लोकसभा-राज्यसभा MP कोटे पर रेल टिकट का खेल, बिहार से सैंकड़ों फर्जी लेटरपैड बरामद; आंध्रप्रदेश में केस
पटना
सांसद के वीआईपी कोटा पर रेल टिकट कन्फर्म कराने के देश स्तर पर चल रहे फर्जीवाड़े के तार बिहार के मुजफ्फरपुर से जुड़ गए हैं। इस रैकेट का नेटवर्क देश भर में फैला है। आंध्रप्रदेश के विशाखापट्टनम में दर्ज केस में मुजफ्फरपुर में जांच चल रही है। रैकेट के मास्टरमाइंड के सदर थाना के श्रीनगर कॉलोनी, डुमरी और तुर्की ओपी के लदौड़ा स्थित ठिकाने पर छापेमारी की गई। विशाखापटनम रेल सुरक्षा बल की टीम ने मुजफ्फरपुर आरपीएफ और सदर थाने की पुलिस के सहयोग से छापेमारी की। स्थानीय पुलिस कर्मियों ने बताया कि 200 से अधिक लोकसभा और राज्यसभा सांसदों के नाम के लेटरपैड जब्त किए गए हैं। इस मामले में कई लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।
बताया जा रहा है कि देश के अलग-अलग राज्यों के रेल टिकट दलाल श्रीनगर कॉलोनी निवासी मास्टरमाइंड को केवल पीएनआर नंबर मैसेज करते थे और वह मुजफ्फरपुर से ही सांसदों के लेटरपैड का उपयोग कर टिकट कन्फर्म करा देता था। फर्जी तरीके से सांसदों का लेटरपैड मिलने के मामले में अलग से सदर थाने में एफआईआर दर्ज करने की आरपीएफ ने कवायद शुरू कर दी है। ईस्ट रेलवे के विशाखापटनम आरपीएफ के रिजर्व अधिकारी इंस्पेक्टर आर. कुमार राव ने सदर थाने में इस बावत एक प्रतिवेदन देकर जांच के दौरान पुलिस सुरक्षा की मांग की है।
आंध्रप्रदेश से आए अधिकारी ने सदर थाने की पुलिस को बताया है कि विशाखापटनम के मारूपुलम आरपीएफ पोस्ट में सांसद के फर्जी लेटरपैड पर टिकट कन्फर्म कराने से संबंधित फर्जीवाड़े का मामला दर्ज है। मारूपुलम में बीते साल एक जून 2022 को ही केस दर्ज किया गया था। इस कांड में वीआईपी कोटा पर यात्रा करने वाले यात्री से लेकर रेल टिकट बुक करने वाले तक को हिरासत में लेकर आरपीएफ ने पूछताछ की है। इसके बाद मुजफ्फरपुर के मास्टरमाइंड की जानकारी आरपीएफ को हुई है। यह शातिर सदर थाना के श्रीनगर कॉलोनी में रहता है। उसके घर की तलाशी ली गई तो आंध्रप्रदेश से आई पुलिस टीम चौंक गई। घर से सांसदों के सैंकड़ों फर्जी लेटरपैड बरामद किए गए।
पूर्व सांसद अनिल सहनी को हुई थी सजा
मुजफ्फरपुर के पूर्व राज्यसभा सांसद अनिल सहनी को वीआईपी कोटे के फर्जीवाड़ा मामले में ही सजा हो चुकी है। उनको सजा मिलने के बाद कुढ़नी विधानसभा से सदस्यता समाप्त हो गई थी। अनिल सहनी के लेटरपैड पर वीआईपी कोटा फर्जीवाड़ा हुआ था