भारत-चीन बॉर्डर पर नेशनल हाईवे 72 घंटे से बंद, 600 यात्री फंसे; भूखे-प्यासे सड़क पर गुजर रही रात
चीन
भारत-चीन बॉर्डर पर नेशनल हाईवे (NH) पिछले 72 घंटे से बंद है। हाईवे बंद होने की वजह से सड़क पर भूखे-प्यासे यात्रियों की रात गुजर रही है। उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में 72 घंटे से अधिक समय से लिपूलेख तवाघाट एनएच बंद रहने से 600 से अधिक यात्रियों सहित स्थानीय माइग्रेशन गांव जाने वाले लोग फंसे हुए हैं।
यूपी, गुजरात, दिल्ली-एनसीआर सहित देश के अन्य राज्यों से आदि कैलास यात्रा को जाने वाले तीर्थ यात्री भी फंसे हुए हैं। पुलिस व एसडीआरएफ की टीम ने रेस्क्यू कर 200 फंसे यात्रियों को निकाला व पूर्व में जारी पास के आधार पर 16 यात्रियों को बंद सड़क पार कराकर आगे की यात्रा पर भेजा।
लोग इस एनएच के खुलने का इंतजार करते रहे। इसके बावजूद देर शाम तक एनएच नहीं खुलने से लोगों के हाथ निराशा ही लगी। डीएम रीना जोशी के आदेश पर एसडीआरएफ, पुलिस की टीम ने रेस्क्यू अभियान चलाया। इस दौरान कई यात्रियों को रस्सी के सहारे रेस्क्यू कर निकाला गया। लखनपुर के समीप यह एनएच मंगलवार से बंद है। इस एनएच में लगातार पहाड़ी से हो रहे भूस्खलन के कारण यातायात ठप पड़ा है। सीमा सड़क संगठन इस एनएच को खोलने में जुटा है खराब मौसम व पहाड़ी से हो रहे भूस्खलन के कारण उसे सफलता नहीं मिल पा रही है।
तीन दिन से अधिक समय से लोग धारचूला में होटलों में रहकर मार्ग खुलने का इंतजार कर रहे हैं,फिर भी मार्ग नहीं खुलने से उन्हें परेशानी हो रही है। आए दिन मार्ग के बंद रहने से इस बार आदि कैलास में आए यात्रियों को भारी मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है। गर्भाधार में भी इससे पूर्व हुए भूस्खलन से कई दिन मार्ग बंद रहा है। पहाड़ी से लगातार हो रहे भूस्खलन के बीच अभी भी जल्द मार्ग में यातायात बहाल करना चुनौती बना हुआ है। ऐसे में ओम पर्वत व आदि कैलास की यात्रा पर जा रहे लोगों की परेशानी जल्द समाप्त होते नजर नहीं आ रही है।
सड़क के दोनों तरफ वाहनों की लगी कतार
एनएच के बंद रहने के बाद यहां सड़क के दोनों तरफ लखनपुर में वाहनों की कतार लग गई है। यहां पर पुलिस व एसडीआरएफ की टीम ने यात्रियों को रेस्क्यू कर बंद सड़क में एक तरफ से दूसरी तरफ पहुंचाया। श्रमिकों ने हिम्मत के साथ भारी खतरे के बीच यात्रियों के सामान को भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र में पार कराया। सड़क में दोनों तरफ वाहनों की कतार लगी हुई है। थानाध्यक्ष कुंवर सिंह रावत अपनी टीम के साथ वहां जमे रहे। गुरुवार को पुलिस ने रेस्क्यू कर 29 यात्रियों को वहां से निकाला।
4 मई से अब तक 16 दिन बंद रहा है एनएच
आदि कैलास यात्रा 4 मई से शुरू हुई है। इस बार यात्रा के शुरू होने के बाद से अब तक यह एनएच 16 से अधिक दिनों तक बंद रहा है।
इस एनएच के बंद रहने से 800 से अधिक लोग बिना आदि कैलास के दर्शन किए ही वापस लौट चुके हैं। अभी यहां जमे लोगों को उम्मीद है कि जल्द बंद सड़क खुलेगी और उन्हें भगवान शिव के धाम जाने का अवसर मिलेगा।
पर्यटन कारोबार पर पड़ रही है मार
बंद सड़क के कारण यहां पर्यटन कारोबार पर मार पड़ रही है। स्थानीय मोहन सिंह ने कहा पर्यटन कारोबार चौपट हो गया है। गजेन्द्र सिंह ने कहा कि होम स्टे का कारोबार करने वाले लोगों को यात्रा मार्ग बंद होने के कारण काफी चपत लग रही है।