छत्तीसगढराज्य

लापरवाही..सीबीएसई 12 वीं के परीक्षार्थियों को थमा दिया 10 वीं का पर्चा

गरियाबंद

सीबीएसई बोर्ड परीक्षा के गरियाबंद सेंटर में बड़ी लापरवाही सामने आयी है। मामले का खुलासा होने में कुछ विलंब इसलिए हो गया कि कोई भी बताने से बचना चाहते थे,लेकिन बच्चों के अभिवावकों ने जब भुवनेश्वर रीजनल आफिस शिकायत की तो इसका खुलासा हो गया। गलती ये थी कि 12 वीं के परीक्षार्थियों को 10 वीं का पर्चा दे दिया गया था 15 मिनट बाद बच्चों द्वारा जानकारी देने पर परीक्षा प्रबंधन ने हड़बड़ी में पर्चा वापस लिया।

प्राप्त जानकारी के अनुसार गरियाबंद में संचालित निजी शैक्षणिक संस्थान द्रोणाचार्य पब्लिक स्कूल को सीबीएसई बोर्ड का  परीक्षा केंद्र बनाया गया है। लेकिन इस बार बगैर पर्यवेक्षक के बोर्ड परीक्षा का संचालन हो रहा है, बीते 24 फरवरी को 12 वीं के अंग्रेजी विषय की परीक्षा थी लेकिन इस परीक्षा में 10 वी बोर्ड के अंग्रेजी विषय का प्रश्न पत्र बांट दिया गया। प्रबंधन को गलती का अहसास 15 मिनट बाद हुआ,परीक्षा पेपर देखकर  12 वी के परीक्षार्थियो को पहले तो कुछ समझ में नही आया,फिर कुछ छात्रों ने प्राचार्य को 10 वी बोर्ड का प्रश्न पत्र होना बताया। इस सूचना के बाद सकते में आए प्रबंधन ने आनन फानन में पेपर बदलने की प्रक्रिया शुरू किया। इस प्रक्रिया में एक घण्टे लग गए।श्रद्धा पब्लिक स्कूल के प्राचार्य नीलांबर सोनी ने बताया कि प्रबंधन की इस लापरवाही से हमारे संस्थान से गए 16 छात्रों का परीक्षा परिणाम बाधित होगा। सोनी ने बताया कि अदल-बदल के चलते नए सिरे से प्रश्न पत्र हल करने के लिए केवल 2 घण्टे का समय बच्चों को मिला। सोनी के मुताबिक इस बार केंद्र में कोई पर्यवेक्षक की नियुक्ति नही हुई है,ऐसे में केंद्र स्कूल के प्राचार्य से अतिरिक्त समय की मांग किया गया पर मिला नही। बताया जा रहा है कि आहत 16 छात्रों ने सीबीएसई  बोर्ड के भुवनेश्वर स्थित रीजनल आॅफिस में इसकी लिखित शिकायत भेजा है। मामले में द्रोणाचार्य पब्लिक स्कूल के  प्राचार्य राहुल घोष ने मीडिया कर्मियों से पूछे जाने पर कहा कि वे प्लाइट में कहीं जा रहे हैं,इसलिए अभी ज्यादा बात नहीं हो सकती,मामले को लेकर जो सच है वही बातें प्रकाशित करें, बच्चों को भी सच बोलना चाहिए।

खुला हुआ पर्चा 27 को ही हुआ-
10 वीं बोर्ड की अंग्रेजी परीक्षा 27 फरवरी को होनी थी,जिसका पर्चा लापरवाही से 24 को ही खुल गया। प्रश्न पत्र 15 मिनट तक 12 वीं के छात्रों के नजर में था,प्रबंधन स्टाफ के हाथों से भी होकर गुजरा,ऐसे में उस पर्चे के गोपनीयता पर सवाल उठना लाजिमी है। 10 वीं के कुछ छात्रों के प्रश्न पत्र में 12 वी के छात्रों के रोल नम्बर अंकित मिले। पर्चा खुलने के बाद उसे पुन: कैसे सील बन्द किया गया होगा इस विषय पर भी कोई चर्चा करने तैयार नहीं।

लापरवाही किसकी, जवाबदारी तय हो-
सीबीएसई पैटर्न जैसे संवेदनशील परीक्षा में इस तरह से हुई  लापरवाही ने सिस्टम पर सवाल खड़ा कर दिया है।पर्चा परीक्षा केंद्र तक भेजने जिस गोपनीय संस्थान से उसे बाहर निकाला जाता है,उस प्रक्रिया में आधे घण्टे का वक़्त लग जाता है। प्रक्रिया पूरी करने में परीक्षा केंद्र व पर्चा रखने वाली कि संयुक्त भूमिका होती है।जिन्हें निर्धारित तिथि के लिए तय पर्चा को निकालना होता है। मामला सामने आने के बाद इसे दबाने की कोशिश हो रही है।

सीबीएसई पैटर्न का जिम्मा उनका नहीं-
जिला शिक्षा अधिकारी जी एस चौहान ने कहा कि सीबीएसई पैटर्न परीक्षा की निगरानी व नियंत्रण की सम्पूर्ण जवाबदारी सीबीएसई रीजनल आफिस की होती है। उनके द्वारा किसी भी गतिविधियों की जानकारी नही दी जाती।गड़बड़ी की बात सामने आई है।

Pradesh 24 News
       
   

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button