सक्ती
भोथिया से निकलने वाली दांयी तट नहर का खस्ताहाल अब पानी प्रवाह चालू होने के बाद दिखने लगा है। इस वर्ष मरम्मत के तहत की गई ढलाई में दरारें पड़ चुकी हैं। जलापूर्ति की अनिवार्यता के चलते मरम्मत का काम किश्त-किश्त में चल रहा है। पानी सप्लाई होने के बाद भी नहर मरम्मत का कार्य चल रहा है। ग्रामीण क्षत्रों में बसाहट के निकट वाले क्षेत्रों में नहर की दशा जर्जर है। कछुआ चाल व गुणवत्ताविहीन मरम्मत के चलते नहरों की दशा में सुधार नहीं आ सका है।
जल प्रदाय से करोड़ों का राजस्व देने वाली नहरों की दशा दयनीय हो चुकी है। सूखे की स्थिति होने के कारण इस वर्ष लगातार नहर से पानी छोड?े का क्रम जारी रहा है। इस बीच नहरों का मरम्मत चालू कर दिया है लेकिन मराम्मत की कार्य भी चल रहा है और दरारे भी सामने आ रही है दस वर्ष की गारंटी बनते ही दरारे आनी लगी। अब नहरों की हालिया दशा अब दिखने लगी है। बसाहट वाले क्षेत्र खम्हरिया भोथिया से लगे दांयी व तट के नहर में इस वर्ष ही सुधार की गई है। मरम्मत वाले स्लैब में बड़ी-बड़ी दरारें देखी जा रही है। लिहाजा मरम्मत कार्य बेमानी ही साबित हो रहा है। समय पर संधारण कार्य नहीं होने के कारण लागत बढ़ती जा रही है।
मिनीमाता परियोजना से प्रतिवर्ष शासन को उद्योग व कृषि से प्रति वर्ष करोडो की आय होती है जिन नहरों से जल प्रदाय की जाती है व किसानों के खेतों में पानी दिया जाता है उसकी दशा में सुधार नहीं होना समस्या का सबब बनते जा रहा है। नहरों के पूर्ण संधारण के लिए 467.34 लाख की बजट स्वीकृत हुई है।उक्त नहरों का संधारण कार्य किश्तों में जारी है। वर्तमान में मुरलीडीह वितरक नहर,मलनी वितरक नहर,सिरली सब माईनर,तांदुलडीह माईनर एवं भोथिया माईनर नहर के क्षतिग्रस्त सी सी लाइनिंग बैंक सुद्दीकरण, टो वाल का निर्माण एवं मिट्टी का कार्य मरम्मत हो रहा है। हर साल नहर की सुरक्षा के लिए बोरियां डाली जाती थी। मिट्टी का कटाव नहर के तटों से जिस तरह से हो रहा थी, उससे हर साल अधिक बोरियां डालनी पड़ती थी। सिंगल लेयर की बोरियां डालने से पहले ही बहाव में वह बह जाते थे, लिहाजा सुरक्षा के लिए राशि खर्च करने के बाद नहरों की दशा में सुधार नहीं हो रहा था जिसको राज्य सरकार ने संज्ञान लेते हुए मराम्मत करने के लिए करोड़ो रुपए स्वीकृति दिए है जिसकी खुलकर दुरुपयोग ठेकेदार ने अधिकारियों की नाक के नीचे किया जा रहा है।
मिट्टी कटाव से जर्जर दशा में विस्तार
नहर मार्ग में वाहनों का आवागमन जारी रहता है। जिस तरह से नहर के दोनो तटों में मिट्टी का कटाव हुआ है, उससे आवागमन की दृष्टि से खतरे का सबब साबित हो रहा है। तटों में कटाव के होने के कारण निस्तारी के लिए उपयोगहीन हो चुके नहर लोगों के लिए समस्या का सबब बना हुआ है।
स्थानीय नेताओं को संज्ञान लेने की जरूरत
जिस तरह किसानों की हित मे करोड़ो रुपए खर्च कर अंतिम छोर तक पानी पहुँचाने के लिए सरकार खर्च कर रहा है यह राशि कमीशन की फेर में लीपापोती कर नहर की कार्य कर रहे है जिस राशि मे नेताओ अधिकारी कर्मचारियों की भेंट चढ़ रही है और नहर की मराम्मत होते ही दरारे होने लगी है लगातार खबर प्रकाशित होने पर क्षेत्र की नेताओ मौके पर चले जाते है निरीक्षण करने उसके बाद ठेकेदारों की और मनोबल बढ़ जाते है और मनमर्जी से निर्माण कार्य करवाते है क्षेत्र में चल रहे नहर मराम्मत में स्थानीय नेताओं को संज्ञान लेने की जरूरत है।
नहर मराम्मत कराते ही तुंरत पानी छोड़ दिया गया है जिस कारण दरारे पड़ गयी है पुन: रिपेरिंग करवा दिया जाएगा।
सिदार एसडीओ, जल संसाधन विभाग सक्ती