निर्जला एकादशी को साल में आने वाली 24 एकादशी में सबसे पुण्य फलदायी
निर्जला एकादशी का व्रत इस साल 31 मई को रखा जाएगा। ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को निर्जला एकादशी का व्रत रखा जाता है। साल में 24 एकादशी आती हैं उनमें से निर्जला एकादशी को सबसे शुभ और पुण्यकारी माना जाता है। कहा जाता है कि निर्जला एकादशी का व्रत रखने से व्यक्ति को सभी एकादशी के जितना पुण्य प्राप्त होता है। यह व्रत बिना पानी पिए रखा जाता है। साथ ही इस दिन कुछ बातों का खास ख्याल रखना भी बेहद जरूरी है। आइए जानते हैं निर्जला एकादशी के दिन क्या करें क्या न करें।
तरल पदार्थ का सेवन न करें
निर्जला एकादशी के दिन पानी पीना भी वर्जित माना जाता है। इसलिए इस दिन किसी भी तरह के तरल पदार्थ का सेवन न करें। हालांकि, बीमार होने पर यह नियम लागू नहीं होता है। साथ ही निर्जला एकादशी से एक दिन पहले किसी भी तामसिक भोजन का सेवन भी नहीं करना चाहिए। द्वादशी में व्रत का पारण करने के बाद ही भोजन करना चाहिए।
ब्रह्मचर्य का पालन करें
निर्जला एकादशी के दिन अपने मन को एकाग्र रखें और ब्रह्मचर्य का पालन करें। इस दिन किए गए दान पुण्य का भी विशेष महत्व है। निर्जला एकादशी के दिन जल से भरा एक कलश दान करें और प्यासे लोगों को पानी पिलाएं।
पशु पक्षियों के लिए पानी रखे
निर्जला एकादशी के दिन किसी पेड़ के नीचे या अपने घर की छत पर पशु पक्षियों के लिए पानी और थोड़ा दाना डालें। ऐसा करने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है।
घृणा और क्रोध से बचें
निर्जला एकादशी के दिन अपने मन में किसी के प्रति द्वेष, घृणा और क्रोध न रखें। साथ ही इस दिन लालच, मोह, क्रोध जैसी बुरी आदतों का त्याग करें।
सूर्यदेव को जल अर्पित कर लें संकल्प
निर्जला एकादशी के दिन सुबह उठकर स्नान आदि के बाद सूर्यदेव को जल अर्पित करें और व्रत का संकल्प लें और इस दिन एकादशी व्रत कथा जरुर पढ़ें। कथा का पाठ करने से व्यक्ति को शुभ फल की प्राप्ति होती है।