जनता की सुरक्षा और कानून व्यवस्था के लिए प्रतिबद्ध है मध्यप्रदेश पुलिस
भोपाल.
मध्यप्रदेश पुलिस ने वर्ष 2023 में प्रदेश में अपराध नियंत्रण के साथ ही कट्टरपंथी संगठनों एवं माफियाओें के विरुद्ध प्रभावी कार्यवाही की है, जिससे नागरिकों में सुरक्षा का भाव बढ़ा है। महिलाओं और बालिकाओं की सुरक्षा और उनके सम्मान के लिए मध्यप्रदेश पुलिस प्रतिबद्ध है। उनके सशक्तिकरण और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में पुलिस द्वारा कई प्रयास किए गए। पुलिस ने जमीनी स्तर पर क्षमताओं को बढ़ाते हुए तकनीकी तंत्र को भी मजबूत बनाया, जिसके उपयोग से जघन्य एवं गंभीर अपराधों को खोजने में उल्लेखनीय सफलता मिली। समाज को जागरूक करने एवं सशक्त बनाने के उद्देश्य से सामुदायिक पुलिसिंग के माध्यम से अंतिम पंक्ति के व्यक्ति तक पहुंच बढ़ाई गई। पुलिस शारीरिक एवं मानसिक रूप से दक्ष हो, इसके लिए भी पुलिसकर्मियों का कौशल संवर्धन एवं क्षमता उन्नयन किया गया। पुलिस ने अपने आदर्श वाक्य “देशभक्ति-जनसेवा” को सार्थक किया।
प्रदेश में शांति एवं कानून व्यवस्था कायम
- वर्ष 2023 में विधानसभा चुनाव पूर्णत: निष्पक्ष, पारदर्शी एवं भयमुक्त तरीके से संपन्न । मतदाताओं ने बढ़-चढ़कर रिकॉर्ड वोटिंग की।
- प्रदेश में प्रवासी भारतीय सम्मेलन, जी-20 सम्मेलन, खेलो इंडिया यूथ गेम्स, एयर शो जैसे राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर के आयोजनों हेतु समुचित सुरक्षा व्यवस्था की गई।
- कट्टरपंथ से प्रभावित एवं उग्र होने वाले युवाओं की पहचान करने के लिए संस्थागत तंत्र तैयार कर रणनीति के तहत कार्यवाही की गई। यही कारण है कि मध्यप्रदेश में शांति व्यवस्था बहाल रही।
- वर्ष 2023 में समस्त तीज-त्यौहार शांतिपूर्ण एवं सौहार्दमय वातावरण में संपन्न।
आंतरिक सुरक्षा के लिए डटी रही पुलिस, राष्ट्रविरोधी ताकतों पर सख्त एक्शन
- मध्यप्रदेश में लगातार राष्ट्रविरोधी ताकतों के विरुद्ध कार्यवाही की गई। वर्ष 2023 में तीन बड़ी कार्यवाही की गई हैं। इन कार्यवाहियों में हॉकफोर्स ने 2 महिला नक्सलियों सहित 4 हार्डकोर नक्सलियों को धराशायी किया है। इन सभी नक्सलियों पर 14-14 लाख रुपये का इनाम घोषित था।
- वर्ष 2023 के अप्रैल में हुई कदला मुठभेड़ में महिला नक्सली सरिता तथा सुनीता, कुंदुल-कोद्दापार जंगल क्षेत्र में सितंबर में हुई मुठभेड़ में नक्सली कमलू को भी धराशायी किया जा चुका है। वहीं 14 दिसंबर को हॉकफोर्स ने मड़काम हिड़मा उर्फ चैतु हिड़मा को भी धराशायी कर दिया।
- आमजन का सहयोग पुलिस काे प्राप्त हो सके व नक्सल प्रभावित जिलों के प्रभावित विकासखण्डों के स्थानीय निवासरत युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए ''विशेष सहयोगी दस्ता'' का गठन किया गया है।
