भोपालमध्यप्रदेश

श्रमशक्ति और उद्योग जगत के बीच संतुलन बनाने का प्रयास है मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजनाः मंत्री श्रीमती सिंधिया

सीआईआई और मध्यप्रदेश शासन द्वारा मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना पर कार्यशाला

भोपाल

तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास और रोजगार मंत्री श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ने कहा कि मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना ऐसी अभिनव पहल है, जिसका उद्योग जगत उत्साहपूर्वक स्वागत करेगा। कुशल श्रमबल और उद्योग जगत एक दूसरे के पूरक हैं और मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना इनके बीच संतुलन बनाने का एक प्रयास है। उद्योग जगत से मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना और ग्लोबल स्किल पार्क को सफल बनाने के लिये सहयोग की अपील करते हुये श्रीमती सिंधिया ने कहा कि मध्यप्रदेश में अच्छा श्रमबल है और यहाँ हड़ताल से एक भी कार्य दिवस बर्बाद नहीं हुआ है। शेयरधारकों के प्रति अपनी जवाबदेही के चलते उद्योग जगत को सर्वोत्तम सम्भव कौशल बल प्राप्त करना आवश्यक है। मुख्यंमंत्री सीखो-कमाओ योजना और ग्लोबल स्किल पार्क औद्योगिक क्षेत्र की मानव संसाधन की सतत आपूर्ति का एक प्रबल चैनल बन सकते हैं। श्रीमती सिंधिया शुक्रवार को मध्यप्रदेश भवन, नई दिल्ली में सीआईआई (कान्फिड्रेशन ऑफ इंडियन इन्डस्ट्रीज़) और मध्यप्रदेश शासन के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना पर कार्यशाला को संबोधित कर रही थीं।

मंत्री श्रीमती सिंधिया ने बताया कि सिंगापुर के इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्निकल एजुकेशन एंड एजुकेशनल सर्विसिस के सहयोग से भोपाल में 34 एकड़ में महत्वाकांक्षी ग्लोबल स्किल पार्क बनाया जा रहा है, जिसमें 6 हजार युवाओं को मेकाट्रानिक्स, ऑटोमेटिव टैक्नौलॉजी, प्रिसाइशन इंजिनियरिंग और नेटवर्क सिस्टम जैसे 09 क्षेत्रों में 60 उन्नत प्रयोगशालाओं के माध्यम से प्रशिक्षण दिया जायेगा। पार्क में शैक्षणिक स्थान, छात्रावास और खेलकूद सुविधाओं के साथ-साथ उद्योग जगत को समर्पित अत्याधुनिक प्रशिक्षण लैब और उत्कृष्टता केन्द्र होंगे, जो प्रशिक्षणार्थियों को सीखने और कमाने के लिए समुचित पर्यावरण उपलब्ध करेंगे।

अपर मुख्य सचिव तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास और रोजगार मनु श्रीवास्तव ने मुख्यमत्री सीखो-कमाओ योजना की पृष्ठभूमि पर प्रकाश डाला। योजना से औद्योगिक संस्थानों को मिलने वाले लाभ के बारे में चर्चा करते हुये श्रीवास्तव ने बताया कि योजना में पंजीकृत छात्र-अभ्यर्थियों को शैक्षणिक अर्हता के आधार पर प्रतिमाह 8 हजार से 10 हजार रूपये का स्टायपेंड प्राप्त होगा, जिसका 75 प्रतिशत व्यय राज्य शासन वहन करेगी। किसी भी राज्य सरकार द्वारा दिया जा रहा यह सर्वाधिक समर्थन है। उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश शासन बेरोजगारी भत्ते के पक्ष में नहीं है। एक छात्र-अभ्यर्थी पर उद्योग प्रतिष्ठानों को प्रतिवर्ष 90 हजार रूपये तक की बचत होगी। छात्र-अभ्यर्थी पर ईपीएफ अधिनियम, बोनस अधिनियम और औद्योगिक विवाद अधिनियम लागू नहीं होंगे। उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश शासन स्किल मार्केट विकसित करना चाहता है, जिससे प्रशिक्षण उपरांत कम्पनियां अपनी आवश्यकता अनुरूप युवाओं को बिना किसी आरक्षण के नियोजित कर सकेंगी। योजना से संबधित पोर्टल में अब तक एक लाख से अधिक युवाओं और 11 हजार से अधिक व्यावसायिक प्रतिष्ठानों ने पंजीकरण करवाया है।

प्रश्नोत्तर सत्र में मारूति उद्योग, वर्धमान समूह, जेके टायर्स, जूबीलेंट फूडवर्कस् , डब्ल्यूएनएस लिमिटेड, बीएसऐ कॉरपोरेशन, एसआरएफ लिमिटेड, एचइजी लिमिटेड, ग्रीनको कंपनी के प्रतिनिधियों ने योजना के संदर्भ में अपने प्रस्ताव और सुझाव साझा किये।

संचालक कौशल विकास हरजिंदर सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना युवाओं को उद्योग के लिये तैयार करने का सुनहरा अवसर है। साथ ही ग्लोबल स्किल पार्क कौशल विकास की गुणवत्ता को सुनिश्चित करेगा। उन्होंने उद्योग जगत से मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना और ग्लोबल स्किल पार्क में सहभागिता करने की अपील की।

 

Pradesh 24 News
       
   

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button