उत्तरप्रदेशराज्य

सुलतानपुर जिला महिला अस्पताल में स्टॉफ की लापरवाही से जच्चा-बच्चा की मौत, डॉक्टर समेत 5 सस्पेंड

सुलतानपुर
सुलतानपुर में जिला महिला अस्पताल में गर्भवती महिला  दर्द से कराहती और चीखती रही। डॉक्टर और स्टॉफ चैन की नींद सोते रहे। परिजन उन्हें जगाते और तो जवाब मिलता सुबह डिलेवरी कराई जाएगी। इसमें सुबह जच्चा-बच्चा ने दम तोड़ दिया। इसके बाद परिजनों ने हंगामा किया। हंगामा की सूचना पर मेडिकल कॉलेज के  प्राचार्य की भी नींद टूटी। उन्होंने तत्काल ड्यूटी पर तैनात मेडिकल स्टॉफ को सस्पेंड करने आदेश जारी किया। पर, आदेश में यह नहीं स्पष्ट है कि उस समय ड्यूटी पर कौन सा डॉ. और स्वास्थ्य कर्मी तैनात था। इस तरह गोलमोल आदेश यह बताता है कि कहीं न कहीं असली दोषियों को बचाने का खेल हो रहा है।

गोसाईंगंज थानाक्षेत्र के कटघरा गांव निवासी अंबालिका वर्मा पत्नी सुनील वर्मा गर्भवती थी। बुधवार रात में प्रसव पीड़ा होने पर ग्राम प्रधान मो. शोएब उसे परिजनों के साथ लेकर  11 बजे के आसपास राजकीय मेडिकल कॉलेज पहुंचे। महिला अस्पताल में भर्ती कराया। रात में दर्द अधिक होने पर अंबालिका के परिजन डॉक्टर और स्टॉफ को बुलाने पहुंचे तो सभी चैन की नींद लेने में व्यस्त रहे। जोर देने पर इन सभी ने सुबह डिलेवरी की बात कही और पुनः सोने में व्यस्त हो गए। इस बीच रात में ही गर्भवती की तबीयत और बिगड़ी और सुबह होते- होते प्रसूता और उसके गर्भ में पल रहे मासूम ने दम तोड़ दिया। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।

 ग्राम प्रधान मो. शोएब ने बताया कि अम्बालिका वर्मा को कल रात 11 बजे यहां एडमिट कराया गया। एक-दो बार मैने डॉक्टर से कहा देखने को, पर देखा नहीं फिर उन्होंने जांच लिख दिया। मैं जांच कराने के लिये गया। जांच कराकर जब लौटा तो फिर मैने देखने को कहा लेकिन फिर भी नहीं देखा गया। बहुत देर बाद दबाव बनाने के बाद उन्होंने देखा और कहा कि एक कास्टर आयल पिला दें। जब कास्टर आयल लेकर आए तो दूसरी डाक्टर बोल रही है कि मत पिलाना डिलेवरी सुबह होगी। रात में मरीज का हाथ-पैर सुन होने लगा फिर उनसे जाकर कहा गया कि देख लीजिये। लेकिन कोई आया तक नहीं सब सो रहे थे। यदि कोई आकर देख लेता तो उसकी जान बच सकती थी। मृतका की सास ने बताया कि जब हम डॉक्टर के पास गये और बोले कि चलकर देख लीजिये तो वह मेरे ऊपर बिगड़ गई और डांटकर भगा दिया। अगर देख लिया होता या हमको बता देते तो कही और ले जाकर दिखा देते कम से कम जान तो बच जाती। राजकीय मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉक्टर सलिल श्रीवास्तव ने बताया कि सुबह पांच बजे प्रसूता की मौत हुई है। शुरुआती जांच में स्टॉफ की लापरवाही सामने आई है। ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक, स्टॉफ और पैरा मेडिकल स्टॉफ सभी को सस्पेंड किया है। मजिस्ट्रेटियल जांच के लिए डीएम से  सिफारिश की गई है।

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