- अगस्त 2023 में प्रतिबंधित संगठन सीपीआई की दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी का सदस्य फरार नक्सली अशोक रेड्डी जबलपुर से गिरफ्तार (अशोक रेड्डी के विरुद्ध तेलंगाना, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र में 60 से अधिक गंभीर अपराध पंजीबद्ध, 82 लाख रुपये का इनाम)
- मध्यप्रदेश पुलिस ने प्रतिबंधित संगठनों एचयूटी, जेएमबी औेर पीएफआई पर की प्रभावी कार्यवाही।
- मई 2023 में एटीएस, मध्यप्रदेश द्वारा योजनाबद्ध तरीके से रेड करके कट्टरपंथी संगठन हिज्ब-उत-तहरीर/ तहरीक-ए-खिलाफ के 16 सदस्यों को गिरफ्तार किया गया, जिनमें से भोपाल के 10, छिन्दवाड़ा का एक तथा हैदराबाद के 5 सदस्य शामिल हैं। गिरफ्तार आरोपियों से भारी मात्रा में जिहादी साहित्य, तकनीकी उपकरण, एयरगन, छर्रे, कॉम्बेट नाइफ, आयरन रॉड, चाकू, गुप्तियां, तलवार बरामद किये गए हैं ।
वर्ष 2023 में अपराधियों पर भी लगा अंकुश
- गत वर्ष की तुलना में वर्ष 2023 में प्रथम 11 माह में- कुल अपराध में 0.41 प्रतिशत की कमी आई है। प्रदेश में गंभीर अपराध जैसे- हत्या में 10.90 प्रतिशत, हत्या के प्रयास में 10.24 प्रतिशत, डकैती में 26.47 प्रतिशत की कमी आई है साथ ही संपत्ति संबंधी अपराधों की समीक्षा में पाया गया कि नकबजनी में भी 8.71 प्रतिशत की कमी आई है।
- नाबालिगों के विरुद्ध घटित अपराध (पॉक्सो एक्ट) में वर्ष 2023 में वर्ष 2022 की तुलना में 13.93 प्रतिशत की कमी परिलक्षित हुई है।
- वर्ष 2023 में अनुसूचित जाति के विरुद्ध घटित अपराधों में 4.12 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है। इसी प्रकार अनुसूचित जनजाति के विरुद्ध घटित अपराधों में 13.81 प्रतिशत की कमी आई है।
पुलिस की विशिष्ट प्राथमिकताएं
- मुख्यमंत्री जी की मंशा अनुसार ध्वनि प्रदूषण पर नियंत्रण तथा धार्मिक स्थलों एवं अन्य स्थानों में ध्वनि विस्तारक यंत्रों के अनियंत्रित व नियमविरुद्ध प्रयोग को रोकने के लिए विगत कुछ दिनों में लगभग 23500 लाउड स्पीकरों को हटाया गया है एवं इस पर निरंतर कार्यवाही की जा रही है।
- गंभीर अपराध के अपराधियों द्वारा जमानत पर छूट का दुरुपयोग कर पुन: अपराध करने की प्रवृति को रोकने के लिए ऐसे अपराधियों की जमानत निरस्त कराने की कार्यवाही प्रारंभ की गई है।
- आम जनता की पुलिस थानों में विशेषकर ग्रामीण इलाकों में पहुंच को सुलभ करने के लिए प्रदेश के सभी थानों की सीमा व अधिकार क्षेत्र का युक्तियुक्तकरण किया जा रहा है।
- पुलिस विभाग में विभिन्न स्तर की पदोन्नति की कार्यवाही प्रारंभ की गई है, जिसे शीघ्र पूर्ण किया जा रहा है।
- प्रत्येक जिले में पुलिस बैंड के गठन की प्रक्रिया प्रारंभ की जा चुकी है।
