अब कहीं से भी कर सकेंगे हाईकोर्ट में केस, यूपी सहित देश भर में खुलेंगे ई-फाइलिंग केंद्र
मेरठ
सस्ता और सुलभ न्याय उपलब्ध कराने के लिए अब मेरठ समेत देश भर में कहीं से भी हाईकोर्ट में ई-फाइलिंग की सुविधा उपलब्ध हो सकेगी। इसके लिए केन्द्र सरकार ने देश भर में 4400 से अधिक ई-फाइलिंग केन्द्र खोलने का निर्णय लिया है। मेरठ में भी ई-फाइलिंग सेंटर खोले जाने का प्रस्ताव है।
यह जानकारी केन्द्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने राज्यसभा सांसद डा. लक्ष्मीकांत वाजपेयी के एक पत्र को लेकर दी है। राज्यसभा सांसद ने कोरोना काल का उदाहरण देते हुए वर्चुअल पद्धति से जिले से ही हाईकोर्ट में वाद दायर कर सुनवाई का अनुरोध किया था। उन्होंने कहा था कि यह व्यवस्था पहले से सु्प्रीम कोर्ट और दिल्ली हाईकोर्ट, कुछ राज्यों में है। उत्तर प्रदेश में भी हाईकोर्ट में ई-फाइलिंग की व्यवस्था लागू होने से आम लोगों के लिए न्याय पाना आसान होगा। इस संबंध में केन्द्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर कहा है कि केन्द्र सरकार ने देश भर में 4400 से अधिक ई-फाइलिंग केन्द्र खोलने का निर्णय लिया है। इन ई-सेवा केंद्रों के साथ सभी जिलों को कवर करने वाले अदालत परिसरों को जोड़ने का प्रस्ताव है।
ई-फाइलिंग केन्द्र से वादकारी और वकील दोनों को मिलेगा लाभ
ई-फाइलिंग केन्द्र सस्ता और सुलभ न्याय उपलब्ध कराने की दिशा में एक बड़ा कदम होगा। बस कानून मंत्री के पत्र पर इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश का आदेश होना बाकी है। इस ई-फाइलिंग केन्द्र की व्यवस्था से वकील और वादकारी दोनों को फायदा होगा। वादकारियों को आने-जाने का खर्च भी बच सकेगा।
सांसद निधि से सहयोग करेंगे वाजपेयी
राज्यसभा सांसद डा.लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने कहा है कि मेरठ में विकसित होनेवाले ई-फाइलिंग केन्द्र के लिए वे अपनी सांसद निधि से सहयोग करेंगे। बस इसके लिए जिला जज और डीएम सुविधानुसार पांच काउंटर के लिए भूमि उपलब्ध करा दें। यह मेरठ की जनता के लिए बड़ी सुविधा होगी।
आदेश होते ही लागू होगी व्यवस्था
कानून मंत्री के पत्र के बाद अब इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश का आदेश होते ही उत्तर प्रदेश के न्यायालयों में इस तरह के ई-फाइलिंग केन्द्र विकसित किये जा सकेंगे। मेरठ में इस तरह का केन्द्र विकसित होगा, जिससे कि लोगों को सुविधा होगी।