नेपाल में 8 माह में 6 लाख से अधिक पर्यटक पहुंचे
काठमांडू
इस वर्ष के आठ महीनों में छह लाख से अधिक विदेशी पर्यटक नेपाल पहुंचे हैं। नेपाल पर्यटन बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार, जनवरी से अगस्त तक 6,01,360 पर्यटक नेपाल पहुंचे।
पिछले अगस्त महीने में ही 67,153 पर्यटक नेपाल आए हैं। यह आंकड़ा नेपाल के विभिन्न एयरपोर्ट पर आने वाले पर्यटकों का है।
पर्यटन बोर्ड की तरफ से जारी आंकडों के मुताबिक पिछले वर्ष 2022 के इसी अवधि में 41 हजार तीन सौ चार पर्यटकों ने नेपाल में प्रवेश किया था। कोरोना से ठीक पहले यानी 2019 में यह आंकड़ा 73,814 पर्यटकों का था।
बोर्ड के निदेशक मणिराज लामिछाने ने कहा कि हाल के महीनों में पर्यटकों के आगमन में लगातार वृद्धि हुई है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि पर्यटकों के आगमन में निरंतर वृद्धि के कारण 2023 में 10 लाख पर्यटकों के लक्ष्य तक पहुंचना आसान होगा। पर्यटन बोर्ड का मानना है कि सड़क मार्ग से नेपाल में प्रवेश करने वाले भारतीय पर्यटकों की संख्या इससे कई गुणा अधिक होती है। खुली सीमा होने और करीब दर्जन भर नाका होने के कारण उनका आंकड़ा रखना कठिन होता है।
पिछले अगस्त महीने में भारत से 26,665, चीन से 5,027, अमेरिका से 4,629, श्रीलंका से 3,558 और बांग्लादेश से 3,190 पर्यटकों ने हवाई मार्ग से नेपाल में प्रवेश किया है। इसी तरह ब्रिटेन से 2,711 पर्यटक, स्पेन से 1,588 पर्यटक, जापान से 1,520 पर्यटक, इटली से 1,496 पर्यटक और ऑस्ट्रेलिया से 1,347 पर्यटक नेपाल आए हैं।
पूर्वी कांगो में संयुक्त राष्ट्र के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों पर फायरिंग, 43 की मौत, 56 घायल
कांगो
अफ्रीकी देश कांगो में संयुक्त राष्ट्र के विरोध में प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों पर सेना के सुरक्षाबलों की तरफ से हुई फायरिंग में 43 लोगों के मारे जाने सूचना आ रही है। सेना ने शुरू में सात लोगों के मारे जाने की जानकारी दी थी। सरकार ने पूर्वी कांगो के शहर गोमा में संयुक्त राष्ट्र विरोधी हिंसक प्रदर्शनों पर कार्रवाई की थी, जिसमें 56 अन्य लोग घायल हो गए।
दरअसल, एक पुलिसकर्मी पर हमले का कथित वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद कांगो की सेना ने गोमा शहर में संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन और अन्य विदेशी संगठनों के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन को हिंसक तरीके से तितर-बितर कर दिया।
कांगो के अधिकारियों ने कहा कि पुलिसकर्मी की पत्थर मारकर हत्या कर दी गई। इसके बाद सेना ने कार्रवाई करते हुए सात प्रदर्शनकारियों को मार गिराया। मगर सेना के ही दो अधिकारियों ने नाम न छापने की शर्त पर समाचार एजेंसी रॉयटर्स को बताया कि हमले में मरने वालों की संख्या 40 से ऊपर है।
वहीं, संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि के वह सैनिकों द्वारा प्रदर्शनकारियों की मौतों की जांच कर रहे हैं। प्रांतीय सेना के प्रवक्ता गुइलाउम एनडजिक ने इन रिपोर्टों का खंडन किया और कहा कि मरने वालों की संख्या सात बनी हुई है।
बता दें कि कांगो सेना के अधिकारियों का एक वीडियो वायरल है, जिसमें साफ तौर पर देखा जा सकता है कि सेना दर्जनों शवों को एक ट्रॉली में घसीटते हुए भर रही है।
गोमा में इंटरनेशनल रेड क्रॉस की स्थानीय ब्रांच की प्रमुख ऐनी सिल्वी लिंडर ने कहा कि विरोध-प्रदर्शन के बाद उनके क्लिनिक में बड़ी संख्या में लोग आए थे, जो गंभीर रूप से चाकू और गोली से घायल हुए थे। ऐनी ने कहा कि क्लिनिक पर लाए गए घायलों में कुछ मर चुके थे।
महंगाई की मार : पाकिस्तान में पेट्रोल-डीजल 300 रुपये लीटर के पार
इस्लामाबाद
पाकिस्तान में महंगाई की मार से त्रस्त जनता को अब पेट्रोल-डीजल के लिए 300 रुपये प्रति लीटर से अधिक चुकाना होगा। पाकिस्तान की कार्यवाहक सरकार ने पेट्रोल की कीमत में 14.91 रुपये प्रति लीटर और हाई-स्पीड डीजल (एचएसडी) की कीमत में 18.44 रुपये प्रति लीटर का इजाफा किया है।
पाकिस्तान वित्त मंत्रालय ने आधी रात के बाद सोशल मीडिया एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट शेयर करते हुए कहा, पेट्रोल की कीमत अब 305.36 रुपये प्रति लीटर और एचएसडी 311.84 रुपये प्रति लीटर हो गया है। केरोसिन या हल्के डीजल तेल के दामों में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
स्थानीय रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान में पेट्रोल की कीमत 290.45 रुपये लीटर से बढ़कर 305.36 रुपये लीटर हो गई है। इसके अलावा, 293.40 रुपये लीटर की कीमत पर बिक रहे डीजल की कीमत 18.44 रुपये इजाफे के साथ 311.84 रुपये प्रति लीटर हो गई।
गौरतलब है कि इससे पहले 15 अगस्त को भी कीमतों में 20 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी गई थी और उसके बाद एक बार फिर दामों को बढ़ाया गया है।
अंतरबैंक बाजार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले शुक्रवार को 1.09 रुपये की गिरावट जारी रही। वर्तमान में एक डॉलर की कीमत 306 पाकिस्तानी रुपये के बराबर है।
वहीं, कार्यवाहक व्यवस्था लागू होने के बाद से रुपये में 4.6 फीसदी की गिरावट आई है। अगस्त तक रुपये में 6.2 फीसदी की गिरावट आई है। इस बीच, स्थानीय समाचार पत्र डॉन ने हाल ही में रिपोर्ट दी है कि 17 अगस्त तक मुद्रास्फीति साल-दर-साल के आधार पर 27.57 प्रतिशत बढ़ी है, जिसका मुख्य कारण पेट्रोलियम की कीमतों में हुई वृद्धि है।