बाल-महिला एवं कमजोर वर्गों के विरुद्ध अपराध पर नियंत्रण एवं प्रभावी रोकथाम
- पुलिस ने महिला एवं बाल अपराध पर नियंत्रण के लिए ठोस कदम उठाए हैं। जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत प्रदेश के सभी जिलों में महिला थाने संचालित हैं। प्रदेश में 950 महिला ऊर्जा डेस्क कार्यरत हैं।
- हिंसा प्रभावित महिलाओं की न्याय सुलभता हेतु ऊर्जा डेस्क तथा उसकी सामुदायिक कार्यप्रणाली शक्ति समिति के माध्यम से प्रदेशव्यापी महिला सशक्तिकरण अभियान को मूर्त रूप दिया गया है। हजारों की संख्या में महिलाएं इस अभियान से जुड़ीं हैं।
- चेतना अभियान, असली हीरो, सम्मान अभियान के माध्यम से व्यापक जनजागृति के प्रयास किए गए।
- ऑपरेशन मुस्कान एवं अन्य विशेष प्रयासों से वर्ष 2023 (नवंबर तक) में 11609 बालक/बालिकाओं को दस्तयाब किया। इसी अवधि में बरामदगी का प्रतिशत 98 रहा।
- सृजन अभियान के माध्यम से वंचित वर्ग की बालिकाओं के सशक्तिकरण हेतु नवाचार। सामुदायिक पुलिसिंग के अंतर्गत मध्यप्रदेश पुलिस के नवाचार सृजन/शौर्य दल के माध्यम से किशोरी बालिकाओं के सशक्तिकरण अभियान के अंतर्गत शहरी सुरक्षा में भोपाल एवं इंदौर में नवाचार स्थापित किए गए हैं, जिसे राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सेफ सिटी अभियान के अंतर्गत UN WOMEN द्वारा बेस्ट प्रैक्टिस हेतु मान्यता प्रदान की गई।
- बाल सुरक्षा अभियान के अंतर्गत आदर्श SJPU का निर्माण करने हेतु सामुदायिक पुलिस अभियान चलाना, मैं हूं अभिमन्यु नामक किशोर वय के बालकों का लिंग संवेदीकरण का भोपाल व इंदौर शहरों में अभियान को जुवेनाइल जस्टिस कमेेटी माननीय उच्च न्यायालय मध्यप्रदेश तथा सर्वोच्च न्यायालय दिल्ली की कमेटियों द्वारा बाल सुरक्षा हेतु सामुदायिक पुलिस बेस्ट प्रैक्टिस के रूप में सराहना की गई।
माफिया के विरूद्ध लगातार चलाए गए अभियान
माफिया विरोधी अभियान (वर्ष 2023 में की गई कार्यवाही )
पुलिस ने प्रदेशभर में एंटी माफिया अभियान चलाया। इसमें भूमाफिया, शराब माफिया, खनन माफिया, चिटफंड माफिया, अवैध हथियार के खिलाफ प्रभावी कार्यवाही हुई।
भू–माफिया
- कुल 52 प्रकरण दर्ज, 7 आरोपी गिरफ्तार
- 10 व्यक्तियों के विरुद्ध जिला बदर की कार्यवाही।
रेत माफिया
- 1,565 अपराध पंजीबद्ध, 1007 आरोपी गिरफ्तार, 1599 चार पहिया वाहन जब्त।
चिटफंड माफिया
- 42 अपराध पंजीबद्ध, 88 आरोपी गिरफ्तार, 785 से अधिक निवेशकों को 2.54 करोड़ रुपये से अधिक की राशि वापस दिलाई
शराब माफिया
- अवैध शराब के कारोबारियों पर दबिश देकर 1 लाख 31 हजार से अधिक प्रकरण दर्ज किए गए, 1,35,046 आरोपी गिरफ्तार किए गए। आरोपियों से 19.35 लाख लीटर देशी/विदेशी शराब जब्त की गई।
- 29 रासुका और 345 जिलाबदर की कार्यवाही की गईं। 1727 वाहन जब्त किए गए और 268 वाहन राजसात किए गए।
