मध्यप्रदेश : वर्दी वाली सभी भर्तियां करेगा पीएचक्यू बोर्ड, विवादित ईएसबी से मुक्ति
भोपाल
नए साल में एक ओर जहां अयोध्या में भगवान श्रीराम के मंदिर की स्थापना का उत्सव है, वहीं मध्यप्रदेश के लिए सुखद बदलावों का साल होने वाला है। प्रदेश की भर्ती परीक्षाओं में होने वाले विवादों को देखते हुए अब ‘वर्दी वाली’ सभी भर्तियां पीएचक्यू द्वारा बनाए जा रहे बोर्ड के जरिए होंगी। वहीं प्रदेश में साइबर तहसीलों का आगाज हो रहा है। इससे जहां जमीन विवादों के हल स्थानीय स्तर पर हो सकेंगे वहीं रजिस्ट्री के बाद नामांतरण के लिए अलग से आवेदन की आवश्यकता खत्म हो जाएगी। पिछले दिनों मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इसकी घोषणा की थी। कल से इसकी शुरुआत होने जा रही है।
पुलिस, वन, आबकारी में आरक्षक के साथ ही जेल प्रहरियों की भर्ती अब व्यापमं (अब मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन मंडल) से नहीं होगी। यह फैसला शासन स्तर पर हो गया है। इन भर्तियों के लिए नया बोर्ड बनाया जा रहा है। जो सभी वर्दी वाले आरक्षक और प्रहरियों की भर्ती परीक्षा का आयोजन करेगा। यह बोर्ड इसी साल से काम शुरू करेगा। सूत्रों की मानी जाए तो इस बोर्ड को बनाने का जिम्मा पुलिस मुख्यालय को दिया गया है। इस पर काम शुरू हो चुका है। पुलिस मुख्यालय के आला अफसर इस बोर्ड को बनाने के काम में जुटने वाले हैं। अफसरों को यह संदेश भी मिला है कि पुलिस के साथ ही यह बोर्ड वन रक्षक, जेल प्रहरी और आबकारी आरक्षक की भी भर्ती करेगा। इस बोर्ड का स्वरूप क्या होगा। किस-किस रेंक के अफसर इसमें शामिल होंगे। लिखित परीक्षा के लिए पेपर कैसे और कौन-कौन बनाएंगे। इस सब पर अभी काम होना है।
सबसे पहले पुलिस आरक्षकों की भर्ती
ऐसा माना जा रहा है कि यह बोर्ड अब जल्द से जल्द बनाया जाएगा। इस साल पुलिस आरक्षकों के पांच हजार पद पर भर्ती की जाना है। यह भर्ती नए बोर्ड से कराने की तैयारी है। इसलिए यह माना जा रहा है कि भर्ती के लिए बनाए जा रहे नए बोर्ड से सबसे पहले पुलिस आरक्षकों की भर्ती परीक्षा आयोजित होगी। इसके बाद अन्य विभागों की भर्ती परीक्षा इस बोर्ड के द्वारा कराई जाएगी। गौरतलब है कि पुलिस आरक्षकों की भर्ती के लिए पूर्व में भी पुलिस का बोर्ड था जो भर्ती परीक्षा आयोजित कराता था, बाद में इस बोर्ड को भंग कर दिया गया और भर्ती के लिए लिखित परीक्षा का जिम्मा व्यापमं को दे दिया था।
इसलिए बन रहा नया बोर्ड
दरअसल प्रदेश में व्यापमं द्वारा करवाई गई भर्ती परीक्षा और इंजीनियरिंग एवं मेडिकल कॉलेज में प्रवेश की परीक्षाओं को लेकर धांधली हुई थी। जिस पर मध्य प्रदेश पुलिस और उसके बाद सीबीआई ने व्यापक कार्रवाई करते हुए हजारों लोगों पर प्रकरण दर्ज किए थे। देश भर में विवादग्रस्त होने के चलते व्यापमं का नाम बदल कर मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन मंडल (ईएसबी)किया गया। इसके बाद भी भर्ती परीक्षाओं में गड़बड़ी होने के आरोप इस बोर्ड पर लगते रहे हैं। इन आरोपों की गूंज प्रदेश के बाहर भी लगातार पहुंचती रही है। इसके चलते अब यह तय किया गया है कि वर्दी वाली भर्ती के लिए नया बोर्ड बनाया जाएगा।