मुरीदके में टेररिस्ट कैंप है। अजमल कसाब और डेविड कोलमैन हेडली यहीं ट्रेन हुए थे।
मरकज सुभानअल्लाह भावलपुर जैश का हेडक्वार्टर था। यहां आतंकवादियों का रिक्रूटमेंट होता था, उन्हें ट्रेनिंग दी जाती थी। जैश के बड़े अफसर यहां आते थे।
किसी तरह की नागरिक क्षति की रिपोर्ट नहीं है, हमने रिहायशी इलाकों को निशाना नहीं बनाया है।
सेना ने ऑपरेशन सिंदूर की तस्वीरें दिखाईं…
सेना का ऑपरेशन कुल 25 मिनट चला। जो फुटेज जारी किए गए, उनके मुताबिक मंगलवार रात 1.04 बजे से 1.11 बजे तक 7 मिनट में आतंकियों के कुल 9 टारगेट तबाह किए। हालांकि कर्नल सोफिया कुरैशी ने अपने बयान में ऑपरेशन का समय रात 1.05 से 1.30 बजे के बीच बताया। सभी टारगेट्स पर आतंकियों के शेल्टर, ट्रेनिंग सेंटर और लॉन्च पैड बने हुए थे।
तबाह किए गए आतंकी ठिकानों की सूची
न्यूज एजेंसी ने बताया कि मुजफ्फराबाद, बहावलपुर, मुरीदके समेत कुल 7 शहरों के 9 ठिकानों पर एयर स्ट्राइक की गई। इनमें जैश-ए-मोहम्मद के 4, लश्कर-ए-तैयबा के 3 और हिजबुल मुजाहिदीन के 2 ठिकाने शामिल हैं।