नए भारत को समर्पित नई संसद, राजदंड को किया मोदी ने साष्टांग प्रणाम
नई दिल्ली
हवन-पूजा के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने नए संसद भवन को देश को समर्पित कर दिया है। इस मौके पर पीएम मोदी ने तमिलनाडु के अधीनम द्वारा सौंपा गया सेंगोल भी नए संसद भवन में स्थापित किया। उन्होंने इस सेंगोल को साष्टांग प्रणाम किया और वहां मौजूद साधुओं का आशीर्वाद लिया। पीएम मोदी ने इसी तरह राम मंदिर निर्माण की आधारशिला रखने के दौरान रामलला को साष्टांग प्रणाम किया था। उद्घाटन के समारोह के दौरान लगभग एक घंटे पूजा चली और पूरा भवन वैदिक मंत्रोच्चार से गूंज उठा। इस मौके पर पीएम मोदी के साथ लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला मौजूद थे।
तमिलनाडु से आए 22 संत
नए संसद भवन के उद्घाटन के मौके पर तमिलनाडु से 22 संत दिल्ली पहुंचे हैं। संतों ने अपने-अपने विचार रखे। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला और पूरी केंद्रीय कैबिनेट मौजूद रही। नए संसद भवन का निर्माण 862 करोड़ रुपए की लागत से करवाया गया है। इसे सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत बनवाया गया है। अब नए संसद भवन में कामकाज शुरू हो जाएगा। वहीं पुराने संसद भवन का इस्तेमाल संसदीय कार्यक्रमों के लिए किया जाएगा।
धार्मिक महत्व
नई संसद का निर्माण जिस तरह किया गया है, उसका धार्मिक महत्व है। यह बेहद शुभ बताया जा रहा है। वास्तुकार बिमल पटेल ने पीटीआई को आगे बताया कि इसका धार्मिक महत्व भी है। इस तिकौने आकार में सभी तरह का धार्मिक समायोजन है। हमारे कई पवित्र धर्मों में त्रिभुज आकार का महत्व है। श्रीयंत भी त्रिभुजाकार है। तीन देवता या त्रिदेव (ब्रह्मा, विष्णु और महेश) भी त्रिभुज का प्रतीक हैं। इसीलिए त्रिभुज आकार का नई संसद भवन बेहद पवित्र और शुभ है।
वैदिक महत्व
संसद भवन की वास्तुकला निर्मित करने वाले बिमल पटेल ने बताया, नया संसद भवन त्रिकोणीय आकार में डिजाइन किया है। पिछला संसद भवन गोलाकार था। नई संसद भवन के तिकौना आकार का संबंध वैदिक संस्कृति और तंत्रशास्त्र है। सबसे पहली बात यह एक त्रिकोणीय भूखंड पर स्थित है और इसके 3 प्रमुख हिस्से हैं-लोकसभा, राज्यसभा और एक सेंट्रल लाउंज। त्रिकोण आकार देश के विभिन्न धर्मों-संस्कृतियों में पवित्र ज्यामिति का प्रतीक है।
अलग-अलग धर्मों की प्रार्थना
उद्घाटन के मौके पर सबसे पहले पीएम मोदी और लोकसभा स्पीकर पुराने संसद भवन परिसर में मौजूद महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किए। इसके बाद हवन पूजा की गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सेंगोल का साष्टांग प्रणाम किया और इसे संसद भवन में स्थापित किया। इस मौके पर अलग-अलग धर्मों की प्रार्थना की गई। पुजारी, मौलवी और पादरी ने अपने-अपने धर्म के अनुसार प्रार्थना की।
संसद बनाने वाले श्रमिकों का सम्मान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए संसद भवन के उद्घाटन के बाद भवन के निर्माण में काम करने वाले श्रमिकों को सम्मानित किया। इसके बाद सर्वधर्म प्रार्थना का आयोजन किया गया, जिसमें तमाम धर्मगुरु शामिल हुए। उद्घाटन समारोह के दूसरे चरण में संसद और सेंगोल को लेकर दो लघु फिल्मों की स्क्रीनिंग के साथ राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश राष्ट्रपति तथा उपराष्ट्रपति का संदेश पढ़ा जा रहा है। इसके बाद लोकसभा स्पीकर तथा अंत में प्रधानमंत्री मोदी का संबोधन होगा।
एंटी ड्रोन और मिसाइल सिस्टम, चंद सेकेंड में पता चलेगी संदिग्ध गतिविधि
आसमान से जमीन तक 24 घंटे बाज की नजर से नए संसद भवन की सुरक्षा होगी। इसके लिए खास उपकरण लगाए गए हैं। संसद भवन में एंटी ड्रोन और एंटी मिसाइल सिस्टम लगा है। इसके अलावा संसद परिसर के भीतर किसी भी वाहन को ड्रोन की मदद से टारगेट नहीं किया जा सकेगा। सुरक्षा से जुड़े सूत्रों का कहना है कि नए संसद भवन के उद्घाटन के बाद अब पार्लियामेंट ड्यूटी ग्रुप (पीडीजी), एनएसजी, आईबी, आईटीबीपी और पार्लियामेंट सिक्योरिटी सर्विस व दिल्ली पुलिस की संख्या में इजाफा किया गया है। बड़ी बात ये है कि नया संसद भवन, पूरी तरह से इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस के उपकरणों से लैस है। अगर कोई भी संदिग्ध गतिविधि होती है तो चंद सेकेंड में उसका पता चल जाएगा।