छत्तीसगढराज्य

संतुलित आहार नहीं लेने व फास्ट फूड पर बढ़ रही निर्भरता बन रही बीमारियों का कारण : अरोरा

रायपुर

छत्तीसगढ़ चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज महिला चेम्बर के द्वारा व्यवसायिक जीवन में संतुलित आहार के महत्व पर कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें विशेष वक्ता डॉ. अनीश भार्गव (नई दिल्ली) एवं श्री असीम सहगल (भिलाई) रहे।महिला चेंबर अध्यक्ष श्रीमती मधु अरोरा ने बताया कि आज के इस भागमभाग और व्यस्तता से भरी जिंदगी में व्यापारी, उद्योगपति, कामकाजी महिलाएं एवं आम नागरिक जो अपने सेहत का ख्याल नहीं रख पाते हैं, इसलिए आज महिला चेंबर द्वारा संतुलित आहार एवं पोषक तत्वों के महत्व पर यह कार्यशाला रखी गई।

संतुलित आहार नहीं लेने तथा फास्ट फूड पर बढ़ रही निर्भरता विभिन्न प्रकार के बीमारियों का कारण बन रही है। क्या हमने कभी सोचा है कि ऐसा क्यों होता है ? ऐसा नहीं है कि इस तरह के लोग या बच्चे खाते-पीते नहीं हंै या उन्हें खाने की वस्तुएं नहीं मिलती हैं। दरअसल इस तरह के मोटापे या बीमारियों की सबसे बड़ी वजह होती है उनका संतुलित आहार नहीं खाना। यानी खाने में उन पदार्थों का इस्तेमाल नहीं करना जो शरीर को प्रोटीन, काबोर्हाइड्रेट, वसा, विटामिन और खनिज-लवण जैसे पोषक तत्व उपलब्ध कराते हैं। संतुलित आहार नहीं लेने से न केवल शारीरिक और मानसिक विकास बाधित होता है बल्कि व्यक्ति की उत्पादकता भी काफी कम हो जाती है। ऐसे में एक स्वस्थ तन और मन के साथ ही अनेक गंभीर बीमारियों से बचने के लिए संतुलित आहार का सेवन बेहद जरूरी है।

विशेष वक्ता डॉ. अनीश भार्गव ने बताया कि आमतौर पर किसी भोजन को संतुलित तभी माना जाता है जब उससे प्रतिदिन शरीर को प्राप्त होने वाली कुल ऊर्जा का 50 से 60 प्रतिशत भाग काबोर्हाइड्रेट के जरिए, 10 से 15 प्रतिशत भाग प्रोटीन के जरिए और 20 से 30 प्रतिशत भाग वसा के जरिए प्राप्त हो। एक बात जिस पर सभी को ध्यान देना चाहिए कि आहार में संतुलन के लिए अत्यधिक मात्रा में भोजन बिल्कुल जरूरी नहीं है। अधिक भोजन हमेशा गंभीर बीमारियों और मोटापे का कारण होता है। दरअसल हर व्यक्ति को उसकी शारीरिक आवश्यकताओं, आयु, लिंग के आधार पर संतुलित आहार की जरूरत होती है। जैसे-ज्यादा शारीरिक कार्य करने वाले व्यक्ति को भोजन में ज्यादा मात्रा में काबोर्हाइड्रेट लेना चाहिए। बच्चों की शारीरिक वृद्धि के लिए प्रोटीन जरूरी है। इसी तरह स्त्रियों के लिए लौह तत्व और कैल्शियम की जरूरत होती है। इसलिए यह जरूरी है कि शरीर की जरूरत और उम्र के हिसाब से संतुलित आहार लिया जाए।

संतुलित आहार खाने वाले स्वस्थ और सक्रिय जीवनशैली की नींव रखते हैं। इससे दीर्घकालिक स्वास्थ्य समस्याओं का जोखिम कम होता है। साथ ही यह देश में मानव संसाधनों के विकास के लिए भी बेहद जरूरी है। हम सभी जानते हैं कि एक स्वस्थ समाज द्वारा ही एक स्वस्थ राष्ट्र का निर्माण किया जा सकता है।

Pradesh 24 News
       
   

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button