माफिया मुख्तार अंसारी का गिरोह देश में सबसे खूंखार गैंग
इलाहाबाद
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने एक मामले की सुनवाई करते हुए कहा है कि मुख्तार अंसारी गिरोह भारत का सबसे खूंखार अपराधी गिरोह है। अदालत ने मऊ जिले के एक हत्या के मामले में मुख्तार गिरोह के सदस्य रामू मल्लाह की जमानत अर्जी खारिज करते समय यह तल्ख टिप्पणी की है। साथ ही अदालत ने राज्य सरकार से गवाहों की पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करने का भी आग्रह किया, क्योंकि उनके बिना कोई निष्पक्ष सुनवाई संभव नहीं है। दरअसल जिस मौजूदा मामले में आरोपी आवेदक ने जमानत मांगी थी, उसमें माफिया से नेता बने पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी व अन्य भी आरोपी हैं। न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह ने रामू मल्लाह की जमानत अर्जी को खारिज करते हुए उन्हें समता का लाभ देने से इनकार कर दिया, जहां उन्हें गवाहों के मुकर जाने के कारण बरी कर दिया गया था।
न्यायमूर्ति सिंह ने कहा कि, चूंकि अभियुक्त को बरी कर दिया गया है क्योंकि कुछ मामलों में गवाह मुकर गए हैं, उसका आपराधिक इतिहास समाप्त नहीं होता है। ऐसे अपराधी को अगर जेल से बाहर आने की अनुमति दी जाती है, तो वह निश्चित रूप से गवाहों को प्रभावित करने की स्थिति में होगा और गवाहों का स्वतंत्र, निष्पक्ष और सच्चा बयान असंभव होगा। इसलिए, मुझे आरोपी आवेदक के वकील की दलील में कोई तथ्य नहीं मिला की आरोपी आवेदक को जमानत पर रिहा किया जाए। गवाहों की सुरक्षा पर हाईकोर्ट का जोर गवाहों की सुरक्षा की आवश्यकता पर जोर देते हुए, अदालत ने आगे कहा कि एक मजबूत, मजबूत, स्वतंत्र और निष्पक्ष आपराधिक न्याय प्रणाली के लिए, गवाहों का स्वतंत्र, स्पष्ट और निडर बयान अत्यंत महत्वपूर्ण है।
स्वतंत्र और निष्पक्ष परीक्षण और कानून के शासन का संरक्षण यह संभव नहीं है, यदि राज्य गवाहों को उनके स्वतंत्र, स्पष्ट और निडर बयान के लिए सुरक्षा और समर्थन नहीं देता है। अदालत ने यह भी कहा कि देश में यह देखा गया है कि जीवन, प्रतिष्ठा, गवाहों या परिवार के सदस्यों की संपत्ति या उनके उत्पीड़न या डराने-धमकाने के कारण अभियुक्त द्वारा या उसकी ओर से, गवाह मुकर जाते हैं और अभियुक्त मुक्त हो जाते हैं। हालांकि इस पर आरोपी के वकील ने कहा कि आवेदक को एक आपराधिक मामले में बरी कर दिया गया है। इसके विपरीत, राज्य सरकार के वकील ने अदालत के समक्ष प्रस्तुत किया कि आवेदक का जघन्य अपराधों का आपराधिक इतिहास रहा है।