भोपालमध्यप्रदेश

मंत्री सारंग ने सभी 13 शासकीय मेडिकल कॉलेजों के हिंदी प्रकोष्ठ सदस्यों से किया वर्चुअल संवाद

मेडिकल की पुस्तकों का हिंदी लिप्यंतरण समय-सीमा में करने के निर्देश

भोपाल

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मंशानुरूप चिकित्सा शिक्षा विभाग मध्यप्रदेश द्वारा रिकॉर्ड समय में एमबीबीएस प्रथम वर्ष की पुस्तकों का हिंदी में लिप्यंतरण का कार्य किया है। देश में पहली बार हिंदी में मेडिकल की पढ़ाई प्रारंभ कर मध्यप्रदेश ने इतिहास रचा है। चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास कैलाश सारंग मंगलवार को मंत्रालय में सभी शासकीय मेडिकल कॉलेजों के चिकित्सा हिंदी प्रकोष्ठ के सदस्यों से वर्चुअल संवाद कर रहे थे। संवाद के दौरान मंत्री सारंग ने हिंदी में एमबीबीएस द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ वर्ष की मेडिकल पुस्तकों के लिप्यंतरण के कार्य को तय समय-सीमा में पूर्ण करने के लिये निर्देशित किया। उन्होंने सभी से मिशन मोड पर कार्य करते हुए आगामी सितंबर माह तक प्रक्रिया पूर्ण करने पर विशेष जोर दिया। वर्चुअल संवाद के दौरान आयुक्त चिकित्सा शिक्षा गोपाल चंद्र डाड, संचालक चिकित्सा शिक्षा डॉ. अरूण कुमार श्रीवास्तव, सभी 13 शासकीय मेडिकल कॉलेजों के डीन, स्टेट नोडल अधिकारी हिंदी प्रकोष्ठ डॉ. लोकेंद्र दवे, हिंदी प्रकोष्ठ के सदस्य एवं लिप्यांतरण करने वाले 200 से अधिक चिकित्सा शिक्षक उपस्थित थे।

हिंदी में मेडिकल की पढ़ाई एक क्रांतिकारी कदम

मंत्री सारंग ने कहा कि देहरादून में आयोजित स्वास्थ्य चिंतन शिविर में देश के सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों ने मध्यप्रदेश द्वारा देश में पहली बार हिंदी में मेडिकल की पढ़ाई प्रारंभ करने की सराहना की। उन्होंने कहा कि हिंदी में मेडिकल की पढ़ाई एक क्रांतिकारी कदम हैं। आजादी के 75 वर्षों तक मातृभाषा में पढ़ाई को लेकर केवल विचार किया जाता रहा, लेकिन यह पहली बार है कि मध्यप्रदेश ने इस असंभव दिखने वाले कार्य को संभव कर दिखाया। भविष्य में इसके दूरगामी परिणाम देखने को मिलेंगे।

हर 10 दिन में मंत्री सारंग करेंगे कार्य प्रगति की समीक्षा

मंत्री सारंग ने बताया कि लिप्यंतरण करने वाली टीम को सॉफ्टवेयर आधारित एआई के माध्यम से तैयार तकनीकी शब्दों का शब्दकोष उपलब्ध कराया जायेगा, जिससे लिप्यंतरण कार्य की सहूलियत होगी। सभी 12 विषयों के लिये चिन्हित टीम में ट्रांसलिट्रेशन के लिये चैप्टर आवंटित किये जायेंगे, जिसकी कार्य प्रगति को डेशबोर्ड पर दर्ज किया जायेगा। उन्होंने संचालक को हर 3 दिन में एवं आयुक्त को हर 7 दिन में इसकी समीक्षा करने के निर्देश दिये। वहीं मंत्री सारंग हर 10 दिन में कार्य प्रगति की समीक्षा करेंगे।

सितंबर माह तक की टाइमलाइन की तय

एमबीबीएस द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ वर्ष की मेडिकल पुस्तकों के हिंदी लिप्यंतरण के लिये सितंबर माह तक की टाइमलाइन तैयार की गई है। प्रत्येक 13 मेडिकल कॉलेजों में हिंदी चिकित्सा प्रकोष्ट को सॉफ्टवेयर आधारित एआई के उपयोग के लिये विशेष प्रशिक्षण दिया जायेगा। सत्यापित शब्दावली को सॉफ़्टवेयर में समाहित कर पुस्तकों के एआई द्वारा हिंदी रूपांतरण किया जायेगा। संपूर्ण प्रक्रिया के दौरान प्रथम सत्यापन संबंधित विभागाध्यक्षों द्वारा किया जायेगा। विषय नोडल अधिकारी द्वारा निर्धारित टीम द्वितीय सत्यापन का कार्य करेगी। वहीं अंत में पाठ्य-पुस्तकों के डिजीटल प्रिंट की प्रूफ़ रीडिंग के पश्चात सभी शेष वर्षों की पुस्तकों का प्रकाशन किया जायेगा।

अन्य महत्वपूर्ण निर्देश

    · सभी 13 शासकीय चिकित्सा महाविद्यालयों के पुस्तकालय में प्रथम वर्ष की हिंदी पाठ्य पुस्तकों की उपलब्धता हो सुनिश्चित।

    · सभी 13 शासकीय चिकित्सा महाविद्यालयों में हिंदी चिकित्सा प्रकोष्ठ मंदार कक्ष को सुसज्जित कर मातृभाषा हिंदी के प्रति विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करें।

    · मेडिकल पुस्तकों के हिंदी लिप्यंतरण कार्य कर रही टीम को मानदेय भुगतान में देरी नहीं हो।

    · प्रथम वर्ष में अध्ययनरत हिंदी माध्यम के चिकित्सा विद्यार्थियों में किया जाये हिंदी पाठ्य-पुस्तकों का वितरण।

 

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