भारत ही सुधार सकता है कंगाल पाकिस्तान के हाल? SCO से क्यों शहबाज शरीफ को उम्मीदें
नई दिल्ली
शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की 23वीं बैठक कर्ज में डूबे तंगहाल पाकिस्तान के लिए वरदान साबित हो सकती है। कहा जा रहा है कि इस मंच के जरिए पाकिस्तान खुद को दुनिया के सामने जिम्मेदार मुल्क की तरह पेश करने की कोशिश कर रहा है। खास बात है कि मुश्किल हालात में फंसे पाकिस्तान के लिए कारोबार के लिहाज से भारत से रिश्ते भी काफी अहम हो जाते हैं। इसके अलावा उसे चीन और रूस जैसे देशों के साथ भी अच्छे संबंध रखने होंगे।
क्या केवल भारत ही कर सकता है पाकिस्तान की मदद
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जानकार बताते हैं कि पाकिस्तान भारत के साथ शांति और व्यापारिक रिश्ते चाहता है। माना जा रहा है कि भारत ही है, जो उसे सस्ता माल, खाद्य सामग्री और कच्चा माल उपलब्ध करा सकता है। मंगलवार को हुई बैठक में प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भी आतंकवाद का मुद्दा उठाया और इसके खिलाफ बोले। साथ ही उन्होंने कनेक्टिविटी की जरूरत पर भी बात की और कहा कि यह आधुनिक वैश्विक अर्थव्यवस्था में अहम भूमिका निभाएगी। प्रधानमंत्री शरीफ ने कहा, 'आतंकवाद और उग्रवाद के कई सिर वाले राक्षस से-चाहे वह व्यक्तियों, समाज या राज्यों द्वारा प्रायोजित हो- पूरी ताकत और दृढ़ विश्वास के साथ लड़ना चाहिए। किसी भी परिस्थिति में कूटनीतिक मुद्दे के लिए इसे एक औजार के रूप में इस्तेमाल करने के किसी भी प्रलोभन से बचना चाहिए।'
शरीफ ने कहा, 'राज्य प्रायोजित आतंकवाद समेत सभी तरह के आतंकवाद की स्पष्ट और कड़े शब्दों में निंदा की जानी चाहिए। चाहे कारण या बहाना कुछ भी हो, निर्दोष लोगों की हत्या का कोई औचित्य नहीं हो सकता है।' उन्होंने कहा कि आतंकवाद के संकट से लड़ने में पाकिस्तान की तरफ से किए गए बलिदानों की कोई तुलना नहीं है, लेकिन यह अभी भी इस क्षेत्र को प्रभावित कर रहा है और शांति तथा स्थिरता के लिए 'गंभीर बाधा' है।
CPEC का जिक्र
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री चीन के प्रोजेक्ट CPEC यानी चाइना-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर को गेम चेंजर बता रहे हैं। उन्होंने कहा, 'पाकिस्तान जिस जगह स्थित है, वह एक प्राकृतिक सेतु के रूप में कार्य करता है, जो यूरोप और मध्य एशिया को चीन, दक्षिण एशिया और पश्चिम एशिया से जोड़ता है।' उन्होंने कहा कि सीपीईसी के तहत विशेष आर्थिक क्षेत्र, क्षेत्रीय व्यापार को बढ़ावा देने के लिए सुविधाजनक माध्यम के रूप में भी काम कर सकते हैं।'
पाकिस्तान, कर्ज और IMF
हाल ही में पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष यानी IMF से 3 बिलियन डॉलर के लोन की राहत मिली है। हालांकि, इस डील को अब भी IMF के बोर्ड की तरफ से मंजूरी मिलना बाकी है। इसके बाद पाकिस्तान IMF का चौथा सबसे बड़ा कर्जदार बन जाएगा। रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध का खामियाजा भी पाकिस्तान को आर्थिक रूप से भुगतना पड़ रहा है।