केवल भारत के लोगों से नौकरी के लिए आवेदन मांगने पर न्यू जर्सी की कंपनी पर जुर्माना
वाशिंगटन
अमेरिका में न्यू जर्सी की एक आईटी कंपनी पर कथित तौर पर नौकरी के भेदभावपूर्ण विज्ञापन देने और केवल भारतीयों से ही आवेदन मांगने के मामले में 25,500 डॉलर का जुर्माना लगाया गया है।
न्याय विभाग के नागरिक अधिकार प्रभाग के सहायक अटॉर्नी जनरल क्रिस्टेन क्लार्क ने कहा, ''जब नियोक्ता केवल किसी खास देश के आवेदकों या जिन्हें अस्थायी वीजा की आवश्यकता होती है, उनसे ही आवेदन मांगते हैं, तो वे अन्य योग्य कामगारों को हतोत्साहित करते हैं और उन्हें नौकरी का उचित मौका देने से इनकार करते हैं।''
न्याय विभाग ने आरोप लगाया था कि सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) क्षेत्र की कंपनी इंफोसॉफ्ट सोल्यूशन इंक ने नौकरी के लिए छह भेदभावपूर्ण विज्ञापन देकर आव्रजन एवं नागरिकता कानून (आईएनए) का उल्लंघन किया है।
इन विज्ञापनों में कथित तौर पर केवल गैर-अमेरिकी नागरिकों से आवेदन मांगे गए थे और एक विज्ञापन में तो केवल भारत के लोगों से ही आवेदन करने को कहा गया था।
क्लार्क ने कहा, ''नागरिक अधिकार प्रभाग राष्ट्रीय मूल या नागरिकता दर्जे में भेदभाव को कतई बर्दाश्त नहीं करेगा और वह इन गैरकानूनी भेदभावपूर्ण अवरोधकों को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है।''
जुर्माने के तहत, इंफोसॉफ्ट अमेरिकी प्रशासन को 25,500 डॉलर का भुगतान करेगी। यही नहीं, कंपनी के लिए आईएनए से जुड़ी जरूरतों पर अपने नियोक्ताओं को प्रशिक्षित करना, रोजगार नीतियों में उचित बदलाव लाना और विभागीय निगरानी एवं रिपोर्टिंग आवश्यकताओं को पूरा करना भी अनिवार्य किया गया है।
अमेरिका, भारत ने शिक्षा और कौशल विकास पर कार्यकारी समूह की शुरुआत की
भारत और अमेरिका ने शिक्षा तथा कौशल विकास पर एक कार्यकारी समूह की शुरुआत की है और इसके जरिए लोगों के बीच परस्पर संबंधों को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
विदेश विभाग के ब्यूरो ऑफ साउथ एंड सेंट्रल एशिया के सहायक मंत्री डोनाल्ड लू ने नयी दिल्ली में शिक्षा मंत्रालय की अंतरराष्ट्रीय सहयोग की संयुक्त सचिव नीता प्रसाद के साथ यहां 'अमेरिका-भारत शिक्षा और कौशल विकास कार्यकारी समूह' की पहली बैठक की मेजबानी की।
कार्यकारी समूह ने कौशल विकास तथा व्यावसायिक शिक्षा, प्रमाणन और सत्यापन, अमेरिका तथा भारत के उच्च शिक्षण संस्थानों के बीच साझेदारी और निजी क्षेत्र के साथ भागीदारी पर विचार साझा किए।
अमेरिका की एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, बैठक में भाग लेने वाले लोगों ने शैक्षणिक संबंध बढ़ाने तथा कार्यबल विकास को बढ़ावा देने पर सहयोग करने के तरीकों भी चर्चा की।
बैठक के दौरान लू ने कहा कि अमेरिका तथा भारत के लोगों के बीच परस्पर संबंध मजबूत है। अमेरिका में कई भारतीय छात्र हैं तथा फैकल्टी सदस्य हैं।
दोनों देशों ने पिछले साल वाशिंगटन में हुई 'टू प्लस टू मंत्री स्तरीय वार्ता' के इतर इस कार्यकारी समूह की स्थापना की घोषणा की थी।