भारतीय जनता पार्टी में राजनीति का “नया दौर”
केंद्रीय नेतृत्व में शामिल होंगे कई बड़े चेहरे
इसमें आश्चर्य की कोई बात इसलिए नहीं लगती क्योंकि जो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को जानते हैं समझते हैं और संघ की शाखा में जाकर नियमित राष्ट्र सेवा में बगैर किसी पद लालसा के करते हैं। राष्ट्र कार्य करने वाले सभी अनुशांगिक संगठनों में यही प्रक्रिया अपनाई जाती है। सबसे मूल बात स्वयं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह के चयन की प्रक्रिया है।
भोपाल। भारतीय जनता पार्टी जो विश्व की सबसे बड़ी पार्टी के रूप में शुमार रखती है। तीन राज्यों में प्रचंड बहुमत से जीत के बाद राजनीति के नए अध्याय की शुरुआत कर दी है, जिसमें अंतिम पंक्ति में बैठे ऐसे कार्यकर्ता को अग्रिम पंक्ति में लाया गया है जिससे सभी कयासों को विराम लग गया है जो संभव नहीं हो सकता उसको संभव करके दिखाना भारतीय जनता पार्टी के राजनीतिक, सामाजिक और दुरंगामी रणनीति का पहला परिणाम है।
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तीन राज्यों में प्रचंड जीत का जबरजस्त जवाब है क्या?
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अंतिम पंक्ति के कार्यकर्ता को ताज, नहीं हुआ कहीं कोई विरोध
भारतीय जनता पार्टी ऐसी पार्टी जिसके कार्यकर्ता ही सर्वेसर्वा और सर्वोच्च होते हैं। विधायक दल की बैठक से पूर्व रणनीति बन चुकी थी, लेकिन किसी को भी इसका अनुमान नहीं था कि ऐसे कार्यकर्ता को ताज पहनाया जा सकता है।
छत्तीसगढ़ में विष्णुदेव साय को मुख्यमंत्री का ताज सौंपने तक हर राजनैतिक विश्लेषक सिर्फ रमन सिंह की और ही ताक रहा था, लेकिन विधायक दल की बैठक में जैसे ही विष्णुदेव साय का नाम सामने आया और मध्यप्रदेश में सभी मध्यप्रदेश में संभावित मुख्यमंत्री को लेकर चल रहे कयासों की हवा उस समय निकल गई जब मध्यप्रदेश में अंतिम पंक्ति में बैठे मोहन यादव का नाम मुख्यमंत्री के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रस्तावित कर सभी को चौंका दिया है।