देश

कमल का फूल ही हमारा कैंडिडेट, दोबारा टिकट की उम्मीद रखने वालों के लिए बोले PM मोदी?

नई दिल्ली.

आम चुनाव से पहले राजधानी दिल्ली में भाजपा के दो दिवसीय अधिवेशन में प्रधानमंत्री मोदी ने पार्टी के नेताओं को बड़ा संकेत दिया है। उन्होंने कहा कि 'कमल का फूल ही लोकसभा चुनाव में हमारा उम्मीदवार है।' उन्होंने कहा कि सबको मिलकर यही प्रयास करना है कि कमल की जीत सुनिश्चित हो। प्रधानमंत्री मोदी की इस बात के पीछे कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं।

राजनीतिक जानकारों का कहना है कि पीएम मोदी ने दोबारा टिकट की इच्छा रखने वालों को संदेश दिया है कि अगर उनका टिकट कट भी जाए तो भी उन्हें नए प्रत्याशी की जीत के लिए पूरा प्रयास करना है। अधिवेशन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा चुनाव का टारगेट रख दिया है। उन्होंने कहा कि अकेले भारतीय जनता पार्टी को 370 के पार जाना है। इसके अलावा एनडीए का लक्ष्य 400 के पार है। भाजपा के महासचिव विनोद तावड़े ने बताया, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनाव के लिए प्रत्याशी का ऐलान कर दिया है। उन्होंने कहा कि कमल का फूल ही सभी 543 सीटों के लिए हमारा प्रत्याशी है। उम्मीदवारों का चयन होता रहेगा लेकिन पार्टी के कार्यकर्ताओं को अगले 100 दिन कड़ी मेहनत करनी है।

तैयार हो गया है सांसदों का रिपोर्ट कार्ड
सूत्रों का कहना है कि आने वाले चुनाव में अपना लक्ष्य हासिल करने के लिए भाजपा ने पहले ही सांसदों का रिपोर्ट कार्ड बना लिया है। ऐसे में जिनकी रिपोर्ट अच्छी नहीं है उन्हें निश्चित तौर पर बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा। इसके अलावा 70 साल की उम्र पार करने वाले सांसदों को भी टिकट नहीं दिया जाएगा। जिन सांसदों का नाम किसी तरह के बड़े विवाद में है, उनका भी टिकट कट सकता है। पार्टी के सूत्रों का कहना है कि लोकसभा चुनाव में बड़े स्तर पर टिकट काटकर नई रणनीति के साथ भाजपा चुनावी मैदान में उतरेगी। इसमें सांसद ही नहीं बल्कि कई मंत्री भी शामिल हो सकते हैं।

टिकट कटेगा, कैसे बंद होगी बोलती
सूत्रों का कहना है कि बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं से मुलाकात करने के बाद उनके सांसदों का रिपोर्ट कार्ड तैयार हुआ है। टिकट काटने में जनता द्वारा मिली प्रतिक्रिया को ही आधार बनाया जाएगा। ऐसे में टिकट ना मिलने पर बोलती बंद करने का भी इंतजाम पहले ही कर लिया गया है। संभावना यह भी है कि अलग-अलग राज्यों में अच्छा काम करने वाले विधायकों को भी लोकसभा का टिकट दिया जाए।

क्या हो सकता है टिकट काटने का पैमाना
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि टिकट काटने के पैमाने में उम्र, प्रदर्शन और विवाद को आधार बनाया जा सकता है। 70 से अधिक उम्र वालों का टिकट कट सकता है। इसके अलावा लगातार तीन बार चुनाव जीतने वाले सांसदों का भी टिकट कट सकता है। उनके क्षेत्र में एंटीइनकंबेंसी के चांस ज्यादा हैं। विवाद में शामिल और बेहद कम अंतर से जीत दर्ज करना वाले संसदों पर भी तलवार लटक रही है। 2019 के चुनाव में 27 सीटें ऐसी हैं जहां केवल एक फीसदी के अंतर से जीत हासिल हुई थी। वहीं दो फीसदी के अंतर से जीतने वाली सीटों की संख्या 48 है। इन सीटों पर उम्मीदवारों को बदला जा सकता है।
रिपोर्ट के मुताबिक भाजपा के 61 सांसद ऐसे हैं जिनकी उम्र 70 साल से ज्यादा है। वहीं लगातार तीन बार चुनाव जीतने वाले 20 सांसद हैं। भाजपा उन सीटों पर इस बार खास ध्यान देने वाली है जिनपर 2019 में हार हुई थी। ऐसी 161  सीटों में से कम से कम 67  पर जीत का लक्ष्य रखा गया है। भाजपा को बंगाल और तेलंगाना के साथ आंध्र प्रदेश से भी उम्मीदें हैं जहां सीटों की संख्या बढ़ाई जा सकती है।

Pradesh 24 News
       
   

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button