अवैध हथियार
- 14 हजार से अधिक अवैध हथियार बरामद जिसमें 3100 से अधिक फायर आर्म्स तथा 48 फायर आर्म्स की फैक्ट्रियां पकड़ी गईं।
मध्यप्रदेश पुलिस ने किए जनहित में तकनीकी नवाचार
- e-विवेचना App : इसके माध्यम से अपराध अनुसंधान में गुणवत्ता और पारदर्शिता आई है।
- M.P. e-Rakshak (The Smart Cop App ) : मैदानी स्तर पर तैनात पुलिसकर्मियों को तकनीकी रूप से सशक्त बनाने की दिशा में इस एप्प के माध्यम से पुलिसकर्मी कहीं भी एवं किसी भी समय अपराधियों एवं अपराध से संबंधित जानकारी तत्काल प्राप्त कर सकते हैं।
- Citizen Centric Services : citizen.mppolice.gov.in पर आमजन सुलभता हेतु ई-एफआईआर, चरित्र सत्यापन, एकल महिला पंजीयन, वरिष्ठ नागरिक पंजीयन, ई-गुम इंसान, चोरी हुए वाहनों जैसी पुलिस संबंधी सुविधाएं पोर्टल के माध्यम से प्रदान की जा रही हैं।
- ICJS : आपराधिक एवं न्यायिक प्रणाली को त्वरित एवं पारदर्शी बनाने की दिशा में इंटर-ऑपरेबल क्रिमिलन जस्टिस सिस्टम (ICJS)-पुलिस, जेल, फॉरेंसिक, प्रॉसीक्यूशन और न्यायिक विभाग एक संयुक्त स्थानीय न्यायिक प्रणाली द्वारा अपराधों की विवेचना, जांच एवं इनकी रोकथाम करने के उद्देश्य से बनाया गया एकीकृत तंत्र है।
उपलब्धियां
- राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी), गृह मंत्रालय,भारत सरकार द्वारा मध्य प्रदेश पुलिस को डिजीटल क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन एवं आईसीजेएस का उपयोग करते हुए अपराधों की रोकथाम करने के लिए देश में प्रथम पुरस्कार प्राप्त हुआ। आईसीजेएस के क्रियान्वयन में किये गये सराहनीय कार्य के लिए ट्रॉफी प्रदान की गई। इसके साथ ही प्रदेश की फॉरेंसिक शाखा को देशभर में द्वितीय स्थान प्राप्त ।
- NAFIS (National automated fingerprint identification system) द्वारा अज्ञात शव की पहचान करने में मध्यप्रदेश का देश में प्रथम स्थान।
- NAFIS में अपराधियों की रिकॉर्ड एवं सर्च स्लिप प्रविष्टि में मध्यप्रदेश पुलिस को देश में प्रथम स्थान।
- चांस प्रिंट ट्रेसिंग में मध्यप्रदेश को देश में द्वितीय स्थान प्राप्त।
- राज्य सायबर पुलिस को कैपेसिटी बिल्डिंग हेतु FICCI Award 2023 प्राप्त।
सड़क सुरक्षा एवं यातायात प्रबंधन में व्यावसायिक दक्षता के साथ उच्च तकनीक का प्रयोग
- सड़क सुरक्षा एवं यातायात प्रबंधन के क्षेत्र में व्यावसायिक दक्षता में वृद्धि के लिए पुलिस विभाग एवं उच्च तकनीकी संस्थानों के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
- यातायात जागरुकता अभियान के अंतर्गत प्रदेश के विभिन्न विद्यालयों में जाकर 54291 कार्यक्रम आयोजित किए गये (जनवरी 2023 से 31 अक्टूबर 2023 तक) । जिनमें 215755 छात्रों एवं 178566 छात्राओं को जागरुक किया गया एवं यातायात जागरुकता के लिए 14474 रैलियों का आयोजन किया गया। इन कार्यक्रमों के माध्यम से 424,341 नागरिक लाभान्वित हुए।
