कुख्यात बृजेश यादव गैंग का गुर्गा राजू 13 साल बाद गिरफ्तार, सिपाही की हत्या का है आरोपी; 50 हजार का था इनाम
गोरखपुर
गोरखपुर में सिपाही की हत्या कर साथी को छुड़ाने समेत कई गंभीर मामलों में वांछित राजू अंसारी उर्फ आफताब को वाराणसी एसटीएफ ने शनिवार को बड़हलगंज से गिरफ्तार कर लिया। राजू पर गोरखपुर पुलिस ने 50 हजार का इनाम रखा था।
बिहार के सीतामढ़ी जिले के बगहा, रसूलपुर बाजपट्टी के रहने वाले राजू के खिलाफ गोरखपुर के विभिन्न थानों में लूट, हत्या समेत सात मुदकमे दर्ज हैं। गोरखपुर के कुख्यात अपराधी रहे बृजेश यादव गैंग से जुड़े राजू ने बृजेश के वर्ष 2008 में एनकाउंटर के बाद गैंग की कमान संभाल ली थी। राजू का नाम वर्ष 2010 में उस वक्त सुर्खियों में आया जब वह कैंट इलाके में अंबेडकर चौक पर सिपाही मैनेजर सिंह की हत्या कर देवरिया जेल से पेशी पर आए साथी रणविजय यादव को छुड़ा ले गया था। जब पुलिस ने उसकी तलाश तेज की तो वह नेपाल भाग निकला। एसटीएफ को भी इसकी तलाश थी। इसी बीच वाराणसी एसटीएफ को सूचना मिली कि राजू बड़लहगंज बस स्टैंड के पास है। इस पर टीम ने गोरखपुर एसटीएफ की मदद से शनिवार को उसे दबोच लिया।
गोरखपुर पुलिस और एसटीएफ के लिए सिरदर्द बन चुका कुख्यात राजू अंसारी करीब 13 साल बाद पुलिस के हत्थे चढ़ गया। उसे दबोचने वाले वाराणसी एसटीएफ में शामिल इंस्पेक्टर पुनीत परिहार ने बताया, राजू अंसारी गोरखपुर में कई बड़ी वारदातों को अंजाम दे चुका है। पूछताछ में राजू ने बताया कि वह लुधियाना (पंजाब) में सिलाई का काम करता था। वहां काम के दौरान उसकी मुलाकात गोरखपुर के राजू, राजेश गुप्ता और अरमान से हुई। राजू की बहन की शादी में सभी गोरखपुर आए थे। यहां आने पर इनकी मुलाकात दीपक मिश्र से हुई। इसके बाद इन लोगों का संपर्क गोरखपुर के कुख्यात अपराधी बृजेश यादव गैंग से हो गया। वहीं, साल 2010 में राजू अंसारी ने अमृतसर (पंजाब) के सर्राफा व्यापारी जसवीर सिंह को बड़हलगंज में गोली मारकर 5.50 लाख की गहने लूट लिया था।
बम मारकर जेल गया था
बृजेश यादव ने राजू पैसा, गाड़ी और असलहा उपलब्ध कराना शुरू कर दिया था। साल 2006 में राजू अंसारी ने उसने अपने गांव बैदौली के रहने वाले मारकण्डेय सिंह पर बम से हमला कराया था। इस हमले में बृजेश और अन्य साथी भी शामिल रहे पर राजू ने ही बम बनाया था। हालांकि, इस घटना में मारकण्डेय बाल-बाल बच गए।