बूढ़ी बाघिन टी-9 को बेहतर जिंदगी के लिए भोपाल वन विहार में रखा जाएगा
भोपाल
कान्हा नेशनल पार्क से पकड़ी गई बूढ़ी बाघिन टी-9 को बेहतर जिंदगी के लिए वन विहार में रखा जाएगा। इस बाघिन के 3 केनाइन दांत टूटे हुए हैं और यह शिकार भी नहीं कर पाती। कान्हा नेशनल पार्क के मैदानी अमले ने इसे जनवरी में जंगल में देखा था। अमले को इसकी चाल-ढाल में अंतर लगा और गले पर पट्टा बंधा दिखा तो इसे पकड़ने का निर्णय लिया गया। 10 जनवरी को पिंजरा लगाकर इस बाघिन को पकड़ा गया। दावा है कि देश में दूसरी बार इस तरह कोई बाघ पिंजरे में फंसा है।
कान्हा नेशनल पार्क से 443 किमी की यात्रा करके बाघिन वन विहार 10 बजे पहुंची। लंबी यात्रा के चलते यह बाघिन तनावग्रस्त है। बाघिन 14 घंटे की यात्रा करके यहां पहुंची बाघिन को हाउसिंग में छोड़ा जाएगा। जहां वह 21 दिनों के लिए क्वारेंटाइन में रहेगी।
21 दिन रहेगी क्वारंटाइन
लगभग 16 साल है बाघिन की उम्र। कान्हा पार्क के फील्ड डायरेक्टर एसके सिंह के मुताबिक यह बाघिन टी-9 है। उम्र 16 साल है। इस उम्र में जंगल में अक्सर बाघों की मौत हो जाती है। इसे बेहतर जिंदगी देने के लिए वन विहार भेजा है। इससे पहले पहले मुन्ना बाघ यहां पर आया था। अफसरों का दावा है देश में दूसरी बार ऐसा हो रहा है
जब किसी बाघ को जंगल से वन विहार शिफ्ट किया गया है। इसके पहले प्रसिद्ध बाघ मुन्ना को वन विहार में शिफ्ट किया गया था। इसे साल 2020 में लाया गया था। उधर सीहोरा वन मंडल की वीरपुर रेंज से इलाज के लिये लाए तेंदुए की वन विहार में गत दिवस मौत हो गई।