देश

अब स्कूलों, विश्वविद्यालयों में भी पढ़ाए जाएंगे वेद, पुराण; तैयार हो रहा कोर्स

नई दिल्ली

नई शिक्षा नीति लागू होने के साथ ही बहुत कुछ बदलने वाला है। जिस भारतीय ज्ञान को गुरुकुलों तक सीमित मान लिया गया था, अब आधुनिक विश्वविद्यालयों में भी उसके लिए क्रेडिट दिया जाएगा। यूजीसी द्वारा मंगलवार को जारी किए गए नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क (NCrF) की फाइनल रिपोर्ट में इस बात का जिक्र किया गया है। NCrF को नई शिक्षा नीति 2020 के आधार पर डिजाइन किया गया है।

बता दें कि पिछले साल अक्टूबर में ही इस फ्रेमवर्क का ड्राफ्ट लॉन्च किया गया था जिसें स्कूल सिस्टम को क्रेडिट के अंदर लाने की बात थी। इस फ्रेमवर्क के तहत स्कूली शिक्षा, उच्च शिक्षा और वोकेशनल एजुकेशन में मिले क्रेडिट को एकीकृत करने प्रावधान किया गया है। कक्षा 5 से पीएचडी तक पढ़ाई के घंटों के अनुसार क्रेडिट दिए जाएंगे। जानकारी के मुताबिक एक क्रेडिट के लिए कुल पढ़ाई के 30 घंटे होंगे।

केवल किताबों और किताबी विषयों से ही क्रेडिट नहीं मिलेंगे बल्कि लैब वर्क, इनोवेशन लैब, स्पोर्ट्स, योग, व्यायाम, पर्फॉर्मिंग आर्ट्स, म्यूजिक, हस्तशिल्प, सोशल वर्क, एनसीसी आदि से भी क्रेडिट पाया जा सकता है। वहीं इस फ्रेमवर्क में इंडियन नॉलेज सिस्टम (IKS) को स्पेशल अचीवर्स के तहत रखा गया है। फाइनल दस्तावेजों में 18 विद्याओं जिन्हें थिअरी आधारित विषय कहा जा सकता है और 64 कलाओं (अप्लाइड साइंस) को जगह दी गई है।

इनमें वेद और  पुराण को भी शामिल किया गया है। वेदों में आयुर्वेद, धनुर्वेद, गांधारवेद, शिल्प के अलावा पुराण, न्याय, मिमांसा, धर्मशास्त्र, वेदांग, ऐस्ट्रोनॉमी, रिचुअल और दर्शनशास्त्र को जगह दी गई है। यूजीसी के चेयरमैन एम जगदीश ने कहा कि आईकेएस का विकल्प अब स्कूली शिक्षा में भी दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि 2020 से ही सरकार आईकेएस को एआईसीटीई में शामिल कर चुकी है। इस डिविजन ने शोध के लिए सेंटर और कोर्स तैयार करने का काम शुरू कर दिया है।

 

Pradesh 24 News
       
   

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button