व्यापार

नई दिल्ली घोषणापत्र बहुपक्षवाद का चैंपियन बनने की भारत की अपार क्षमता को दर्शाता है: अमिताभ कांत

नई दिल्ली
भारत के जी20 शेरपा अमिताभ कांत ने बुधवार को कहा कि नेताओं द्वारा अंगीकार किए गए 'नई दिल्ली जी20 घोषणापत्र' ने बहुपक्षवाद का चैंपियन बनने और वैश्विक विकासात्मक मुद्दों तथा रूस-यूक्रेन संकट जैसे संघर्षों पर दुनिया को एक साथ लाने की भारत की अपार क्षमता को प्रदर्शित किया है।

ऑटोमोटिव कंपोनेंट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसीएमए) के वार्षिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि हरित विकास समझौता घोषणा पत्र का एक प्रमुख हिस्सा है और यह भारतीय मोटर वाहन और कलपुर्जा क्षेत्र को पर्यावरण अनुकूल परिवहन व्यवस्था में विश्व का अग्रणी देश बनने का एक बड़ा अवसर प्रदान करता है।

उन्होंने कहा, ''नई दिल्ली के नेताओं का जो घोषणापत्र सामने आया है, वह बहुत ही समावेशी और महत्वाकांक्षी है। इसमें कुल 83 पैरा हैं। यह पहली बार है कि सभी 83 पैरा में 100 प्रतिशत आम सहमति है।'' उन्होंने कहा कि घोषणा पत्र में कुछ भी ऐसा नहीं है, जिसपर किसी को आपत्ति हो। उन्होंने कहा कि रूस-यूक्रेन संकट पर आठ पैरा सहित सभी 83 पैरा आम सहमति से स्वीकार किए गए हैं।

कांत ने कहा, ''इसने बहुपक्षवाद का चैंपियन बनने की भारत की अपार क्षमता और विकासशील देशों, सभी उभरते बाजारों, विकसित दुनिया, जी7, रूस, चीन को एक साथ लाने और सभी विकासात्मक मुद्दों के साथ-साथ वैश्विक संघर्ष के मुद्दों (रूस-यूक्रेन) पर आम सहमति बनाने की इसकी शानदार क्षमता को प्रदर्शित किया है।'' उन्होंने कहा कि घोषणापत्र में जलवायु कार्रवाई, जलवायु वित्त पर बहुत ध्यान दिया गया है और इसके केंद्र में एक हरित विकास समझौता है, जिसका ऑटोमोबाइल क्षेत्र के लिए एक बड़ा निहितार्थ है।

कांत ने कहा, ''मैंने अभी-अभी जी20 दस्तावेज पर बातचीत की है और मैं आपको बता दूं कि हरित विकास समझौते का एक बहुत बड़ा घटक है। पूरी बातचीत 2030 तक उत्सर्जन में 43 प्रतिशत की कटौती के बारे में थी… और उत्सर्जन में कटौती के लिए भारत और अन्य मध्य पूर्व देशों पर दुनिया भर से दबाव बढ़ेगा।''

राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (एनडीसी) लक्ष्यों को नौ साल तक पार करने और टिकाऊ परिवहन जैसे उत्सर्जन में कटौती की दिशा में भारत की उपलब्धियों को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि भारत के पास इलेक्ट्रिक वाहन निर्माण की दिशा में अग्रणी भूमिका निभाने का एक बड़ा अवसर है। उन्होंने कहा, ''हम दोपहिया, तिपहिया और कई अन्य क्षेत्रों के वाणिज्यिक क्षेत्र के चैंपियन हैं, और हम दुनिया को निर्यात करते हैं, लेकिन बाजार अब बदल रहा है।''

कांत ने कहा कि दुनिया इलेक्ट्रिक हो रही है और चीन ने इसे कर भी दिखाया है और 'भारत को इलेक्ट्रिक होना होगा'। उन्होंने कहा, ''मेरा मानना है कि तत्काल तौर पर हमें दोपहिया, तिपहिया, चार पहिया वाहनों के साथ इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाना होगा और इसके लिए न केवल बड़ी मात्रा में इलेक्ट्रिक होने की जरूरत होगी, बल्कि इसके लिए बड़ी मात्रा में डिजिटल होने की भी जरूरत होगी।''

उन्होंने कहा कि अगर भारत को वाहन क्षेत्र और कलपुर्जा क्षेत्र में विनिर्माता के रूप में अपनी विशाल प्रतिस्पर्धी बढ़त को बरकरार रखना है तो इलेक्ट्रिक वाहन चलाने के अलावा कोई विकल्प नहीं है और जो इलेक्ट्रिक नहीं होंगे वे प्रतिस्पर्धा की बढ़त खो देंगे, बाजार में हिस्सेदारी खो देंगे और बाजार में भारी नुकसान उठाएंगे।

कांत ने कहा, ''हरित विकास समझौते पर जी20 की इस सभी बातचीत के बाद एक बात बिल्कुल स्पष्ट हो जाती है और वह यह है कि वैश्विक जलवायु परिवर्तन पर भारी जोर दिया जाएगा। दुनिया हमें धक्का देगी। यह न केवल दुनिया के लिए, बल्कि खुद के लिए भी आवश्यक है।'' उन्होंने कहा कि भारत के लिए यह जरूरी है कि वह जलवायु एक्शन पर जोर दे और अपने निर्यात बाजारों को बनाए रखने की पहल का नेतृत्व करे।

 

Pradesh 24 News
       
   

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button