व्यापार

एनएमडीसी ने लौह अयस्क गांठ दर में 200 रुपये प्रति टन की कटौती की

एनएमडीसी ने लौह अयस्क गांठ दर में 200 रुपये प्रति टन की कटौती की

जुपिटर वैगन्स ने 271 करोड़ रुपये में बोनाट्रांस इंडिया का अधिग्रहण किया

भारत का कोयला आयात अप्रैल-जनवरी अवधि में बढ़कर 21.22 करोड़ टन हुआ

नई दिल्ली
 सार्वजनिक क्षेत्र की एनएमडीसी ने लौह अयस्क कीमत 200 रुपये प्रति टन तक घटा दी है। कंपनी ने 'फाइन' अयस्क की कीमत में भी 250 रुपये प्रति टन की कटौती की है।

एनएमडीसी ने  शेयर बाजार को दी जानकारी में बताया कि गांठ अयस्क की दरों को संशोधित कर 5,800 रुपये प्रति टन और फाइन की दरों को 5,060 रुपये प्रति टन कर दिया गया है।

कंपनी ने कहा कि कीमतें  प्रभावी हो गई हैं और इसमें रॉयल्टी, जिला खनिज निधि (डीएमएफ), राष्ट्रीय खनिज अन्वेषण न्यास (डीएमईटी), उपकर, वन अनुमति शुल्क और अन्य कर शामिल नहीं हैं।

पिछला मूल्य संशोधन 24 जनवरी को हुआ था, जब कंपनी ने गांठ अयस्क की दरें 6,000 रुपये प्रति टन और फाइन अयस्क की दरें 5,310 रुपये प्रति टन तय की थीं।

गांठ अयस्क या उच्च श्रेणी के लौह अयस्क में 65.53 प्रतिशत एफई (लौह) होता है, जबकि बारीक अयस्क में 64 प्रतिशत और उससे कम एफई सामग्री के साथ निम्न श्रेणी का अयस्क होता है।

लौह अयस्क इस्पात के निर्माण में उपयोग किए जाने वाले प्रमुख कच्चे माल में से एक है। इसकी कीमतों में किसी भी उतार-चढ़ाव का इस्पात की दरों पर सीधा प्रभाव पड़ता है। यह मिश्र धातु व्यापक रूप से निर्माण, बुनियादी ढांचे, वाहन और रेलवे जैसे क्षेत्रों में उपयोग की जाती है।

इस्पात मंत्रालय के तहत हैदराबाद स्थित एनएमडीसी भारत के कुल लौह अयस्क उत्पादन में लगभग 20 प्रतिशत का योगदान देता है।

 

जुपिटर वैगन्स ने 271 करोड़ रुपये में बोनाट्रांस इंडिया का अधिग्रहण किया

नई दिल्ली
जुपिटर वैगन्स लिमिटेड (जेडब्ल्यूएल) ने 271 करोड़ रुपये में बोनाट्रांस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (बीआईपीएल) के अधिग्रहण की घोषणा की है।

कंपनी ने  एक बयान में कहा कि इसके साथ ही जेडब्ल्यूएल अपना पहिया संयंत्र रखने वाली पहली रोलिंग स्टॉक निर्माण कंपनी बन गई है। महाराष्ट्र के औरंगाबाद में स्थित बीआईपीएल रोलिंग स्टॉक पहिया का विनिर्माण करती है।

जुपिटल वैगन्स के प्रबंध निदेशक विवेक लोहिया ने कहा, "यह रणनीतिक कदम न केवल एकीकृत गतिशीलता समाधानों में एक अग्रणी अभिनव कंपनी के रूप में हमारी स्थिति को मजबूत करता है बल्कि हमें एक व्यापक रोलिंग स्टॉक विनिर्माता बनने की दिशा में भी प्रेरित करता है।"

कंपनी ने कहा कि 'मेक इन इंडिया' (भारत में निर्माण करो) पहल के तहत जेडब्ल्यूएल अगले दो साल में 1,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त निवेश करने के लिए भी प्रतिबद्ध है।

 

भारत का कोयला आयात अप्रैल-जनवरी अवधि में बढ़कर 21.22 करोड़ टन हुआ

नई दिल्ली
 चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जनवरी अवधि में देश में कोयला आयात सालाना आधार पर 1.65 प्रतिशत की मामूली वृद्धि के साथ 21.22 करोड़ टन हो गया है।

अंतरव्यापारिक ई-कॉमर्स मंच एमजंक्शन सर्विसेज लिमिटेड द्वारा जुटाए आंकड़ों के अनुसार, पिछले वित्त वर्ष (2022-23) की इसी अवधि में भारत का कोयला आयात 20.87 करोड़ टन था।

आंकड़ों के अनुसार, चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जनवरी अवधि के दौरान, गैर-कोकिंग कोयले के आयात की मात्रा 13.64 करोड़ टन थी, जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के दौरान आयातित 13.69 करोड़ टन से थोड़ा कम है।

अप्रैल-जनवरी 2023-24 के दौरान कोकिंग कोयले का आयात 4.73 करोड़ टन था, जो बीते वित्त वर्ष की समान अवधि में दर्ज 4.60 करोड़ टन से अधिक है।

प्रमुख और गैर-प्रमुख बंदरगाहों के माध्यम से जनवरी में कोयला आयात बढ़कर 1.98 करोड़ टन हो गया, जो पिछले वित्त वर्ष के समान महीने में 1.69 करोड़ टन से अधिक था।

जनवरी, 2024 में कुल कोयला आयात में से गैर-कोकिंग कोयले का आयात 1.21 करोड़ टन रहा, जो बीते साल समान माह में एक करोड़ टन रहा था। इस साल जनवरी में कोकिंग कोयले का आयात 45 लाख टन रहा, जो बीते साल समान माह में 47.4 लाख टन रहा था।

एमजंक्शन सर्विसेज के प्रबंध निदेशक (एमडी) और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) विनय वर्मा ने कहा, "भारत में आयातित कोयले की मांग हाल के सप्ताहों में कमजोर हुई है। खदानों और ताप बिजली संयंत्रों में घरेलू कोयले की पर्याप्त उपलब्धता को देखते हुए उम्मीद है कि यह प्रवृत्ति मार्च में भी जारी रहेगी।"

सरकार के अंतरिम आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल-जनवरी अवधि में देश का कोयला उत्पादन 78.41 करोड़ टन हो गया है, जो 2022-23 में इसी अवधि के दौरान 69.89 करोड़ टन से कहीं अधिक है।

 

 

Pradesh 24 News
       
   

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button