नेहा बोलीं- नवाजुद्दीन के साथ काम करके अच्छा लगा
मुंबई
बॉलीवुड की जानी मानी एक्ट्रेस नेहा शर्मा इन दिनों अपनी फिल्म 'जोगीरा सारा रा रा' को लेकर चर्चा में हैं। इस कॉमेडी फिल्म में उनके साथ एक्टर नवाजुद्दीन सिद्दीकी नजर आने वाले हैं। बता दे, नेहा सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहती हैं। हाल ही में एक फैशन इवेंट के दौरान, अभिनेत्री ने जो आउटफिट पहना था उसे लेकर सोशल मीडिया पर काफी ट्रोल हुई थीं। नेहा की माने तो शुरूआती में इस तरह के निगेटिविटी का उनपर असर पड़ता था, लेकिन अब नहीं।
खास बातचीत के दौरान, नेहा ने अपने प्रोफेशनल और पर्सनल लाइफ से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें शेयर की। जैसे ही मुझे कहानी का पता चला, मुझे एहसास हुआ की इसे तो छोड़ नहीं सकती। ये किरदार तो बिल्कुल भी नेहा जैसी नहीं- ये दारु पीती हैं, बीड़ी पीती है, बड़ी बिंदास है, बिना सोचे कुछ भी बोल देती है। मैं रियल लाइफ में बिल्कुल भी adventurous नहीं हूं, कई बार कुछ adventurous करने का मन करता है, लेकिन डर भी बहुत लगता है। हां, लेकिन ये किरदार दिल से बोलती हैं, ये थोड़ा मेरी रियल लाइफ की पर्सनालिटी से मिलता है, बाकी तो बिल्कुल मेरे जैसी नहीं हैं। बल्कि, बहुत मजा आया ये फिल्म करते वक्त। अब तक ये बात किसने नहीं कहीं (हंसते हुए) यकीनन बहुत मजा आया, सच कहूं तो मुझे अच्छे-अच्छे एक्टर्स के साथ काम करने का बहुत कम मौका मिलता है।
पता नहीं क्यों, लेकिन मुझे देखकर वो अच्छी फिल्मों में नहीं लेते हैं। वही जो एक अच्छे एक्टर का टैग है, दुर्भाग्यवश वो अब तक मुझे नहीं मिला है। ऐसे में, अच्छी फिल्मों में खुद की जगह बनाना बहुत मुश्किल है। तो जब मुझे पता चला की इस फिल्म में नवाज हैं तो मुझे यकीन था की इसमें वे कुछ अलग करके स्क्रीन पर लाएंगे। उनका अनुभव मुझसे बहुत ज्यादा है – थिएटर किया हुआ है, फिल्में इतनी सारी की हैं। मुझे उनसे बहुत कुछ सिखने को मिला, खास तौर पर उनके स्ट्रगल के अनुभव से भी। फिल्म करने में मजा आया क्योंकि हर सीन में वे कुछ-न-कुछ नया लाते थे। मुझे, पर्सनली न्यूकमर के सामने टीचर बनने का बहुत शौक होता हैं, मैं उसे कैमरा वगैरा का बहुत ज्ञान देती हूं लेकिन नवाज के साथ ऐसा बिल्कुल नहीं। वो कभी नहीं बोलते की 'नेहा तुम ऐसा करो' . वो बस, अपने किरदार को निभाते रहते थे और मैं उस पर रिएक्शन देती रहती थी। उसमे सीन बड़ा कमाल का बनकर आ जाता था। हर दिन, हम कुछ नया करते थे। इस फिल्म में मेरा एक बहुत छोटा सा रोल था, लोगों को पसंद आया हालांकि पता नहीं, फिल्म मेकर्स की तरफ से कोई कॉल वगैरा नहीं आए।
इंडस्ट्री के लोगों में से किसी ने कहा तो नहीं की 'तानाजी' में तुम्हें देखकर बहुत मजा आया। देखिये, इतने सालों में मैंने एक चीज सीखी की जो आप चाहते हो जरूरी नहीं की आपको वो मिले। अब जो नहीं मिला, उस पकड़कर दुखी होना गलत हैं। अब आप हर चीज को कंट्रोल तो नहीं कर सकते ना। जब मुझे मेरी पहली साउथ फिल्म मिली, तब मैं एक्टर नहीं बनना चाहती थी। फिल्म के बाद, मुझे दो साल तक कुछ नहीं मिला। फिर फिल्म 'क्रूक' की, फिर वापस कुछ नहीं मिला। तो, मेरी जर्नी दूसरों के मुकाबले बहुत अलग रही हैं। मेरी स्ट्रगल पहली फिल्म करने के बाद शुरू हुई। चाहत तो अच्छे रोल करने की हैं, फिल्म हिट होने की हैं, अच्छे टेक्नीशियन के साथ काम करने की हैं। अब ये सब मिल जाए तो बढ़िया और नहीं तो, जैसा चल रहा हैं उससे मैं संतुष्ट हूं।