श्रीकृष्ण जन्मभूमि केस: सुनवाई में बतौर वादी पहुंचे भगवान केशव, हाईकोर्ट ने जारी किया एंट्री पास
मथुरा
श्री कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बतौर वादी भगवान केशवदेव के नाम से एंट्री पास जारी किया है। इस पास के साथ भगवान केशवदेव सोमवार को स्वयं मामले की सुनवाई के लिए हाईकोर्ट पहुंचे। कोर्ट कमिश्नर सर्वे के सदस्यों, इसमें लगने वाले समय और अन्य पहलुओं पर बहस के बाद हाईकोर्ट आदेश जारी करेगी। इसमें कोर्ट कमिश्नर सर्वे का स्वरूप तय हो सकता है। हाईकोर्ट ने पिछले 14 दिसम्बर को श्रीकृष्ण विराजमान की ओर से दाखिल की गई अर्जी मंजूर की थी। अब उनके नाम से पास जारी कर दिया गया है। वादी नंबर छह ठाकुर केशव देव जी स्वयं मथुरा से हाईकोर्ट पहुंचे हैं और पैरवी करेंगे। अन्य वादी में अनिल पांडे, महंत धर्मेन्द्र गिरी जी महाराज, सत्यम पंडित, ओम शुक्ला और मनीष डावर के नाम पास जारी हुआ है। भगवान केशवदेव की उम्र शून्य लिखी गई है। मोबाइल नंबर और आधार कार्ड नंबर का भी जिक्र है।
आज है महत्वपूर्ण सुनवाई
श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर आज इलाहाबाद हाईकोर्ट में महत्वपूर्ण सुनवाई हो रही है। इसमें शाही ईदगाह मस्जिद के विवादित परिसर के सर्वे के लिए कोर्ट कमिश्नर और टीम तय की जानी है। इसके साथ ही यह भी तय किया जाना है कि विवादित परिसर का सर्वे किस प्रकार होगा। यानी तय किया जाएगा कि सर्वे के तौर तरीके क्या होंगे। कोर्ट कमिश्नर और सर्वे टीम में शामिल अन्य सदस्यों के नाम भी तय होने हैं।
सर्वे की क्यों बताई जा रही जरूरत
माना जा रहा है कि मथुरा में विवादित परिसर के सर्वे की रिपेार्ट आने के बाद श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह विवाद के समाधान की राह निकलेगी। सर्वे से ही मंदिर या मस्जिद होने के सबूत मिलेंगे। श्रीकृष्ण जन्मभूमि और मस्जिद पक्ष की ओर से किए जा रहे दावों का सच सामने आ जाएगा। बता दें कि मथुरा केस से जड़ी सभी 18 याचिकाओं पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई हो रही है।
पिछले दिनों हाईकोर्ट ने मथुरा स्थित श्रीकृष्ण जन्मभूमि शाही ईदगाह परिसर का अधिवक्ता आयुक्त (एडवोकेट कमिश्नर) से सर्वे कराए जाने की मांग से जुड़ी अर्जी मंजूर कर ली थी। इसके साथ ही शाही ईदगाह के सर्वे कमिश्नर की नियुक्ति, सर्वे के तौर-तरीकों और शर्तों पर सुनवाई के लिए 18 दिसंबर की तारीख तय कर दी थी। हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ मुस्लिम पक्ष सुप्रीम कोर्ट में गया था लेकिन सर्वोच्च अदालत ने भी अधिवक्ता सर्वे को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा है।