छत्तीसगढराज्य

गौठानों में समूहों को उपलब्ध कराई जा रही रोजगार के साधन

सुकमा
घरेलु कामकाजी महिलाएं घर के कामों से समय निकालकर समूह के माध्यम से गौठानों में संचालित गतिविधियों को आय का जरिया बनाकर आर्थिक रूप से संबंल हो रही है। छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वाकांक्षी योजना नरवा, गरूवा, घुरवा, बाड़ी के तहत गौठानों को विकसित करके विभिन्न गतिविधियों से महिला समूहों को रोजगार का साधन मुहैया कराई जा रही है।

कुकानार गोठान में वर्मी कम्पोस्ट निर्माण, गोबर खरीदी, ब्रेड-रस्क निर्माण, सब्जी उत्पादन का कार्य किया जा रहा है। वहीं मां कंकालीन समूह ने वर्मी कम्पोस्ट विक्रय करके 1 लाख 85 हजार रुपये तथा गेंदाफुल समूह ने सब्जी उत्पादन करके 17 हजार रुपये का अतिरिक्त आय अर्जित किया है।

गोठान में संचालित गतिविधयों में वैष्णव देवी समूह ने 13 हजार 300 रुपये के ब्रेड, बिस्कुट, रस्क सहित अन्य उत्पाद का विक्रय किया है। समूह की सदस्य कुसुमलता ने बताया कि समूह के माध्यम से तैयार बेड, रस्क सहित अन्य उत्पादों को स्थानीय बाजार और दुकानों में निर्धारित मूल्य विक्रय करके आर्थिक रूप से संबल हो रहे हैं। गोठानों में संचालित गतिविधियों को रोजगार के रूप में अपना अतिरिक्त आय अर्जित हो रही है जिससे घर के दैनिक उपयोग सहित रोजमर्रा की सामानों की खरीदी में सहूलियत हो रही है। इसके अलावा गौठान में शेड निर्माण करके वरदान समूह की महिलाओं को बटन मशरूप उत्पादन के लिए प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। समूह के द्वारा बटन मशरूप उत्पादन संबंधी सभी तैयारियां पूर्ण करके जल्द ही मशरूम उत्पादन करेगी। पूर्व में वरदान समूह ने ओएस्टर मशरूप उत्पादन करके लगभग 40-45 हजार की आमदनी अर्जित की है।

कुकानार गौठान में रीपा के तहत निजी उद्यमियों को शेड बनाकर स्वयं का व्यवसाय के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। जिनमें कौशलेंद्र ने भी स्वयं का व्यवसाय स्थापित करके फोल और ब्रिक्स निर्माण का कार्य कर रहे हैं, उन्होंने अब तक इस व्यवसाय से लगभग 40-45 हजार रुपये की आमदनी अर्जित की है।

 

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