राजनीति

विधानसभा में एक बार फिर सरकार सत्तापक्ष के विधायकों से घिरी

भोपाल

विधानसभा में एक बार फिर सरकार सत्तापक्ष के विधायकों से घिरी। पूर्व मंत्री और बीजेपी विधायक गौरीशंकर बिसेन ने पशुपालन विभाग में प्रबंध संचालक के विरुद्ध शिकायतों के मामले में जांच के नाम पर की गई लीपापोती पर सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि चार साल में उन्होंने एक सवाल पूछा, उस पर भी दिखावे की जांच कराई गई है। इस मामले में विधायकों की समिति से जांच कराई जानी चाहिए। विधानसभा अध्यक्ष ने इससे इनकार किया तो बिसेन ने कहा कि कोई भी विधायक रखें पर जांच टीम में विधायक रखा जाए।

सोमवार को प्रश्नकाल के साथ सदन की कार्यवाही शुरू होने पर पूर्व मंत्री व भाजपा विधायक गौरीशंकर बिसेन ने पशुपालन विभाग में करप्शन का मामला उठाया। बिसेन का सवाल था कि पशुधन एवं कुक्कुट विकास निगम के वर्तमान में पदस्थ प्रबंध संचालक मूलत: किस विभाग के अधिकारी हैं? उनका मूल पद क्या है? वे मूल विभाग से पशुधन एवं कुक्कुट विकास निगम में कब से प्रतिनियुक्ति पर हैं? शासन द्वारा किसी व्यक्ति को अधिकतम कितने वर्ष के लिए प्रतिनियुक्ति दी जा सकती है? विभाग में प्रबंध संचालक पद की स्वीकृति कब प्रदान की गई एवं क्या कैबिनेट से  पद की मंजूरी ली गई है? वर्तमान में पदस्थ प्रबंध संचालक के विरुद्ध 5 वर्षों में कितनी शिकायतें विभाग को प्राप्त हुईं?

कितनों की जांचें की गई एवं किन-किन अधिकारियों के द्वारा जांच की गई? उन्होंने इस सवाल के जवाब को लेकर कहा कि बगैर जांच किए शिकायतों को विभाग में नस्तीबद्ध किया गया है। इसकी जांच होना चाहिए। इस पर पशुपालन मंत्री प्रेम सिंह पटेल ने कहा कि जांच करा ली गई है और अब फिर से जांच की क्या जरूरत है? इस पर विधायक बिसेन ने कहा कि 11 शिकायतें हुई हैं और सामान्य जांच के नाम पर नस्तीबद्ध किया गया है। इसलिए विधायकों की समिति से जांच कराई जाए। मंत्री पटेल ने जांच कराने के लिए आश्वस्त किया तो बिसेन ने कहा कि विधायकों की समिति से जांच होनी चाहिए। इस पर विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने इनकार किया तो बिसेन ने विभाग में अनियमितता का आरोप लगाया।

निष्पक्ष जांच के लिए समिति में विधायक का होना जरूरी: गोविंद सिंह
अध्यक्ष ने कहा कि हर जांच समिति में विधायक को रखेंगे तो दूसरे काम प्रभावित होंगे। इस पर नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविन्द सिंह ने कहा अगर आप निष्पक्ष जांच चाहते हैं तो उसमें विधायक को रखा जाना चाहिए। इस पर संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष एक ओर कहते हैं कि नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं, दूसरी ओर जांच की बात भी कही जा रही है। विधायक बिसेन जिस अधिकारी से कहेंगे उससे जांच करा लेंगे। बिसेन ने कहा कि मुझे समिति में नहीं रहना है, किसी को भी रख लो, विधायक यशपाल सिसोदिया को रख दिया जाए। इस पर मंत्री नरोत्तम ने कहा कि विधायक यशपाल को रख कर समिति से जांच करवा लेंगे। इसी दौरान विधायक हर्ष यादव द्वारा जनजातीय कार्य विभाग में छात्रवृत्ति घोटाले में लीपापोती का आरोप लगाया। जवाब में मंत्री मीना सिंह ने कहा कि जांच करवाई जा चुकी है, कार्रवाई भी हुई है। इस पर विधायक हर्ष यादव ने कहा कि दोषियों पर एफआईआर होगी क्या ? जब घोटाला करने वाले अफसर ने पैसा लौटाया है तो एफआईआर होनी चाहिए। इस पर विधानसभा अध्यक्ष ने भी कहा कि पैसा लौटाना तो घोटाला करना स्वीकार करना है। इसके बाद मंत्री सिंह ने कहा कि दोषियों पर एफआईआर कराई जाएगी।

Pradesh 24 News
       
   

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button