रायपुर
भाजपा के प्रभारी ओम माथुर अपने बस्तर प्रवास के दौरान रमन सरकार के द्वारा किये गये अत्याचार और शोषण के लिये बस्तर के लोगो से माफी मांगे। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि भाजपा कल भी आदिवासी विरोधी थी, आज भी आदिवासी विरोधी है। 15 साल के भाजपा के शासन काल में बस्तर के आदिवासियों के संवैधानिक अधिकार को भाजपा ने बंधक बनाकर रखा था।
15 सालों तक बस्तर के आदिवासी सुरक्षा बलों और नक्सलवाद के दो पाटों में पिस रहे थे। छोटी-छोटी धाराओं में मासूम आदिवासियों को वर्षो तक जेल की सलाखों में बंद रखा गया था। उनकी जमीनों को कोडियों के दाम लूटने का षडयंत्र रचा गया। जल, जंगल, जमीन, पर आदिवासियों के नैसर्गिक अधिकारों का हनन किया गया था।
मरकाम ने कहा कि भाजपा हमेशा से आदिवासियों की शोषक रही है। लोहंडीगुड़ा में आदिवासियों की अधिग्रहित जमीनों को रमन सरकार ने लैड बनाकर जप्त किया था, कांग्रेस सरकार ने उसे वापस किया। 15 सालों तक साढ़े पांच लाख से अधिक वन अधिकार पट्टों को लंबित रखा था? बस्तर में हजारों आदिवासियों को नक्सली बताकर भाजपा की सरकार ने वर्षों से जेलों में बंद रखा था, कांग्रेस की सरकार ने उनकी रिहाई शुरू करवाया। बस्तर में 300 से अधिक स्कूल भाजपा सरकार ने बंद कर दिया था। बस्तर में लोग डायरिया, मलेरिया से मरते रहे, भाजपा कभी आदिवासियों के स्वास्थ्य का ख्याल नहीं आया। आदिवासियों के संबंध में उनके अधिकारों के संबंध में कुछ भी बोलने के पहले समूची भाजपा को छत्तीसगढ़ के 32 प्रतिशत आदिवासी समाज से माफी मांगनी चाहिये। भाजपा के 15 सालों में छत्तीसगढ़ के आदिवासी ठगे गये, उनकी प्रगति को रोकने का षडय़ंत्र रचा गया था।
उन्होंने कहा कि छल कपट कर 15 साल तक रमन सरकार निर्दोष आदिवासियों को जेल में बन्द किया जाता रहा, रमन सिंह सरकार में पांचवी अनुसूची क्षेत्रो को मिले कानूनी अधिकारों को दरकिनार कर ग्राम सभा के अनुमोदन के बिना हजारों आदिवासी से जमीन छीनी गई, रमन सिंह सरकार में नक्सली बताकर आदिवासियों के मासूम बच्चों को मुठभेड़ में मारा गया, झलियामारी बालिका गृह में हुई बलात्कार की घटना, मीना खलखो, पेद्दागेल्लूर, सारकेगुड़ा की घटना, बस्तर क्षेत्र के युवाओं को सरकारी नौकरी से वंचित रखा गया आउटसोर्सिंग से भर्ती कर उनके हक अधिकार को बेचा गया, रमन सरकार के दौरान तेंदूपत्ता संग्राहकों की लाभांश में हेराफेरी की गई, चरणपादुका खरीदने में भ्रष्टाचार किया गया, 5 लाख वनाधिकार पट्टा निरस्त किया गया था, पूर्व की रमन सरकार के दौरान निरन्तर आदिवासी वर्ग पर अत्याचार हुआ उनके अधिकारो का हनन किया गया। आदिवासी कल्याण के नाम से सरकारी योजना बनाकर बंदरबाट किया गया। इन सब के लिये भी ओम माथुर बस्तर की जनता से माफी मांगे।