- माननीय उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के पालन में प्रदेश के 1159 थानों एवं 500 पुलिस चौकियों में सीसीटीवी कैमरों की स्थापना।
जनसुरक्षा नवाचार तथा जीवन रक्षा में डायल 100 का योगदान
- जनसुरक्षा हेतु माननीय प्रधानमंत्री महोदय के SMART पुलिस अभियान को मूर्त रूप देती हुई डायल 100 फर्स्ट रिस्पांडर सिस्टम के माध्यम से मध्यप्रदेश पुलिस ने प्रत्येक दिन रिकॉर्ड समय में पीड़ित तथा आपदा ग्रसित प्रतिदिन औसत 25000 जनसुरक्षा सूचनाओें पर त्वरित प्रतिक्रिया कर जनसुरक्षा में मिसाल कायम की है।
- अब तक डायल 100 से 1 करोड़ 63 लाख पीड़ितों एवं जरूरतमंदों को पुलिस सहायता प्रदान की गई है। इसमें 15.79 लाख महिलाओं को सहायता उपलब्ध करवाई गई है। सड़क दुघर्टना में घायल 10.17 लाख नागरिकों को तत्काल सहायता पहुंचाई गई है। 22,987 गुम बच्चों को उनके परिजनों से मिलवाया गया। 2,23,195 महिला एवं पुरुषों को आत्महत्या से रोका गया और 1,73,843 वरिष्ठ नागरिकों को मदद पहुंचाई गई । गर्भवती महिलाओं और बीमारी से पीड़ित नागरिकों को अस्पताल पहुंचाया गया। इसी तरह 1151 परित्यक्त नवजात शिशुओं को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया।
- डायल 100 सेवा द्वारा कॉलर से प्रतिदिन फीडबैक प्राप्त किया जाता है। जिसमें नागरिकों की संतुष्टि का प्रतिशत 90 से अधिक रहा।
जनसुरक्षा में कारगर सीपीआर प्रशिक्षण
जनसुरक्षा अभियान के अंतर्गत सीपीआर प्रशिक्षण देने का व्यापक अभियान संपूर्ण मध्यप्रदेश के प्रत्येक जिले में अभियान चलाया गया। जिसके माध्यम से हर जिले और पुलिस लाइन में सीपीआर प्रशिक्षण कर्मचारियों को दिया गया, जो हर थाना, बटालियन तथा फर्स्ट रिस्पोंडल व्हीकल में व अन्य कार्यालयों में उपलब्ध है। प्रदेश भर में बड़ी मात्रा में प्रशिक्षित सीपीआर ट्रेंड आरक्षकों द्वारा अनेक जानें बचाई गई तथा उक्त योजना से विभाग के भीतर पुलिस अधिकारी कर्मचारियों के तथा आमजन की जीवन रक्षा में विशेष योगदान प्रदान किया गया ।
मूलभूत प्रशिक्षण में प्रत्येक नवागत पुलिसकर्मी को सीपीआर प्रशिक्षण प्रदान करना अनिवार्य किया गया है।
अपराधियों को सजा, पीड़ितों को न्याय
(1.01.2023 से 30.11.2023 तक)
- चिन्हित अपराधों में 1185 प्रकरणों का माननीय न्यायालय ने किया निराकरण
- 882 प्रकरणों में दोषसिद्धि
- कुल 565 प्रकरणों में 1021 अपराधियों को आजीवन कारावास,
- 6 प्रकरणों में 10 आरोपियों को मृत्युदण्ड
- दोषसिद्धि का प्रतिशत 70
- वर्ष 2023 में सर्वाधिक गिरफ्तारी वारंटों-लगभग 4 लाख से अधिक की तामीली कराई गई