त्योहारों के एक हफ्ते में 55000 करोड़ की ऑनलाइन बिक्री, दशहरा से दिवाली के बीच फिर बढ़ेगी
नई दिल्ली
त्योहारी सीजन में ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से जमकर खरीदी हो रही है। एक हफ्ते में ऑनलाइन प्लेटफॉर्म ने 55,000 करोड़ के सामान बेचे हैं। पिछले वर्ष की तुलना में यह 26 फीसदी अधिक है। ऑनलाइन से सर्वाधिक खरीदी मोबाइल फोन, कंज्यूमर ड्यूरेबल, इलेक्ट्रॉनिक्स व जनरल मर्चेंडाइज की हो रही है। कुल बिक्री में इनका योगदान तीन चौथाई है।
इस साल त्योहारी सीजन में होने वाली बिक्री की करीब 55 फीसदी बिक्री 26 सितंबर के बाद से अब तक हुई है। पिछले साल त्योहारों में ऑनलाइन खरीदी का मूल्य 9.7 अरब डॉलर था। इस बार 23 फीसदी बढ़कर 12 अरब डॉलर हो सकता है। खरीदारों में छोटे कस्बों व शहरों का बड़ा हिस्सा है। कुछ ब्रांडों ने कहा, आपूर्ति से ज्यादा मांग आ रही है।
सालाना आधार पर 40 फीसदी तक बढ़ गई मांग
फ्लिपकार्ट, मीशो और अमेजन इंडिया की 26 सितंबर से वार्षिक त्योहारी सीजन की बिक्री शुरू है। मीशो ने कहा, सालाना आधार पर बिक्री में 40% की वृद्धि देखी गई। यह उछाल दूसरे स्तर के शहरों की मजबूत मांग से आया है। इसमें लगभग 45% खरीदार चौथे स्तर के शहर और उससे आगे से आए थे।
छोटे शहरों पर ज्यादा जोर
फ्लिपकार्ट का कहना है कि बड़े शहरों के साथ मेदिनीपुर, हिसार, बेरहामपुर, बांकुरा और अगरतला जैसे दूसरे स्तर के क्षेत्रों में भी ग्राहकों की ओर से मजबूत मांग है। कुछ वर्षों से त्योहारी बिक्री पहले शुरू हो जाती है। ऑनलाइन प्लेटफॉर्म ने जब सेल की शुरुआत की तो बिक्री बहुत तेज थी। आखिरी दिन में धीमी हो गई।
दशहरा से दिवाली के बीच फिर बढ़ेगी बिक्री
व्यापारियों का मानना है कि बिक्री की एक और लहर आएगी। यह दशहरा से दिवाली के बीच होगी। अमेजन इंडिया का कहना है कि जो 30,000 रुपये से ज्यादा के इलेक्ट्रॉनिक्स सामान हैं, उनकी बिक्री 30% बढ़ी है। मूलरूप से महंगे स्मार्टफोन ज्यादा बिक रहे हैं। खासकर आईफोन 13, वनप्लस और सैमसंग एस 23 अल्ट्रा है। कुल ऑर्डर का 75 फीसदी ऑर्डर दूसरे और उसके आगे के शहरों से आ रहा है।
नवरात्र में इन सामानों की मांग में बढ़ोतरी
नवरात्र शुरू होने के साथ घरेलू सजावट इलेक्ट्रॉनिक्स व गेमिंग सहायक उपकरण जैसी अन्य श्रेणियों ने इस अवधि के दौरान वॉल्यूम में 100% से अधिक वृद्धि दर्ज की है। सबसे ज्यादा मांग इनकी रही है।
इसलिए खरीदी में आ रही तेजी
ऑनलाइन बिक्री में तेजी का बड़ा कारण किस्त पर सामान मिलना है। 50 फीसदी से ज्यादा खरीदार, जो टीवी, फ्रिज, वॉशिंग मशीन, लैपटॉप खरीद रहे हैं वे किस्त पर भुगतान कर रहे हैं। ये महंगे उत्पाद खरीद रहे हैं। दूसरे और तीसरे स्तर के शहर स्मार्टफोन और टीवी बिक्री में 70 फीसदी का योगदान दे रहे हैं।