नीरज की निगाहें विश्व चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने पर
बुडापेस्ट
भारतीय भाला फेंक एथलीट नीरज चोपड़ा की पदकों की अलमारी में सिर्फ विश्व चैम्पियनशिप स्वर्ण की कमी है और अब इस सुपरस्टार खिलाड़ी की निगाहें आज शनिवार से शुरु होने वाली इस प्रतियोगिता में इसी कमी को पूरा करने पर लगी हैं।
चोपड़ा (25 वर्ष) ने तोक्यो ओलंपिक 2021 में स्वर्ण पदक जीता। 2018 में एशियाई खेलों और राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीतने के बाद वह पिछले साल डायमंड लीग चैम्पियन भी बन गये।
चोपड़ा ने अमेरिका में 2022 विश्व चैम्पियनशिप में रजत पदक जीता था और वह इस बार यहां स्वर्ण पदक के दावेदारों में शुमार होंगे क्योंकि किसी भी प्रतिभागी को भी यहां प्रबल दावेदार नहीं कहा जा सकता।
अगर चोपड़ा विश्व चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीत लेते हैं तो वह निशानेबाज अभिनव बिंद्रा के बाद ओलंपिक और विश्व चैम्पियनशिप की व्यक्तिगत स्पर्धा में पीला तमगा जीतने वाले दूसरे भारतीय बन जायेंगे।
बिंद्रा 2008 में व्यक्तिगत स्पर्धा का ओलंपिक स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय बने थे, उन्होंने 2006 में जगरेब में 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा में शीर्ष पोडियम स्थान हासिल किया था।
शीर्ष भाला फेंक खिलाड़ियों की मौजूदा फॉर्म को देखा जाये तो किसी को भी 27 अगस्त को होने वाले फाइनल के लिए प्रबल दावेदार नहीं कहा जा सकता। क्वालीफिकेशन इससे दो दिन पहले होगा।
चोपड़ा ने इस सत्र में केवल दो शीर्ष स्तरीय प्रतिस्पर्धाओं (दोहा और लुसाने डायमंड लीग) में हिस्सा लिया है और दोनों में उन्होंने स्वर्ण पदक जीते। इन दोनों स्पर्धाओं के बीच उन्होंने चोट के कारण एक महीने का आराम भी किया।
करीब दो महीने के आराम और ट्रेनिंग के बाद चोपड़ा ने कहा कि वह इस बड़ी प्रतियोगिता के लिये तैयार हैं जिसका दर्जा ओलंपिक की तरह ही है।
स्वर्ण पदक के दावेदारों में उनके अलावा चेक गणराज्य के जाकूब वाडलेच, जर्मनी के जूलियन वेबर और गत चैम्पियन एंडरसन पीटर्स शामिल हैं।
लुसाने में 88.67 मीटर के थ्रो से स्वर्ण जीतने वाले चोपड़ा विश्व सूची में तीसरे स्थान पर हैं लेकिन वह दोहा और लुसाने दोनों में अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वियों की तिकड़ी (वाडलेच, वेबर और पीटर्स) को पछाड़कर विश्व चैम्पियनशिप में प्रवेश कर रहे हैं।
डीपी मनु और किशोर जेना भी पुरुष भाला फेंक स्पर्धा में हिस्सा लेने वाले दो अन्य भारतीय हैं। जेना का वीजा गुरुवार को हंगरी के दूतावास द्वारा रद्द कर दिया गया था लेकिन शुक्रवार को उन्हें मंजूरी मिल गयी।
अन्य स्पर्धाओं में पुरुषों की लंबी कूद से पदक की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता जिसमें जेस्विन एल्ड्रिन (8.42 मीटर) और मुरली श्रीशंकर (8.41 मीटर) इस सत्र में विश्व सूची की अगुआई कर रहे हैं।
एल्ड्रिन ने मार्च के शुरु में बेलारी में शानदार कूद लगायी लेकिन इसके बाद से वह आठ मीटर को छूने में जूझ रहे हैं। उन्होंने स्विट्जरलैंड के बर्न में सिटियस प्रतियोगिता 8.22 मीटर से जीती थी।
श्रीशंकर उनकी तुलना में कहीं ज्यादा निरंतर रहे हैं। उन्होंने जून में भुवनेश्वर में 8.41 मीटर से व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया और वह बैंकॉक एशियाई चैम्पियनशिप में 8.37 मीटर की कूद (रजत पदक) के बाद विश्व चैम्पियनशिप में प्रवेश कर रहे हैं।
पुरुषों की 3000 मीटर स्टीपलचेस में राष्ट्रीय रिकॉर्डधारी अविनाश साबले स्टार सुसज्जित खिलाड़ियों में शीर्ष स्तरीय प्रदर्शन की उम्मीद करेंगे। वह शनिवार को हीट में उतरेंगे।
भारत का अभियान पुरुषों की 20 किमी पैदल चाल से शनिवार को शुरु होगा जिमसें आकाशदीप सिंह, विकास सिंह और परमजीत सिंह हिस्सा लेंगे, हालांकि उनसे पदक की आस नहीं है।
महिलाओं की 20 किमी पैदल चाल में कोई भारतीय नहीं होगी क्योंकि भावना जाट को 'स्थान की जानकारी देने में विफलता' के कारण स्वदेश बुला लिया गया।
प्रतियोगिता के पहले दिन शैली सिंह महिलाओं की लंबी कूद स्पर्धा में हिस्सा लेंगी जबकि अजय कुमार सरोज पुरुषों की 1500 मीटर हीट में उतरेंगे। पुरुषों की त्रिकूद स्पर्धा के क्वालीफिकेशन में तीन भारतीय प्रवीण चित्रावेल, अब्दुल्ला अबुबाकर और एल्डोस पॉल हिस्सा लेंगे।