इस बरसात में कोटेश्वर तीर्थ पांचवीं बार जलमग्न… नौ मंदिरों में विराजित भगवान का नर्मदा जलाभिषेक
धार
कोटेश्वर तीर्थ रविवार को पांचवीं बार जलमग्न हो गया। नर्मदा जल ने घाटों की सीमाओं को तोड़कर यहां के नौ मंदिरों में विराजित जगत के तारण हार का अभिषेक किया। दोपहर करीब 12 बजे तीर्थ पर नर्मदा का जलस्तर 134.50 मीटर पहुंच गया था। इसके साथ ही तीर्थ साल 2017 से सरदार सरोवर बांध के गेट लगने के बाद पांचवीं बार नर्मदा में जलमग्न हो गया। दूसरी ओर गुजरात में बने सरदार सरोवर बांध के रविवार सुबह इस सीजन में पहली बार नौ गेट खोलकर पानी निकासी की गई।
आधे डूब गए मंदिर
रविवार को कोटेश्वर तीर्थ के नर्मदा मंदिर, कोटेश्वर महादेव, श्रीराम मंदिर, श्री हनुमान, राधाकृष्ण, कोटनाथ महादेव आदि मंदिर नर्मदा के जल में आधे डूब चुके थे। साल 2017 में बांध के गेट लगने के बाद गत आठ साल में पांचवीं बार तीर्थ के मंदिर जलमग्न हुए हैं। हर साल की तरह इस साल भी तीर्थ के विस्थापन और संरक्षण को लेकर सिर्फ कागजी कवायद ही की गई। अब आगामी वर्षा के मौसम तक यह मामला ठंडा रहेगा।
नौ गेट डेढ़ मीटर खोलकर की पानी निकासी
गुजरात में नर्मदा नदी पर बने अंतिम बांध सरदार सरोवर के नौ गेट सुबह डेढ़ मीटर खोलकर और नहर में पानी का संचालन कर चार हजार 634 क्यूमेक्स पानी प्रति सेकंड़ की जा रही थी।
सरदार सरोवर बांध में प्रति सेकंड सात हजार 325 क्यूमेक्स प्रति सेकंड पानी की आवक हो रही है।
बांध का जलस्तर रविवार दोपहर 12 बजे 134.93 मीटर पर पहुंच गया था, जो पूर्ण जलस्तर से 138.68 महज साढ़े तीन मीटर कम है।
साल 2017 में बांध के गेट लगने के बाद गत आठ साल में पहली बार अगस्त माह के पहले पखवाड़े में महज चार दिन में डूब क्षेत्र में बांध के बैक वाटर में नौ मीटर की वृद्धि हुई है।
सात अगस्त को डूब क्षेत्र में नर्मदा का जलस्तर 125.60 मीटर था, जो 11 अगस्त दोपहर 12 बजे 134.60 पर पहुंच गया था।
गौरतलब है कि जलस्तर में इस तरह की वृद्धि तब हो रही है, जब बांध के कैचमेंट क्षेत्र में न तेज वर्षा है और न ही यहां की नदियों में पानी भर रहा है।
रविवार सुबह सरदार सरोवर बांध प्रबंधन ने बांध के नौ गेट खोलकर पानी निकासी की है। प्रदेश के दोनों ऊपरी बांध से भी लगातार जल निकासी किए जाने से बैक वाटर बढ़ रहा है।- आरवी सिंह, एसडीओ, लोनिवि एनवीडीए कुक्षी
ओंकारेश्वर और इंदिरा सागर से लगातार पानी निकासी
रविवार दोपहर में ओंकारेश्वर बांध के 15 गेट और आठ विद्युत टरबाइन चलाकर 8103 क्यूमेक्स प्रति सेकंड पानी निकासी की जा रही थी। यह पानी प्रदेश में सरदार सरोवर बांध के बैक वाटर प्रभावित चार जिलों से बहता हुआ सरदार सरोवर में जाकर मिलता है। वहीं गत साल डूब क्षेत्र में 134.50 मीटर जलस्तर 16 सितंबर को था, लेकिन इस साल 35 दिन पूर्व नर्मदा का यह जलस्तर 11 अगस्त को डूब क्षेत्र में पहुंच गया है।